Tuesday, 10 June 2025

काशी में आस्था पर कलंक : दर्शन के नाम पर वसूली, 21 दलाल धराए

काशी में आस्था पर कलंक : दर्शन के नाम पर वसूली, 21 दलाल धराए 

श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं से उगाही कर रहे गिरोह का भंडाफोड़, पुलिस ने मारा छापा 

कई महीनों से चल रही थी अवैध उगाही, पुलिस ने सादे कपड़ों में की कार्रवाई

सुरेश गांधी

वाराणसी। मोक्ष की नगरी काशी, जहां लोग ईश्वर के दर्शन के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा कर आते हैं, वहीं श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले गिरोह की काली करतूत सामने आई है। काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन कराने के नाम पर अवैध वसूली करने वाले 21 लोगों को पुलिस ने धरदबोचा है। कार्रवाई एसीपी दशाश्वमेध डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी के नेतृत्व में हुई, जिसने मंदिर क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है।

अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या ये लोग अकेले काम कर रहे थे या इनके पीछे कोई बड़ी साजिश है? क्या मंदिर परिसर में प्रशासनिक मिलीभगत भी है? आखिर इतने महीनों तक इनकी करतूतें कैसे छुपी रहीं? क्या आगे होगी बड़ी साजिश की परतें खुलासा? अब पुलिस की जांच का फोकस इस बात पर है कि क्या ये लोग किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे? क्या इसमें मंदिर से जुड़े किसी स्टाफ या सुरक्षाकर्मी की संलिप्तता है? और सबसे अहम, क्या इससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और अनुभव पर असर पड़ा? आरोप है कि दशाश्वमेध और चौक थाना क्षेत्र से पकड़े गए ये आरोपी खुद को पुजारी बताकर मोटी रकम वसूलते थे. श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार की भी पुष्टि हुई है

बता दें, वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं से फर्जी पंडा-पुजारियों द्वारा ठगी और दुर्व्यवहार की घटनाएं लगातार सामने .ही थीं. इसी को गंभीरता से लेते हुए वाराणसी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 21 फर्जी पंडा-पुजारियों को गिरफ्तार किया है. ये सभी आरोपी श्रद्धालुओं कोसुगम दर्शनऔरटच दर्शनका झांसा देकर मोटी रकम ऐंठते थे और अक्सर उनके साथ दुर्व्यवहार भी करते थे. दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर में कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जिससे इस तरह के फर्जीवाड़े के लिए जमीन तैयार हो गई. ठग खुद को पंडा या पुजारी बताकर श्रद्धालुओं को भ्रमित करते थे. इनमें से कई ने पारंपरिक वेषभूषा भी धारण कर रखी थी, जिससे वे असली पुजारियों जैसे प्रतीत होते थे.

महीनों से चल रहा था गोरखधंधा

सूत्रों के अनुसार, बीते कई महीनों से मंदिर परिसर के आसपास सक्रिय कुछ तथाकथित दलाल श्रद्धालुओं को वीआईपी दर्शन, जल्दी प्रवेश या स्पेशल लाइन का झांसा देकर मोटी रकम वसूल रहे थे। कुछ तो खुद को मंदिर से जुड़ा कर्मचारी बताकर आमजनों को भ्रमित करते थे। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने प्लानिंग के तहत कार्रवाई की। सादे कपड़ों में पुलिस टीम ने श्रद्धालु बनकर मौके की निगरानी की और रंगेहाथ इन दलालों को गिरफ्तार कर लिया।  

आस्था से खिलवाड़ नहीं होने देंगे : एसीपी

एसीपी डॉ. त्रिपाठी ने कहा, काशी विश्वनाथ धाम देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि, चाहे वह दर्शन के नाम पर उगाही हो या श्रद्धालुओं को गुमराह करना, बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि पकड़े गए सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है और पूरे नेटवर्क की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। पुलिस ने मामले की गंभीरतता को देखते हुए सख्त निगरानी की बात कही है. इस मामले में दशाश्वमेध सर्किल के एसीपी डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी के नेतृत्व में दशाश्वमेध और चौक थाना क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया गया. अभियान के दौरन दशाश्वमेध क्षेत्र से 16 और चौक क्षेत्र से 5 फर्जी पंडा-पुजारियों को गिरफ्तार किया गया. खास यह है कि दशाश्वमेध और चौक थाने की दो टीमें बनाकर जब धरपकड़ शुरू की गई तो दशाश्वमेध से 16 और चौक इलाके से 5 ठगों को गिरफ्तार किया गया. ये सभी लोग मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से सुगम दर्शन के नाम पर सिर्फ ठगी और वसूली करते थे, बल्कि उनके साथ बदसलूकी भी करते थे. त्रिपाठी ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में श्रद्धालुओं के साथ ऐसी घटना हो, इसके लिए पुलिस टीम तैयार है.

राहत की बात है, लेकिन सिस्टम सुधरे : श्रद्धालु 

गिरफ्तारी के बाद श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली, लेकिन साथ ही यह मांग भी उठाई कि मंदिर परिसर को पूरी तरह दलाल मुक्त और पारदर्शी बनाया जाए। स्थानीय व्यापारियों ने भी प्रशासन से दृढ़ और स्थायी कदम उठाने की मांग की है ताकि मंदिर की गरिमा बनी रहे।

अब वक्त है पूरे सिस्टम की सफाई का

काशी विश्वनाथ धाम केवल एक तीर्थ है, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं का केंद्र है। यहां दर्शन के नाम पर हो रही उगाही आस्था के नाम पर व्यवसाय का नंगा नाच है। यह कार्रवाई केवल शुरुआत है : अब वक्त है पूरे सिस्टम की सफाई का। क्या आपने भी कभी मंदिर या धार्मिक स्थलों पर ऐसे अनुभव किए हैं जहां किसी ने दर्शन के नाम पर पैसे मांगे होंकर शुरू हुआ। काफी देर चक चली बहस के दौरान श्रद्धालु जसवीर ने मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही है। खास यह है कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, जहां श्रद्धालु आस्था लेकर पहुंचते हैं, वहां पर कुछ लोगों ने श्रद्धा को धंधा बना दिया था। मंदिर में वीआईपी दर्शन कराने के नाम पर अवैध वसूली का खेल चल रहा था। पकड़े गए सभी लोग मंदिर में दर्शन कराने और लाइन से बचाने के नाम पर श्रद्धालुओं से मोटी रकम वसूल रहे थे। यह कार्रवाई एसीपी दशाश्वमेध डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी के नेतृत्व में की गई, जिसमें सादी वर्दी में तैनात पुलिसकर्मियों ने खुद श्रद्धालु बनकर जाल बिछाया।

लंबे समय से मिल रही थीं शिकायतें

पुलिस को लगातार सूचना मिल रही थी कि मंदिर के बाहर कुछ लोग खुद को गाइड, व्यवस्था सहयोगी या कर्मचारी बताकर श्रद्धालुओं को भ्रमित कर रहे हैं और पैसे लेकर दर्शन करवा रहे हैं। इन शिकायतों की पुष्टि के लिए टीम ने खुफिया ढंग से निगरानी की और जैसे ही पुख्ता प्रमाण मिले, कार्रवाई शुरू कर दी।

विश्वनाथ धाम की प्रतिष्ठा बनी रहे

काशी विश्वनाथ धाम केवल एक मंदिर नहीं, भारत की आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। यहां इस तरह की गतिविधियां न केवल कानून व्यवस्था बल्कि सांस्कृतिक सम्मान पर भी चोट करती हैं। प्रशासन को चाहिए कि स्थायी समाधान के लिए एक मज़बूत और पारदर्शी व्यवस्था लागू करे। श्रद्धा के नाम पर खेलना सबसे बड़ा पाप है। काशी की आत्मा को चोट पहुंचाने वाले अब कानून के घेरे में हैं, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है दृ आस्था की पवित्रता को बचाने के लिए सतत निगरानी और जवाबदेही जरूरी है।

अपीलः

काशी में आने वाले श्रद्धालु सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या सुरक्षा कर्मियों को दें। काशी में सिर्फ शिव का नाम गूंजे, दलालों का नहीं दृ यही है सच्ची सेवा और व्यवस्था का धर्म।


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