Friday, 4 April 2025

सुकर्मा, रवि, पुष्य व सर्वार्थ सिद्धि योग में 6 को मनेगा रामनवमी

सुकर्मा, रवि, पुष्य सर्वार्थ सिद्धि योग में 6 को मनेगा रामनवमी 

राम नवमी के दिन पशु वध और मांस की बिक्री पूरी तरह बंद रहेगी

24 घंटे का होगा श्रीरामचरिमानस का अखंड पाठ

दावा : इस योग में किए गए कार्य, विशेष रूप से व्यापार, निवेश और धार्मिक अनुष्ठान, अत्यधिक शुभ फल प्राप्त होगा

सुरेश गांधी

वाराणसी। शहर से लेकर देहात तक में राम नवमी को लेकर खाय तैयारी चल रही है. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जनपदों को खास निर्देश दिए हैं. राम नवमी के दिन पशु वध और मांस की बिक्री पूरी तरह बंद रहेगी. सीएम योगी ने बूचड़खानों को लेकर खास निर्देश दिए हैं. साथ ही सभी जनपदों में 24 घंटे का श्रीरामचरिमानस का अखंड पाठ कराने के निर्देश दिए हैं. 5 अप्रैल दिन शनिवार को दोपहर से अखंड मानस पाठ शुरू किया जाए. इसकी पूर्णाहुति 6 अप्रैल को श्रीरामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में श्रीरामलला के सूर्य तिलक के साथ की जाए. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी जनपदों में देवालयों और मंदिरों में जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही है. यूपी नगर निगम अधिनियम 1959 और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 एवं 2011 के प्रावधानों के तहत, योगी सरकार ने अधिकारियों को उल्लंघन करने वालों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं

वैसे भी प्रभु राम को प्रसन्न करने के लिए राम नवमी का दिन सर्वश्रेष्ठ होता है. इसी दिन प्रभु राम का जन्म हुआ था. इस साल रामनवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। ज्योतिषियों के मुताबिक इस दिन सुकर्मा योग, रवि योग, रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि और पुष्य नक्षत्र का संयोग है। इस दिन रवि पुष्य योग प्रातः 618 बजे से शुरू होकर अगले दिन 7 अप्रैल को प्रातः 617 बजे तक रहेगा. इसे अत्यंत शुभ योग माना जाता है, जो शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायक होता है. दावा है कि इस योग में किए गए कार्य, विशेष रूप से व्यापार, निवेश और धार्मिक अनुष्ठान, अत्यधिक शुभ फल प्रदान करते हैं. इस विशेष संयोग में भगवान राम की पूजा, सुंदरकांड का पाठ, हनुमान चालीसा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है.

भगवान राम मध्य दोपहर में कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे थे. इसलिए रामनवमी पर मध्य दोपहर में भगवान राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए. बता दें, सर्वार्थ सिद्धि योग 6 अप्रैल को पूरे दिन रहेगा, जो किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने के लिए उत्तम माना जाता है. रवि योग 6 अप्रैल को रहेगा, जो नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है और कार्यों में सफलता दिलाता है. सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि पुष्य योग का संयोग दुर्लभ है, जो बहुत ही फलदायी होता है, खासकर संपत्ति, वाहन या स्वर्ण आभूषण खरीदने के लिए. जबकि रवि पुष्य योग में किए गए कार्य दीर्घकालिक लाभ देते हैं. इस दिन सोना खरीदना, व्यापार का शुभारंभ, नया कार्य आरंभ करना या आध्यात्मिक अनुष्ठान करना अत्यंत लाभकारी रहेगा. ज्योतिषियों के अनुसार, यह योग शनि के दोषों को कम करने में सहायक होता है, जिससे कुंडली में शनि से प्रभावित जातकों को राहत मिल सकती है. चूंकि प्रभु राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था इसलिए राम नवमी की पूजा अभिजीत मुहूर्त में करना विशेष शुभ माना जाता है. इस साल राम नवमी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक है.

कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करता है उस पर मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। देखा जाएं तो राम नवमी के खास मौके पर हमें प्रभु श्री राम के जीवन से कुछ सीख लेनी चाहिए। उनके आदर्शो को अपने जीवन में उतारकर अच्छे से पालन करना चाहिए. भगवान राम की इन आदतों को अपनाने वाला इंसान जीवन की हर बाधा को पार करने में सक्षम हो जाता है. वह कठिन से कठिन परिस्थितियों को आसानी से निपटने में निपूण हो जाता है. आखिर श्रीराम ने कैसे 14 वर्षों तक वनवास में रहकर संयम के साथ कार्य किया था. उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में ऐसे ही काम करना चाहिए. जीवन में ज्ञान बहुत मायने रखता है, क्योंकि ज्ञान के जरिए इंसान अपने लक्ष्य को हासिल करता है. ऐसे में व्यक्ति को हर क्षेत्र का बखूबी ज्ञान होना जरूरी है, क्योंकि इसी के बदोलत वह हर कम को अच्छे से जानकार आगे की ओर बढ़ सकता है.

श्री राम ने भी अपने जीवन में ज्ञान की हर कसौटी को हासिल किया था. हमें अपने जीवन में सबके साथ अच्छा संबंध बनाकर रखना चाहिए. चाहे वो दोस्ती हो, या फिर प्रेम सबके साथ अच्छे से व्यवहार करना चाहिए. इस राम नवमी आप अपने ऊपर ये गुण उतार सकते हैं. प्रभु राम के जीवन से हमें सीख लेनी चाहिए कि हमें दूसरों के प्रति मदद की भावना रखना चाहिए. जरुरतमंद लोगों की हर मुश्किल परिस्थितियों में साथ देना चाहिए. प्रभु राम को आदर्श पुरुष और महान योद्धा के रूप में पूजा जाता है. प्रभु राम भगवान विष्णु के सातवे अवतार हैं. प्रभु राम की पूजा-उपासना करने से साधक को सद्बुद्धि मिलती है, हर काम में विजय मिलती है. साथ ही जातक की अध्यात्मिक उन्नति होती है.

कन्या पूजन

कन्याओं को अपने घर पर पूजन के लिए सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें। ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2 साल से 10 साल के बीच होनी चाहिए। अब जैसे ही कन्याएं आपके घर पधारती हैं तो फूल और माला पहनाकर उनका स्वागत करें। इसके बाद साफ पानी से उनके पैर धोएं। अब कन्याओं के लिए तैयार किए गए आसन पर उन्हें बैठाएं और फिर हाथों में कलाव और माथे पर तिलक लगाएं। कन्याओं के सिर पर लाल रंग की एक चुनरी रखें। अब कन्याओं को भोजन में पूड़ी, हलवा, काले चने, खीर, नारियल, फल इत्यादि चीजों को एक थाली में सजाकर उन्हें परोसें। इसके बाद कन्याओं से भोजन ग्रहण करने का आग्रह करें। जब कन्याएं भोजन कर लें तो उन्हें उपहार में किसी तरह की वस्तु या अपनी श्रद्धानुसार दक्षिणा आदि दें। कन्याओं की विदाई करते समय उनके पैर छूकर उन्हें फिर आने का निमंत्रण देकर विदा करें।

पूजा विधि

राम नवमी की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद एक चौकी पर भगवान श्री राम, सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें। अब भगवान राम को चंदन फूल, अक्षत, धूप अर्पित करें। इसके बाद घी से दीप जलाकर प्रभु राम समेत अन्य भगवान की पूजा करें। इस दौरान देवी-देवताओं को मिठाई और फलों का भोग लगाएं। राम नवमी पूजन के समय श्रीरामचरितमानस, सुंदरकांड या रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। अंत में प्रभु श्री राम की आरती करें और क्षमा प्रार्थना करें।

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