Saturday, 1 February 2025

बजटकुंभ में आमआदमी की भी लगी डुबकी

बजटकुंभ में आमआदमी की भी लगी डुबकी  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट सिर्फ मोदी सरकार की वित्तिय दशा मजबूत करने और देश में विकास की रफ्तार बढ़ाने पर है, बल्कि बसंत पंचमी के अमृत स्नान से पहले आम आदमी को भी संगम में खुशियों की डुबकी लगवा दी। यह बजट सिर्फ आम आदमी के भरोसे और विश्वास को बढ़ाने वाला है, बल्कि विकसित भारत के लिए आवश्यकताएं, आकांक्षाएं और कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता वाला है। वित्त मंत्री का यह बजट 12 लाख रुपये की आय वालों के लिए अब इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इस राहत का हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा था। बजट में सबसे ज्यादा फोकस गरीब, युवा, अन्नदाता नारी शक्ति पर है। या यूं कहे यह बजट वादे को पूरा करने का भरोसा और भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार विकास प्रदर्शन करने के साथ ही समावेसी विकास के लिए उल्लेखनीय होगा। मतलब साफ है इस बार का बजट देश के मिडिल क्लास को खासतौर पर ध्यान में रखकर बनाया गया है. आम तौर पर देश का बजट हो राजनीतिक दल, दोनों ही के फोकस में हमेशा गरीब और किसान होते थे. पर अब नेता भी मिडिल क्लास, जिनकी आबादी लगभग 46 करोड़ है, की चर्चा कर रहे हैं. कहा जा सकता है मोदी ने अपनी फेवरेट इन 4 जातियों को खूब लुभाया है। इसकी गवाही विपक्ष की ओर से जातिगत जनगणना कराने की मांग को लेकर पीएम मोदी द्वारा कहीं गयी वो बातें खुद दे रही है, जिनमें उन्होंने कहा है कि देश में किसान, गरीब, महिला और युवा जैसी 4 ही जातियां हैं। यदि इन वर्गों का कल्याण कर दिया जाए तो फिर देश का तेजी से विकास होगा

सुरेश गांधी

फिरहाल, मोदी सरकार के बजट ने जनता को सुनहरे भारत की तस्वीर दिखाई है। टैक्स निवेश को लेकर आम लोगों को फायदा दिया है। जिसकी आय 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष है, उनके टैक्स की लिमिट बढ़ाकर खुश होने का मौका दिया है। इतना ही नहीं, इसपर स्टैंडर्ड डिडक्शन भी 75000 रुपये लागू होगा. जिसके बाद 12 लाख 75000 रुपये की सालाना इनकम पर 0 टैक्स देनदारी बनेगी। यह अलग बात है कि आयकर एक्ट बिल लाने की घोषणा कर संशय की स्थिति भी खड़ी कर दी है। हालांकि माना जा रहा है कि बिल आयकर कानून के सरलीकरण पर रहेगा, लेकिन जब तक बिल सामने नहीं जाता, तब तक नए प्राविधान क्या होंगे, इस पर दिल अटका रहेगा। वैसे भी मोदी सरकार की नीति रेवड़ियां बांटने वाली नहीं रही है। लेकिन फैसलों का अंदाज हमेशा चकित करने वाला जरुर रहा है। खास यह है कि बजट में लगातार दूसरी बार रेलवे को रेकार्ड 2.64 लाख करोड़ आवंटित किए गए और 4.60 लाख करोड़ के प्रोजेक्टों को भी मंजूरी दी गयी है। इसके साथ अलग-अलग श्रेणियों की करीब 350 नई ट्रेने संचालित करने की घोषणा की गयी है। दावा है कि अगले एक साल में 200 वंदे भारत, 100 अमृत भारत और 50 नमो भारत ट्रेने चलाये जायेंगे। 

इसके अलावा बजट में सीधे कोई नई नौकरियां देने की बात नहीं कहीं गयी है लेकिन अप्रत्यक्ष रुप से कई ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया हैजिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। एमएसएमई को बड़े पैमाने पर दक्षता, तकनीकी विकास और पूंजी तक बेहतर पहुंच की सुविधा देने के लिए सभी एमएसएमई के लिए निवेश और कारोबार की सीमाओं को क्रमशः 2.5 और 2 गुणा तक बढ़ाया जायेगा। इससे वे बड़े उद्यम बनकर ज्यादा युवाओं को रोजगार दें सकेंगे। उनका ऋण गारंटी कवर भी बढ़ाया जायेगा। आईआईटी और मेडिकल की सीटें बढ़ाई जायेंगी। र्स्टाटअप को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार करोड़ का र्स्टाटअप फंडस ऑफ फंडस बनाने की व्यवस्था की गयी है। इससे देश में कई सेक्टर में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

सरकार का फोकस बिहार पर भी दिखा, जहां इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। सीतारमण ने बिहार के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की स्थापना करने का ऐलान किया। राज्य में आइआइटी का विस्तार होगा। मखाना बोर्ड के गठन की सरकार के ऐलान से बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र, खासकर दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, सुपौल और मधेपुरा जिलों के पांच लाख से ज्यादा किसानों को लाभ मिलने की संभावना है. दिलचस्प बात यह है कि बिहार में मखाना का उत्पादन करने वाले अधिकांश क्षेत्र एनडीए का गढ़ हैं और इनका प्रतिनिधित्व बीजेपी और जेडी-यू के सांसद करते हैं. यह स्पष्ट संकेत है कि राज्य में मखाना बोर्ड स्थापित करने की घोषणा से मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्र में आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए का वोट बैंक मजबूत होगा. इसके अलावा सरकार की मंशा है कि कपास उत्पादकता मिशन का गठन कर कपास के प्रोडक्शन और ट्रांसपोर्टेंशन को बढ़ावा देगी। सीतारमण ने बिहार के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की स्थापना करने का ऐलान किया। राज्य में आइआइटी का विस्तार होगा। मखाना बोर्ड और 3 नए एयरपोर्ट भी बनाए जाएंगे।

यहां जिक्र करना जरुरी है कि भारत की राजनीति शुरू से ही गरीब केंद्रित रही है. कांग्रेस हो या बीजेपी सभी की रणनीति गरीबी हटाने के इर्दगिर्द ही रहती रही है. देश में उदारीकरण के बाद लगातार ऐसी नीतियां और नियम कानून बने जो अमीरों के लिए हित में थे. इसके बाद भी मूल फोकस पर गरीब ही रहे. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जैसा उदारीकरण का समर्थक अर्थशास्त्री भी अपने 10 साल के कार्यकाल में ऐसी योजनाओं पर खूब पैसा बहाया जो गरीबों के उत्थान के लिए बनी थीं. 2014 के बाद नरेंद्र मोदी सरकार से उम्मीद थी कि मध्यवर्ग को ध्यान में रखकर फैसले लिए जाएंगे पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जितनी गरीबोन्मुख योजनाएं बनाईं गईं उतनी तो इंदिरा गांधी के समय भी नहीं बनीं. पर अब स्थितियां बदलती हुई नजर रही हैं. 2025 का बजट बताता है कि अब सरकार मिडिल क्लास को एक बहुत बड़े वोट बैक के रूप में देख रही है. ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या अगले चुनावों तक भारत में मिडिल क्लास किंगमेकर की भूमिका पहुंचने वाला है? जिसकी आबादी लगभग 43 से 47 करोड़ के आसपास है, जो 2046-47 तक 100 करोड़ तक बढ़ सकता हैं. कहा जा सकता है यह बजट केवल सैलरीड पर्सन के लिए छूट दी गई, बल्कि कृषि से लेकर डिफेंस तक के लिए खजाना खोला गया है। या यूं कहे यह बजट किसानों, मिडिल क्लास और गरीबों का है। यह बजट आम आदमी का जेब भरने वाला है। इस बजट से केवल निजी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस बजट में अमीर और गरीब के साथ-साथ गांवों और शहरों के बीच की खाई को पाटने के प्रावधान किया गया हैं। युवाओं, महिलाओं और मध्यम वर्ग को बड़ा लाभ होगा। रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है, जो पिछले साल के बजट आवंटन से लगभग 9.5 प्रतिशत अधिक है और रक्षा बलों का आधुनिकीकरण करने में आसानी होगी। कर राहत से मध्यम वर्ग और वेतनभोगी कर्मचारियों को लाभ होगा। किसानों के लिए घोषणाएं कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति लाएंगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए बजट में किये गए प्राविधानों से भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर चमकने का अवसर मिलेगा। मतलब साफ है वित मंत्री निर्मला सीता रमण ने बजट में गरीब, युवा, किसान और नारी शक्ति पर विशेष ध्यान दिया है। मिडिल क्लास पर जमकर अपना प्यार स्नेह लुटाया है। कहा जा सकता है यह बजट मिडिल क्लास पर मेहरबान और आम आदमी को बमबम करने वाला बजट है। मध्य वर्ग और नौकरी पेशा समुदाय के लिए यह बजट राहत वाला है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट केवल सैलरीड पर्सन के लिए छूट दी गई, बल्कि कृषि से लेकर डिफेंस तक के लिए खजाना खोला गया। या यूं कहे यह बजट किसानों, मिडिल क्लास और गरीबों का का है। यह बजट आम आदमी का जेब भरने वाला है। इस बजट से केवल निजी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

एमएसएमई क्षेत्र को क्रेडिट गारंटी कवर को दोगुना करने और ₹1.5 लाख करोड़ जोड़ना बेहतर कदम है। इससे स्टार्ट-अप को बढ़ावा मिलेगा और विनिर्माण केंद्रों को बढ़ावा मिलेगा। फुटवियर, चमड़ा और खिलौना विनिर्माण उद्योगों पर बजट का ध्यान जमीनी स्तर पर नौकरियों को बढ़ावा देगा। इस बजट में अमीर और गरीब के साथ-साथ गांवों और शहरों के बीच की खाई को पाटने के प्रावधान किया गया हैं। युवाओं, महिलाओं और मध्यम वर्ग को बड़ा लाभ होगा। रोजगार के अवसर पैदा होंगे। चमड़ा और जूते के क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 22 लाख से अधिक रोजगार पैदा हो सकते हैं। सूती वस्त्र और परिधान उद्योग में रोजगार पैदा होंगे। कौशल विकास पर जोर और पिछले साल घोषित की गई 5 पीएम योजनाएं भी हमारे युवा पुरुषों और महिलाओं को अधिक रोजगार योग्य और रोजगार के लिए योग्य बनाएंगी, उन्हें कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण देंगी और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेंगी। यह एक बहुत ही समग्र बजट है जो आम आदमी को प्रभावित करेगा, जो मध्यम वर्ग को प्रभावित करेगा और इसका मतलब है कि अधिक डिस्पोजेबल आय होगी, जिससे बाजार में मांग को बढ़ावा मिलेगा। यह विकसित भारत 2047 की नींव तैयार करने वाला बजट है। रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है, जो पिछले साल के बजट आवंटन से लगभग 9.5 प्रतिशत अधिक है और रक्षा बलों का आधुनिकीकरण करने में आसानी होगी। कर राहत से मध्यम वर्ग और वेतनभोगी कर्मचारियों को लाभ होगा। किसानों के लिए घोषणाएं कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति लाएंगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए बजट में किये गए प्राविधानों से भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर चमकने का अवसर मिलेगा।

बता दें, सरकार ने किसानों यानी कि अन्नदाता के लिए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजनाकी शुरुआत की है. इस योजना के तहत देश के 100 विकासशील जिलों में खेती की पैदावार को बढ़ाने, फसल कटाई और भंडारण के लिए सुविधा बढ़ाई जाएगी. किसानों को लोन मिलने में सुविधा होगी. सिंचाई सुविधाओं में इजाफा किया जाएगा. इसका फायदा 1.7 करोड़ किसानों को मिलेगा. सरकार दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए तूर, उड़द और मसूर दालों की खेती पर विशेष ध्यान देगी. इसके तहत नेफेड औऱ दूसरी केंद्रीय एजेंसियां किसानों से अगले 4 सलों तक दाल की खरीद करेंगी. सरकार ने सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि सब्जियों और फलों के उत्पादन, सप्लाई, प्रोसेसिंग और किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सके इसके लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम शुरू करेगी. इतना ही नहीं सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है. सरकार ने घोषणा की है कि यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाले एक प्लांट की स्थापना की जाएगी. युवा उद्यमियों को सरकार ने कई राहत देने की घोषणा की है. इसके तहत एमएसएमई सेक्टर के लिए मिलने वाले कर्ज अब 5 करोड़ से बढ़कर 10 करोड़ हो गए हैं. उद्यम पोर्टल पर रजिस्टर्ड छोटे उद्योगों के लिए 5 लाख की सीमा वाले 10 लाख क्रेडिट कार्ड सरकार जारी करेगी.

देखा जाएं तो मोदी सरकार ने पहली बार के उद्यमियों के लिए नई योजना शुरू की है. इसके तहत पांच लाख महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को 2 करोड़ तक का लोन दिया जाएगा. देश भर की महिलाओं को आंगनवाड़ी योजना के तहत देश भर में 8 करोड़ से अधिक बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा. सरकार ने बच्चों में जिज्ञासा और नवाचार की भावना पैदा करने के लिए अगले 5 सालों में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने की घोषणा की है. सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सरकार भारत नेट परियोजना के तहत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ेगी. मेडिकल कॉलेज में सरकार 10000 सीटें बढ़ाएगी. इससे देश में हर साल अब 10 हजार नए डॉक्टर बनेंगे. कैंसर जैसी भयावह बीमारी से जूझ रहे लोगों और परिवारों को राहत देने के लिए सरकार अगले 3 सालो में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर केंद्र बनाएगी. 2025-26 में ही ऐसे 200 केंद्र बनाए जाएंगे. मध्य वर्ग की हवाई यात्रा के सपने को उड़ान देते हुए सरकार ने अगले 10 सालों में 120 स्थानों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने का फैसला किया है. इस 4 करोड यात्री लाभान्वित होंगे.

वित्त मंत्री कई वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की घोषणा की है, जिससे कुछ चीजों के दाम कम होने की उम्मीद है. ये चीजे हैं, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां, 36 जीवनरक्षक दवाएं, कैंसर की दवाएं, इलेक्ट्रिक गाड़ी, मोबाइल फोन, मोबाइल बैटरी, लेदर गुड्स और एलईडी टीवी. इस घोषणा के बाद आम आदमी काफी राहत की उम्मीद कर रहा है. मिडिल क्लास के लिए बजट की सबसे बड़ी घोषणा है आयकर के लिए सीमा निर्धारण में बड़ी छूट. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय (कैपिटल गेन छोड़कर) पर कोई कर नहीं लगेगा. जो लोग वेतनभोगी कर्मचारी हैं उनके लिए ये सीमा 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ 12.75 लाख हो जाएगी. यानी कि अब 12.75 तक आय कर मुक्त होगी. सरकार का दावा है कि यह बजट 140 करोड़ भारतीयों के आकांक्षाओं का बजट है. इनमें मैन्युफैक्चरिंग, एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी  और महिला उद्यमिता मिशन शामिल है. मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाने के लिए मैन्युफेक्चरिंग मिशन के जरिए छोटे-मध्यम और बड़े उद्योगों को कवर मिलेगा.

सरकार भारत के फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट नीति और सुविधाओं को लागू करेगी. खिलौनों के लिए नेशनल एक्शन प्लान के आधार पर खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय पेश किए जाएंगे. भारत को खिलौनों के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना होगा, जिसमें क्लस्टर, कौशल और एक वविनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इससेमेड इन इंडियाब्रांड का प्रतिनिधित्व करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले टिकाऊ खिलौने तैयार किए जाएंगे. 4. 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाने वाली बड़ी घोषणाएं की गईं. जैसे प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत सरकार राज्य के साथ साझेदारी में कृषि जिला कार्यक्रम शुरू करेगी. इससे कम उत्पादकता, मध्यम फसल तीव्रता और औसत से कम ऋण मापदंडों वाले 100 जिलों को लक्षित किया जाएगा

कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का ऐलान किया है. यह योजना 100 जिलों को कवर करेगी. इसका उद्देश्य फसल विविधीकरण, भंडारण बढ़ाना, सिंचाई में सुधार करना और किसानों के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण की सुविधा प्रदान करना. बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापनालान किया गया है. दालों के लिएआत्मनिर्भरता मिशनशुरू किया गया है. यह कार्यक्रम 6 सालों तक चलेगा. असम में यूरिया आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा. असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की सलाना क्षमता वाला संयंत्र स्थापित किया जाएगा. पूर्वी क्षेत्र में 3 निष्क्रिय यूरिया संयंत्रों को फिर से पहले ही खोल दिया गया है. केंद्र बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान स्थापित करेगा. केंद्र वैश्विक साझेदारी के साथ कौशल विकास के लिए 5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र विकसित करेगा. आईआईटी पटना का विस्तार किया जाएगा. सभी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे. पहली बार उद्यम करने वाली 5 लाख अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की महिलाओं के लिए नई योजना दी है। 

बजट में इस बार इलैक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां, 36 जीवनरक्षक दवाएं, कैंसर की दवाएं, इलेक्ट्रिक गाड़ी, मोबाइल फोन, मोबाइल बैटरी, फिश पेस्ट, लेदर गुड्स, स्म्क् टीवी सस्ते हो जाएंगे। वहीं फ्लैट पैनल डिस्प्ले, टीवी डिस्प्ले फैबरिक महंगे हो जाएंगे। कैंसर की दवाइयां भी अब लोगों के लिए कम रेट में उपलब्ध रहेंगी और कस्टम ड्यूटी उनसे हटा दी जाएगी। अगर कोई सैलरी वाला आदमी अब विदेश में खुद का या अपने परिवार का इलाज करवाना चाहता है तो उसे बड़ी राहत मिलने वाली है। असल में कर्मचारी अब किसी भी खर्च के लिए टैक्स फ्री पर्क लेने के पात्र हो जाएंगे। मौजूदा समय में ऐसे टैक्स फ्री पर्क पाने की लिमिट 2 लाख रुपए चल रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स को टैक्स बेनिफिट लेने के लिए कंपनी बनाने की समय सीमा 5 साल और बढ़ा दी है। इसके ऊपर सरकार ने अब ऐलान कर दिया है कि 5 लाख महिलाओं, एससी और एसटी उद्यमियों के लिए 2 करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा।

 

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