प्रति घंटे
10 सेंमी
की
रफ्तार
से
बढ़
रहा
गंगा
जलस्तर,
62.28 मीटर
पर
पहुंचीं
बारिश का कहर : गंगा का रौद्र रूप, प्रशासन अलर्ट
घाटों की
सीढ़ियां
डूबीं,
आरती
स्थल
पर
मंडरा
रहा
खतरा,
घाटों
पर
बढ़ी
सतर्कता
तटवर्ती इलाकों
में
प्रशासन
और
जल
पुलिस
अलर्ट
डीएम ने
बाढ़
चौकियों
का
किया
औचक
निरीक्षण
सुरेश गांधी
वाराणसी। देश के पर्वतीय
इलाकों में लगातार हो
रही बारिश का असर अब
वाराणसी में भी दिखाई
देने लगा है। गंगा
का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है
और प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से
गंगा उफान पर हैं।
बुधवार सुबह वाराणसी में
गंगा का जलस्तर 62.28 मीटर
रिकॉर्ड किया गया। दशाश्वमेध घाट
की 15 सीढ़ियां डूब चुकी हैं
और गंगा आरती स्थल
के समीप जलधारा पहुंच
गई है।
अस्सी घाट,
सामनेघाट, भदैनी, जानकी, केदार, पंचगंगा, ललिता घाट, मान सिंह
और दरभंगा घाटों की सीढ़ियों तक
पानी पहुंच चुका है। अस्सी
और सामनेघाट के सामने रेत
के टीले का दो-तिहाई हिस्सा गंगा में समा
चुका है। केंद्रीय जल
आयोग के अनुसार, बुधवार
शाम 6 बजे गंगा का
जलस्तर 62.28 मीटर दर्ज किया
गया, जो सोमवार सुबह
तक 59.32 मीटर था। हालांकि,
अभी गंगा चेतावनी बिंदु
से 8.31 मीटर नीचे बह
रही है लेकिन जिस
तेजी से पानी बढ़
रहा है, प्रशासन ने
स्थिति को गंभीर मानते
हुए घाटों और बाढ़ संभावित
इलाकों में चौकसी बढ़ा
दी है। गर्मी के
दौरान जहां गंगा में
रेत के बड़े-बड़े
टीले नजर आते थे,
वहीं मानसून के आगमन के
बाद हालात तेजी से बदल
रहे हैं। पिछले चार
दिनों से लगातार जलस्तर
में वृद्धि हो रही है।
केंद्रीय जल आयोग की
रिपोर्ट के अनुसार गंगा
का जलस्तर प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से
बढ़ रहा है।
जल पुलिस की सतर्क अपीलः न करें लापरवाही
जल पुलिस ने
स्नानार्थियों और नाविकों से
विशेष सतर्कता बरतने की अपील की
है। नाविकों को हिदायतः क्षमता
से आधे यात्रियों को
ही नाव में बैठाएं,
नाव के अगले हिस्से
में किसी को न
बैठाएं। स्नान करने वालों से
अपीलः बच्चों का हाथ पकड़
कर स्नान करें, जलधारा में गहराई तक
न जाएं। घाट किनारे दुकान
लगाने वालों और निचले इलाकों
के निवासियों से सतर्क रहने
को कहा गया है।
गंगा के जलस्तर में वृद्धि के
बाद घाट किनारे रहने
वाले लोगों और नाविकों ने
अपने सामानों को सुरक्षित स्थानों
पर शिफ्ट करना शुरू कर
दिया है। प्रशासन ने
घाटों और तटवर्ती इलाकों
में एनडीआरएफ, जल पुलिस और
नगर निगम की टीमों
को अलर्ट मोड में रहने
का निर्देश दिया है। जल
पुलिस गंगा किनारे लगातार
पेट्रोलिंग कर रही है
और नाविकों से भीड़भाड़ न
करने की अपील कर
रही है।
गंगा घाटों पर बढ़ी निगरानी
बाढ़ चौकियों का डीएम ने किया औचक निरीक्षण
बुधवार को जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने आदमपुर वरुणापार जोन व प्राथमिक विद्यालय सरैंया में प्रस्तावित बाढ़ चौकियों का औचक निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ चौकियों पर समय से पीने के पानी, शौचालय, हाईजेनिक किचन, गैस कनेक्शन, टेंट, चिकित्सकीय सुविधा, विद्युत सुरक्षा, फॉगिंग और चूने के छिड़काव की व्यवस्था पूरी कर ली जाए। डीएम ने स्पष्ट किया कि बाढ़ आने पर यहां लगभग 30 से 35 परिवार, यानि करीब 250 से 300 लोग शरण लेते हैं। सभी के रहने, खाने और स्वास्थ्य की समुचित व्यवस्था रहे। भोजन मेन्यू के अनुसार गुणवत्तापूर्ण और समय पर उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाए। डीएम ने विद्यालय में बच्चों से संवाद भी किया और चॉकलेट वितरित कर उनका उत्साहवर्धन किया। बच्चों ने गिनती और पहाड़ा सुनाकर जिलाधिकारी को प्रसन्न कर दिया।
निरीक्षण के समय एडीएम एफआर वंदिता श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त सविता यादव, नायब तहसीलदार, जोनल अधिकारी, और संबंधित थानों के प्रभारी भी मौजूद रहे।30 से 35 परिवारों के लिए होगी पूरी व्यवस्था
सरैंया विद्यालय में जिलाधिकारी ने जानकारी ली कि बाढ़ के समय
यहां करीब 30 से 35 परिवार, यानि लगभग 250 से 300 लोग शरण लेते हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी के रहने के लिए टेंट, भोजन के लिए मेन्यू के अनुसार गुणवत्ता युक्त भोजन और जरूरी सामग्रियों की समय से आपूर्ति की जाए।बच्चों की पढ़ाई न हो प्रभावित
जिलाधिकारी ने विशेष निर्देश
दिया कि बाढ़ चौकियों
की स्थापना के बाद विद्यालयों
में बच्चों की पढ़ाई बाधित
न हो, इसके लिए
वैकल्पिक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। निरीक्षण
के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय में
मौजूद बच्चों से संवाद कर
उनकी पढ़ाई की जानकारी
ली और बच्चों को
चॉकलेट भी वितरित की।
बच्चों ने जिलाधिकारी को
गिनती और पहाड़ा सुनाकर
प्रसन्न कर दिया।
एक नजर
गंगा का
जलस्तर
36 घंटे
में
2.63 मीटर
बढ़ा।
दशाश्वमेध घाट
की
15 सीढ़ियां
जलमग्न,
आरती
स्थल
पर
खतरा।
जल पुलिस
ने
नाविकों
व
स्नानार्थियों
को
सतर्क
रहने
की
अपील
की।
घाटों और
निचले
इलाकों
में
जलधारा
का
दबाव
बढ़ा।
जिलाधिकारी ने बाढ़ चौकियों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
No comments:
Post a Comment