Wednesday, 10 September 2025

गुलाबों की पंखुड़ियों और महादेव के उद्घोष से महकेगी काशी

आज आयेंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मॉरीशस पीएम के साथ द्विपक्षीय वार्ता में होंगे आमने-सामने

गुलाबों की पंखुड़ियों और महादेव के उद्घोष से महकेगी काशी 

प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में आज दिखेगा काशी का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उत्सव

सुरेश गांधी

वाराणसी. अनादि काशी, जहां समय ठहर कर भी बहता है, जहां गंगा की धाराएं केवल नदी नहीं, बल्कि संस्कृति और आस्था की जीवनरेखा हैं, और जहां बाबा विश्वनाथ का धाम सनातन विश्वास की सबसे बड़ी शरणस्थली है, आज वही नगरी अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम का स्वागत करने के लिए महापर्व की तरह सज चुकी है। इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिली जब मॉरीशस एअरपोर्ट से होटल ताज पहुंचे. एयरपोर्ट से ताज होटल तक के मार्ग पर पारंपरिक नृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और हाथों में तिरंगा लिए बच्चों का उत्साह देखने लायक रहा। एयरपोर्ट से होटल ताज तक के मार्ग पर काशीवासियों ने अपने विशिष्ट अतिथि का अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 11 सितम्बर को अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचेंगे, तो उनके स्वागत का दृश्य केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं होगा, बल्कि काशी की आत्मा और जनता के हृदय से निकले आभार का अभिव्यक्ति होगा।

गुलाब की पंखुड़ियों से सजेगा मार्ग

पुलिस लाइन से लेकर ताज होटल तक का पूरा मार्ग गुलाब की पंखुड़ियों से ढका होगा। जैसे ही प्रधानमंत्री का काफिला गुजरेगा, कार्यकर्ता और आमजन पुष्पवर्षा करेंगे। सड़कें मानो गुलाबों का बिछौना होंगी और वातावरणहर-हर महादेवतथामोदी-मोदीके उद्घोष से गूंजेगा। यह दृश्य काशी की पारंपरिक भव्यता और आधुनिक ऊर्जा का अनूठा संगम होगा। काशी के लोग इसे प्रधानमंत्री के साथ अपने गहरे रिश्ते का प्रतीक मान रहे हैं। क्योंकि नरेंद्र मोदी केवल देश के प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि काशी के सांसद भी हैं। इसीलिए जब-जब वह काशी आते हैं, यहां का स्वागत अपने आप में अद्वितीय हो जाता है।

रणनीति और जिम्मेदारी का विभाजन

भारतीय जनता पार्टी ने इस भव्य स्वागत को योजनाबद्ध रूप देने के लिए क्षेत्रीय, जिला और मंडल स्तर पर बैठकें कीं। देर शाम गुलाब बाग स्थित भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय में हुई अंतिम बैठक में छह प्रमुख स्वागत प्वाइंट तय किए गए। यहां से केवल गुलाब की पंखुड़ियां बरसेंगी बल्कि जन-जन की सहभागिता भी दिखाई देगी।  पुलिस लाइन गेट पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल और पूर्व महापौर रामगोपाल मोहले के नेतृत्व में सारनाथ और राजश्री मंडल के कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। पुलिस लाइन चौराहा पर प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रदयालुके नेतृत्व में महिला मोर्चा और धूपचंडी मंडल के कार्यकर्ता स्वागत करेंगे। कचहरी चौराहा पर विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी के नेतृत्व में मध्यमेश्वर और काशी विश्वनाथ मंडल कार्यकर्ता गुलाबों की वर्षा करेंगे। डॉ. भीमराव अंबेडकर चौराहा पर महापौर अशोक तिवारी और वरिष्ठ नेता डॉ. राजेश मिश्रा के नेतृत्व में कैंट रविदास मंडल कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। यूपी मोटर तिराहा पर कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव और डॉ. वीणा पांडेय के नेतृत्व में महामना मंडल के कार्यकर्ता शामिल होंगे। विवेकानंद तिराहा पर एमएलसी धर्मेन्द्र राय और पूर्व एमएलसी केदारनाथ सिंह की अगुवाई में छावनी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और रामनगर मंडल कार्यकर्ता प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे। इस तरह काशी का हर कोना, हर मंडल, हर कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक क्षण में शामिल होगा।

काशी की सांस्कृतिक आत्मा

प्रधानमंत्री के स्वागत का यह आयोजन केवल राजनीतिक उत्सव नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गौरव का भी प्रतीक है। काशी की आत्मा गंगा और घाटों से बंधी हुई है। जब प्रधानमंत्री का काफिला गुलाबों से सजे मार्ग से गुजरेगा, तब अस्सी से लेकर दशाश्वमेध तक के घाट अपनी शाश्वत गाथा कहेंगे। विश्वनाथ धाम का दिव्य वैभव, जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री ने स्वयं रखी और जिसका लोकार्पण भी उनके हाथों हुआ, आज इस भव्य स्वागत में मौन साक्षी बनेगा। गंगा की लहरें मानो पुष्पवर्षा की गूंज में मिलकर यह संदेश देंगी कि काशी का हृदय प्रधानमंत्री के साथ है।

भाजपा की कार्ययोजना और जनता की भागीदारी

भाजपा ने स्वागत की पूरी जिम्मेदारी केवल पदाधिकारियों पर नहीं छोड़ी, बल्कि इसे जन-जन से जोड़ने की योजना बनाई। महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा से लेकर वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों तक, सबको इसमें शामिल किया गया है। यह व्यवस्था बताती है कि प्रधानमंत्री का स्वागत काशी का सामूहिक उत्सव है। बैठक में भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, जिला अध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, महापौर अशोक तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, एमएलसी धर्मेन्द्र राय समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने माना कि प्रधानमंत्री का स्वागत केवल राजनीतिक परंपरा नहीं, बल्कि काशी की आस्था और गर्व का उत्सव है।

राजनीतिक और सांस्कृतिक संदेश

प्रधानमंत्री मोदी का काशी में भव्य स्वागत एक गहरा राजनीतिक संदेश भी देता है। यह दिखाता है कि जनता का जुड़ाव केवल एक सांसद से नहीं, बल्कि अपनेकाशी पुत्रसे है। हर-हर महादेव के उद्घोष और गुलाबों की पंखुड़ियों से सजता मार्ग यह दर्शाता है कि काशी राजनीति से परे जाकर अपने प्रतिनिधि का अभिनंदन करती है। साथ ही यह आयोजन काशी की सांस्कृतिक आत्मा का भी प्रतीक है। यहां स्वागत केवल पुष्पवर्षा से नहीं, बल्कि परंपरा, आस्था और इतिहास के अद्भुत संगम से होगा.

एक ऐतिहासिक क्षण

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला काशी की धरती पर कदम रखेगा, तो यह क्षण केवल आज के लिए नहीं रहेगा। यह आने वाले वर्षों तक स्मृतियों में दर्ज रहेगा, जैसे गंगा की धारा निरंतर बहती है, वैसे ही यह दृश्य काशी की स्मृति में सदा जीवित रहेगा। गुलाब की पंखुड़ियों से महकता मार्ग, गंगा तट पर गूंजता हर-हर महादेव का उद्घोष, विश्वनाथ धाम का आशीर्वाद और हजारों की भीड़ का उत्साह, यह केवल स्वागत नहीं, बल्कि इतिहास में दर्ज होने वाला क्षण होगा।

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