कारपेट इंडस्ट्री के विकास के लिए उनका पूरा समर्थन है और वे हमेशा निर्यातकों के साथ खड़े रहेंगे : गिरिराज सिंह
उद्घाटनोपरांत गिरिराज
सिंह
ने
एक्सपो
में
विभिन्न
कालीन
स्टालों
का
अवलोकन
किया
और
विभिन्न
प्रकार
के
रंग
बिरंगी
कालीनों
को
देखकर
निर्यातकों
का
उत्साहवर्धन
भी
किया
पहले दिन
34 देशों
के
125 विदेशी
आयातक
एवं
75 उनके
प्रतिनिधियों
ने
प्रतिभाग
किया
सुरेश गांधी
वाराणसी। कारपेट इंडस्ट्री के विकास के लिए सरकार हरसंभव मदद व सहयोगी करेगी।
वे हमेशा निर्यातकों के साथ खड़े रहेंगे। यह बातें केन्द्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहीं। वे सोमवार को कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा भारत मंडप्पम के हाल नंबर 1 में आयोजित चार दिवसीय इंडिया कारपेट एक्स्पों के शुभारम्भ के दौरान मुख्य अतिथि के रुप में निर्यातकों को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले गिरिराज ने हस्तशिल्प विकाश आयुक्त एवं आईएएस श्रीमती अमृत राज तथा सीईपीसी चेयरमैन कुलदीप राज वट्टल की उपस्थिति में दीप जलाकर किया।
उद्घाटनोपरांत गिरिराज सिंह ने एक्सपो में विभिन्न कालीन स्टालों का दौरा किया। इस दौरान विभिन्न प्रकार के रंग बिरंगी कालीनों को देखकर निर्यातकों का उत्साहवर्धन भी किया। उन्होंने कहा कि उद्योग के विकाश हेतु उनका पूरा समर्थन है। वे हमेशा निर्यातकों के साथ खड़े है। इस दौरान उन्होंने निर्यातकों को उद्योग की विकाश हेतु सरकार का पूरा सहयोग कराने का आश्वाशन भी दिया। उन्होंने कहा कि इंडिया कार्पेट एक्सपो एशिया के सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक है, जहां खरीदारों को एक ही छत के नीचे बेहतरीन हस्तनिर्मित कालीन, गलीचे और अन्य फ़्लोर कवरिंग खरीदने का अनूठा मंच मिलता है।
160 प्रदर्शकों की भागीदारी के साथ, यह हस्तनिर्मित कालीनों के लिए दुनिया भर में एक लोकप्रिय गंतव्य बन गया है।
सीईपीसी के चेयरमैन कुलदीप राज वाटल ने कहा, पहले दिन लगभग 34 देशों से रिकॉर्ड संख्या में 125 विदेशी आयातक, मुख्य रूप से अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, फ्रांस, कनाडा, इसराइल, टर्की, जापान, रुस, इटली, स्वीडेन, जर्मनी, नीदरलैंड, पोलैंड और 75 आयातकों के प्रतिनिधियों ने एक्स्पों में भाग लेकर निर्यातकों से पूछताछ एवं आर्डर दिए। उन्होंने कहा कि इंडिया कार्पेट एक्सपो अंतर्राष्ट्रीय कालीन खरीदारों एवं उनके प्रतिनिधियों, आर्किटेक्ट्स और भारतीय कालीन निर्माताओं और निर्यातकों के लिए एक आदर्श मंच है, जहां वे एक-दूसरे से मिलकर दीर्घकालिक व्यापारिक संबंध स्थापित कर सकते हैं।
यह प्रदर्शनी हस्तनिर्मित कालीन के भारतीय निर्यात को और अधिक नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री वट्टल ने कहा कि एक्स्पों में भाग लेने वाले निर्माताओं और निर्यातकों के लिए यह जबरदस्त व्यावसायिक अवसर हैं, क्योंकि दुनिया भर से हस्तनिर्मित कालीनों के कई प्रमुख खरीदार इस शो में भाग ले रहे है। इनसे निकट भविष्य में हज़ारों करोड़ से अधिक के ऑर्डर निष्पादित होने की उम्मीद है। कालीन एक्सपो में नए डिज़ाइन प्रदर्शित किए जा रहे हैं।अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल ने कहा कि परिषद का प्रयास कालीन आयातकों के साथ-साथ निर्माता-निर्यातकों को विशेष व्यावसायिक वातावरण प्रदान करना है, जिससे अंततः इस अत्यधिक श्रम गहन ग्रामीण आधारित एमएसएमई कुटीर उद्योग में कार्यरत लगभग 2 मिलियन बुनकरों और कारीगरों को लाभ होगा।
कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक डाक्टर स्मिता नागरकोटी ने प्रसन्नता व्यक्त की और आशा व्यक्त की कि यह एक्सपो नए मील का पत्थर स्थापित करेगा और इसका अंतिम लाभ बुनकरों और उनके परिवारों को मिलेगा। उद्घाटन समारोह में प्रशानिक समिति के सदस्य अनिल कुमार सिंह, असलम महबूब, महाबीर प्रताप, बोधराज मल्होत्रा, वासीफ़ अंसारी, दीपक खन्ना, हुसैन जफर हुसैनी, इम्तियाज अहमद, मेहराज यासीन जैन, पीयूष कुमार बरनवाल, रोहित गुप्ता, संजय गुप्ता, शौकत खान और शेख आशिक अहमद के साथ अन्य निर्यातक सदस्य के अलावा कार्यकारी निदेशक सह-सचिव डाक्टर स्मिता नागरकोटी भी मौजूद रही।
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