Thursday, 11 September 2025

निर्यातकों का प्रतिनिधिमंडल सांसद विनोद बिंद की अगुवाई में उद्योग मंत्री से मिला

निर्यातकों का प्रतिनिधिमंडल सांसद विनोद बिंद की अगुवाई में उद्योग मंत्री से मिला 

कहा, अमेरिकी टैरिफ़ में वृद्धि से हस्तनिर्मित कालीन निर्यात प्रभावित, एमएआई योजना में देरी ने समस्याएं और बढ़ाई 

20 लाख से अधिक बुनकर और कारीगर, जिनमें बड़ी संख्या महिलाएं हैं, अपनी आजीविका के

पीयूष गोयल ने निर्यातकों से एचएसएन कोड बनाने, नए अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार विकसित करने और निर्यात प्रोत्साहन उपाय लागू करने के निर्देश दिए 

सुरेश गांधी

वाराणसी. भदोही सांसद डॉ. विनोद कुमार बिंद के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय हस्तनिर्मित कालीन उद्योग के सामने आने वाली गंभीर समस्याओं और तत्काल नीतिगत जरूरतों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी से विस्तार से चर्चा की।

डॉ. बिंद ने बताया कि हस्तनिर्मित कालीन उद्योग 20 लाख से अधिक बुनकरों और कारीगरों को रोजगार देता है, जिनमें अधिकांश महिलाएं हैं। यह केवल व्यापार का क्षेत्र है, बल्कि ग्रामीण रोज़गार, महिला सशक्तिकरण और भारत की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। अमेरिकी बाजार में बढ़े टैरिफ़, एमएआई योजना में देरी, आयकर राहत (धारा 80एचएचसी), शुल्क वापसी और रोडटेप दरों में वृद्धि, ब्याज समकारी योजना (आईईएस) के संवर्धन, और तुर्की से मशीन-निर्मित कालीनों पर आयात शुल्क बढ़ाने जैसे मुद्दों को केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष रखा।

सीईपीसी के अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ़ वृद्धि और निर्यात प्रोत्साहन योजना में देरी ने उद्योग को गंभीर संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि यह केवल व्यापारिक चुनौती नहीं, बल्कि एक सामाजिक-आर्थिक आपातकाल है। एकमाध्यक्ष रज़ा खान ने हस्तनिर्मित कालीन उद्योग को ग्रामीण आजीविका के लिए कृषि के समान माना जाने की आवश्यकता पर जोर दिया और इसे विशेष उद्योग के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आश्वासन दिया कि सरकार उद्योग की चिंताओं से पूरी तरह अवगत है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने अलग एचएसएन कोड बनाने, नए अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार विकसित करने और निर्यात प्रोत्साहन उपाय लागू करने के निर्देश दिए। वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने भी वित्तीय मुद्दों की समीक्षा और उद्योग को समर्थन देने का भरोसा दिलाया। प्रतिनिधिमंडल में सीईपीसी के अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल, प्रशासनिक सदस्य असलम महबूब, पीयूष कुमार बरनवाल, संजय गुप्ता, महावीर प्रताप शर्मा, एकमाध्यक्ष रज़ा खान और ओबीटी के प्रबंध निदेशक राजेश शर्मा भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने अपने समय, समर्थन और नेतृत्व के लिए डॉ. बिंद को विशेष धन्यवाद दिया और इस पहल को 20 लाख बुनकरों की आजीविका की रक्षा और उद्योग के स्थायित्व के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।

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