Saturday, 23 August 2025

तीज और गणेशोत्सव की तैयारी, बाजारों में बढ़ी रौनक

तीज और गणेशोत्सव की तैयारी, बाजारों में बढ़ी रौनक 

श्रद्धालुओं की उमंग से गुलजार बाज़ार, मूर्तिकारों के आंगन में अंतिम स्पर्श पाते गणपति

तीज के लिए मेहंदी और श्रृंगार सामग्री की जबरदस्त डिमांड

गणपति की मूर्तियों को अंतिम स्पर्श दे रहे कारीगर, पर्यावरण मित्र मूर्तियों की बढ़ी मांग

सुरेश गांधी

वाराणसी। जहां तीज पर्व महिलाओं की आस्था और श्रृंगार का उत्सव है, वहीं गणेशोत्सव उल्लास और सामूहिक भक्ति का पर्व। दोनों त्योहारों के मेल से काशी समेत पूरा पूर्वांचल भक्तिमय रंग में रंग गया है। काशी समेत पूरे पूर्वांचल में तीज और गणेशोत्सव की तैयारी चरम पर है। श्रद्धालुओं की उमंग और आस्था ने बाजारों को संजीवनी दे दी है। जगह-जगह महिलाएं तीज की खरीदारी में जुटी हैं, तो दूसरी ओर गणपति बप्पा के स्वागत की तैयारी भी पूरे जोश के साथ चल रही है।

महिलाओं की खरीदारियों से गुलजार बाजार

तीज पर्व के लिए बाज़ारों में मेहंदी, श्रृंगार सामग्री, चूड़ियाँ, साड़ियाँ और आभूषण की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। खासकर चौक, विशेश्वरगंज, मैदागिन और लहुराबीर के बाजार देर रात तक रौशन रहते हैं। पांडेयपुर बाजार में खरीदारी करने आई गृहणी सीमा देवी ने कहा, तीज हमारे सुहाग का पर्व है। हाथों में मेहंदी और चूड़ी पहनने की परंपरा हमारे लिए बहुत मायने रखती है। इस बार तो बाजार देखकर मन ही खुश हो गया। दुकानदार अजय कुमार का कहना है, इस बार पिछले साल की तुलना में बिक्री लगभग 30 फीसदी ज्यादा है। खासकर चूड़ी और मेहंदी की मांग सबसे अधिक है। 

गणपति बप्पा का रूप लेतीं मूर्तियां

शहर के विभिन्न मोहल्लों और घाटों पर गणेश चतुर्थी की तैयारियों का अलग ही नजारा है। मूर्तिकार गणपति की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। भैसासुर घाट पर मूर्तिकार राजेश प्रजापति ने बताया, हम लोग दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इस बार छोटी और पर्यावरण मित्र मूर्तियों की मांग काफी बढ़ी है। लोग चाहते हैं कि विसर्जन के बाद भी गंगा प्रदूषित हो। करीब 20 वर्षों से मूर्तियाँ बनाने वाले कारीगर श्यामलाल ने कहा, गणपति का रूप गढ़ना आस्था से जुड़ा काम है। जब लोग बप्पा को घर ले जाते हैं तो हमें लगता है हमारी मेहनत सफल हुई।

सजने लगे पंडाल और सोसायटी परिसर

वाराणसी के अलावा आसपास के जिलों जौनपुर, गाजीपुर और मिर्जापुर, भदोही में भी पंडाल सजने शुरू हो गए हैं। सोसायटियों और कॉलोनियों में गणेशोत्सव समितियों ने सजावट का कार्य तेज कर दिया है। बच्चों और युवाओं में उत्साह देखते ही बनता है।

प्रशासन भी चौकस

पर्वों को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। पुलिस-प्रशासन ने बाजारों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त फोर्स तैनात करने के निर्देश दिए हैं।

उमंग और भक्ति से सराबोर बाजार

काशी की गलियाँ और बाजार त्योहारों के रंग में डूब गई हैं। एक ओर तीज के लिए महिलाएँ मेहंदी, चूड़ी और श्रृंगार सामग्री की खरीदारी में व्यस्त हैं, तो दूसरी ओर गणपति बप्पा के स्वागत की तैयारियों ने पूरे शहर को भक्तिमय बना दिया है। मूर्तिकार दिन-रात जुटकर प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं, वहीं दुकानों पर खरीददारों की भीड़ देखकर व्यापारी गदगद हैं। महिलाएँ हाथों पर मेहंदी सजवाते हुए लोकगीतों की मधुर गूंज बिखेर रही हैं। दुकानदारों के अनुसार इस बार बिक्री में पिछले साल की तुलना में 25 से 30 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

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