मदरसे में विज्ञान की गूंज, कलाम के विचारों से बच्चों ने ली प्रेरणा
स्व. डॉ.
ए.पी.जे.
अब्दुल
कलाम
जयंती
पर
मदरसा
अरबिया
मदीनतूल
इल्म,
पीरखापुर
भदोही
में
विज्ञान
प्रदर्शनी
का
भव्य
आयोजन
सुरेश गांधी
भदोही। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार बुधवार
को मदरसा अरबिया मदीनतूल इल्म, पीरखापुर में भारत रत्न,
पूर्व राष्ट्रपति और ‘मिसाइल मैन’
के नाम से प्रसिद्ध
स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
की जयंती धूमधाम से मनाई गई।
इस अवसर पर मदरसे
में विज्ञान प्रदर्शनी का शानदार आयोजन
हुआ, जिसमें बच्चों ने अपने वैज्ञानिक
कौशल और कल्पनाशक्ति का
शानदार प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
एवं दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री एवं भाजपा के
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सरवर सिद्दीकी ने
विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए सभी
मॉडलों का बारीकी से
अवलोकन किया और बच्चों
की सराहना की। उन्होंने कहा
कि डॉ. अब्दुल कलाम
सच्चे अर्थों में “भारत माता
के सपूत” थे। उन्होंने सीमित
संसाधनों से अपनी शिक्षा
आरंभ की और मदरसे
से ही प्राथमिक शिक्षा
प्राप्त की थी। आगे
चलकर उन्होंने भारत को परमाणु
शक्ति संपन्न देश बनाया और
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में
आत्मनिर्भरता की दिशा में
उल्लेखनीय योगदान दिया। श्री सिद्दीकी ने
कहा, “कलाम साहब ने
सिखाया कि गरीबी या
अभाव किसी की सफलता
में बाधा नहीं हो
सकते, यदि मन में
लगन और लक्ष्य के
प्रति समर्पण हो।”
बच्चों के प्रयोगों में झलकी नई सोच
प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने
सौर ऊर्जा, जल संरक्षण, पर्यावरण
संतुलन, स्मार्ट विलेज, तथा डिजिटल इंडिया
से जुड़े आकर्षक मॉडलों
को प्रदर्शित किया। बच्चों की प्रस्तुतियों ने
उपस्थित अतिथियों और शिक्षकों को
प्रभावित किया।
उत्साह से दमकते रहे नन्हें वैज्ञानिक
मुख्य अतिथि ने उत्कृष्ट प्रदर्शन
करने वाले बच्चों को
मेडल व प्रमाणपत्र प्रदान
कर सम्मानित किया। बच्चों के चेहरों पर
सम्मान प्राप्त करने की खुशी
झलक रही थी। प्रदर्शनी
स्थल पर बच्चों की
जिज्ञासा और वैज्ञानिक, दृष्टिकोण
देखकर सभी शिक्षक गर्वित
दिखे। इस मौके पर
मदरसा के प्रधानाचार्य ने
कहा कि आज के
बच्चे देश के भविष्य
हैं, और डॉ. कलाम
जैसी महान विभूतियाँ उनके
लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा
कि शिक्षा तभी सार्थक है
जब वह विज्ञान और
नैतिकता दोनों से जुड़ी हो।
इस अवसर पर मदरसे
के समस्त शिक्षक, शिक्षिकाएं, अभिभावक एवं स्थानीय गणमान्य
नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का
संचालन मदरसा के शिक्षकों की
टीम ने किया।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम : प्रेरणा के पाँच सूत्र
छोटे सपने मत
देखो, वे दिल को
नहीं झकझोरते।
कड़ी मेहनत ही
सफलता की असली चाबी
है।
विज्ञान मानवता की सेवा का
साधन है।
हर बच्चा अपने
भीतर एक शक्ति लेकर
जन्मता है, उसे पहचानो।
देश के निर्माण
में युवाओं की भूमिका सर्वोपरि
है।



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