Wednesday, 2 July 2025

किसानों का ऐलान- ‘जेल भरेंगे लेकिन निजीकरण नहीं स्वीकारेंगे’

किसानों का ऐलान- ‘जेल भरेंगे लेकिन निजीकरण नहीं स्वीकारेंगे’ 

बिजलीकर्मियों का निजीकरण के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

सुरेश गांधी

वाराणसी. देशभर में बिजली के निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन के तहत बुधवार को बनारस के बिजलीकर्मियों ने भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर परिषद के पदाधिकारी भी शामिल हुए। किसानों ने ऐलान  किया कि जिस दिन बिजलीकर्मीजेल भरो आंदोलनशुरू करेंगे, उसी दिन प्रदेश भर के किसान भी जेलों को भरना शुरू कर देंगे, लेकिन बिजली का निजीकरण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रदर्शन के दौरान बिजलीकर्मियों, किसानों, रेलवे कर्मचारियों, एलआईसी समेत विभिन्न संगठनों की यूनियनों ने घोषणा की कि वे 9 जुलाई को बिजली के निजीकरण के खिलाफ एक दिन की देशव्यापी हड़ताल करेंगे। 

किसानों का ऐलान - उड़ीसा जैसा आंदोलन करेंगे

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अफलातून और किसान मजदूर परिषद के अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह ने कहा कि जैसे उड़ीसा में टाटा पावर के कार्यालय के बाहर किसानों ने अपने स्मार्ट मीटर उखाड़कर विरोध दर्ज कराया था, वैसे ही उत्तर प्रदेश के किसान भी निजीकरण के खिलाफ पूरी ताकत से मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि यदि निजीकरण का टेंडर निकला, तो बिना किसी नोटिस के बिजलीकर्मी कार्य बहिष्कार और जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे। किसान इस संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर साथ देंगे।

निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप

. नीरज बिंद ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार घाटे के झूठे आंकड़े दिखाकर पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सात महीने से आंदोलन कर रहे बिजलीकर्मियों से अब तक कोई वार्ता करने को तैयार नहीं है। . एस.के. सिंह ने बताया कि गलत पावर परचेज एग्रीमेंट्स के कारण सरकार को निजी बिजली उत्पादकों को हर साल 6761 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ता है, जबकि कोई बिजली खरीदी नहीं जाती। इसके अलावा महंगी दरों पर बिजली खरीदने के कारण हर साल 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उपभोक्ताओं पर रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब किसानों और बुनकरों को दी जा रही बिजली सब्सिडी को भी घाटा बताया जा रहा है। अगर निजीकरण हुआ तो गरीब उपभोक्ताओं को 10-12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी पड़ेगी, जिससे वे लालटेन युग में लौटने को मजबूर हो जाएंगे।

27 लाख बिजलीकर्मियों की चेतावनी

मदन श्रीवास्तव ने कहा कि आज देशभर में 27 लाख बिजली कर्मचारियों ने एक साथ भोजनावकाश के समय सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों के साथ एकजुटता दिखाई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न हुआ तो पूरे देश के बिजलीकर्मी सड़कों पर उतरेंगे और इसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।

आंदोलन का नेतृत्व और संचालन

सभा की अध्यक्षता . मायाशंकर तिवारी ने की और संचालन विजय नारायण हिटलर ने किया। सभा को .पी. सिंह, रविंद्र यादव, . विजय सिंह, प्रमोद कुमार, रामकुमार झा, धर्मेंद्र यादव, पंकज यादव, रंजीत कुमार, . अमित श्रीवास्तव, उदयभान दुबे, मनोज सोनकर, नवीन कुमार, कृष्णमोहन, रंजीत पटेल, जयप्रकाश समेत कई नेताओं ने संबोधित किया।

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