Monday, 29 December 2025

खादी उत्सव का भव्य समापन, 10 दिनों में 2.23 करोड़ की ऐतिहासिक बिक्री

खादी उत्सव का भव्य समापन, 10 दिनों में 2.23 करोड़ की ऐतिहासिक बिक्री 

खादी वस्त्र नहीं, स्वावलंबन की विचारधारा है : धर्मेंद्र राय

माटी कला टूल्स किट वितरण योजना के अंतर्गत चाक के 50 और पगमिल के 9 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए

मंडल स्तरीय पुरस्कार योजना के अंतर्गत चयनित तीन लाभार्थियों को चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया

सुरेश गांधी

वाराणसी। आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल के संकल्प को मजबूती देता खादी एवं ग्रामोद्योग तथा एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) उत्सव सोमवार को भव्य और गरिमामय वातावरण में संपन्न हो गया। अर्बन हाट प्रांगण, चौकाघाट में आयोजित 10 दिवसीय मंडल स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल रही, जहां 125 स्टालों के माध्यम से खादी, हस्तशिल्प और ग्रामोद्योग उत्पादों की रिकॉर्ड 2.23 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई। इस अवसर पर माटी कला टूल्स किट वितरण योजना के अंतर्गत चाक के 50 और पगमिल के 9 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। वहीं मंडल स्तरीय पुरस्कार योजना के अंतर्गत चयनित तीन लाभार्थियों को चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य धर्मेंद्र राय ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने खादी उत्पादकों, दुकानदारों और कारीगरों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि खादी केवल पहनने का वस्त्र नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी की विचारधारा है। उन्होंने ने कहा कि केंद्र प्रदेश सरकार खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड की योजनाओं के माध्यम से युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है। वाराणसी की भूमि संत कबीर दास की कर्मभूमि रही है, जो संत होने के साथ-साथ बुनकर भी थे। आज परंपरागत कारीगरों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक चाक उपलब्ध कराकर उनके कार्य में गति, गुणवत्ता और नवाचार लाया गया है। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि स्थानीय उत्पादों की खरीद कर कारीगरों और शिल्पकारों के हाथ मजबूत करें।

अपर आयुक्त (उद्योग) वाराणसी उमेश कुमार सिंह ने कहा कि इस प्रदर्शनी से वोकल फॉर लोकल और ओडीओपी योजनाओं को नई पहचान मिली है। वहीं परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी यू.पी. सिंह ने अतिथियों और ग्राहकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि 20 से 29 दिसंबर तक चली इस प्रदर्शनी में सूती, ऊनी, सिल्क और पोली खादी वस्त्र, रेडीमेड परिधान, जूट बैग, वूलन उत्पाद, अचार-मुरब्बा, नमकीन, अगरबत्ती, साबुन, कश्मीरी ड्राई फ्रूट्स, मखाना सहित अनेक उत्पादों को व्यापक बाजार मिला। उन्होंने कहा कि बोर्ड का लक्ष्य है कि हर इच्छुक हाथ को काम मिले, इसी दिशा में खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड लगातार प्रयासरत है। प्रदर्शनी के दौरान प्रतिदिन आयोजित सांस्कृतिक संध्याओं, लोकगीत, भजन और कवि सम्मेलनों के माध्यम से खादी के विचार और मूल्यों का प्रभावी प्रचार हुआ। कार्यक्रम में जिला ग्रामोद्योग अधिकारी चंदौली गिरजा प्रसाद यादव, जौनपुर के वी.के. सिंह, भदोही के राजेश कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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