होलिका दहन के साथ रंग-गुलाल की उमंग में डूबे देशवासी
पारंपरिक श्रद्धा
एवं
पूरे
हर्षोल्लास
के
साथ
मनाया
जा
रहा
होली
कहीं निकला
शिव
बारात,
तो
कहीं
जोगिरा
का
आयोजन
सुरेश
गांधी
देश भर
में रंगों का
त्योहार होली की
धूम है। भगवान
भोलेनाथ की नगरी
काशी से लेकर
भगवान श्रीकृष्ण की
नगरी मथुरा व
वृंदावन सहित पूरे
देश में होलिका
जलने के साथ
होली का उत्सव
शुरू हो गया
है। पूरे विधि-विधान के साथ
लोगों ने अपने-अपने इलाके
में होलिका का
दहन कर एक-दूसरे को रंग
और गुलाल लगाया,
मिठाइयां खिलाईं तथा ढोल
नगाड़े के साथ
एक दूसरे को
बधाई दी। खासकर
विदेशियों सैलानियों के लिए
होली आकर्षण का
केंद्र बनी हुई
है। होली के
इस मौके पर
पूरे देश में
लोग रंग, गुलाल
से सराबोर हो
रहे हैं। या
यूं कहे रंगों
के त्योहार होली
का हुड़दंग शुरू
हो गया है।
सारा देश होली
की मस्ती में
चूर दिख रहा
हैं। जगह जगह
होरियारे टोली बनाकर
मस्ती में झूमते
नजर आ रहे
हैं। क्या बच्चे,
क्या बूढ़े सबपर
रंगों का नशा
चढ़ गया है।
कोई डीजे लगाकर
तो कोई लोक
गीतों पर झूमता
नजर आ रहा
है।
सभी राज्यों
में लोग होली
के त्योहार पर
जश्न में डूबे
हैं और एक
दूसरे को रंगों
के साथ बधाई
दे रहे हैं।
वहीं, राष्ट्रपति रामकोविंद
एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी ने होली
के अवसर पर
देश को बधाई
दी और आम
नागरिकों से देश
की मिश्रित संस्कृति
को बढ़ावा देने
की अपील करते
हुए कहा, यह
त्योहार एकता और
मित्रता के बंधन
को मजबूत बनाने
का अवसर देता
है। भगवान भोलेनाथ
की नगरी काशी
में लोग होली
के इस पावन
अवसर पर जमकर
रंगों में डूबे
और जश्न मना
रहे हैं। दुनिया
भर में मशहूर
मथुरा की होली
के रंग भी
आज देखने को
मिला।
मथुरा के
लोग जहां होली
के रंग में
रंगे दिख रहे
हैं, वहीं वृंदावन
में श्री बांके
बिहारी मंदिर समेत अन्य
मंदिरों में होली
धूमधाम से मनाई
गई। कई इलाकों
में फगुआ और
जोगीरा गीतों के बीच
लोग ‘कुर्ताफाड़ होली‘ तो कई स्थानों
पर रंगों की
होली और ‘धूल
होली‘ का आंनद
ले रहे हैं।
पूरा देश होली
के रंग में
रंगा हुआ है।
राजनेता भी होली
के मौके पर
जश्न से अछूते
नहीं रहे। गृहमंत्री
राजनाथ सिंह से
लेकर प्रधानमंत्री तक
के घर पर
भी होली का
जश्न धूम-धाम
से मनाया जा
रहा है। वहीं
सरहद पर देश
की सुरक्षा में
लगे जवानों ने
भी जमकर होली
खेली और होली
के रंग में
रंगे दिखे। देश
के कोने कोने
में होली के
रंग में रंगे
लोग नजर आए।
शहर हो
या देहात लोगों
को जमकर रंग-गुलाल खेलते देखे
जा रहा है।
लखनऊ, आगरा, मथुरा,
वाराणसी, गोरखपुर, झांसी, मेरठ,
इलाहाबाद और कानपुर
सहित कई शहरों
में होली बारात
निकाली गई। वाराणसी
के बड़ी बाजार
में होली बारात
निकली, जिसमें शामिल लोगों
ने एक-दूसरे
पर रंग डाला
और जमकर मस्ती
की। इस जुलूस
के आगे हाथी-घोड़े और
ढोल-नगाड़े बजाने
वाले रंग की
खुमारी घोलते चले जा
रहे थे। खास
बात यह कि
इसमें हिंदू और
मुस्लिम दोनों समुदायों के
लोग शामिल हुए।
होली पर्व पर
यहां गंगा-जमुनी
तहजीब, एकता और
भाईचारे की अनूठी
मिसाल दिखी। होली
बारात के दौरान
रंगीन नजारा था।
हर कोई एक
ही रंग में
रंगे नजर आ
रहे थे। हर
किसी के सिर
पर केशरिया टोपी
था। बारात के
दौरान मजहब और
जाति के भेद
को रंगों ने
छिपा दिया। मुसलमानों
ने होलियारों का
स्वागत फूल और
इत्र छिड़ककर किया।
यह नजारा यहां
हर साल दिखता
है। लोग मजहब
और जाति के
बंधनों को तोड़कर
एकता और गंगा-जमुनी तहजीब की
अनूठी मिसाल पेश
करते हैं। लोगों
को बधाई दे
रहे सैकड़ों लोग
एक-दूसरे से
अनजान थे। फिर
भी एक साथ
त्योहार मनाने का जज्बा
दिखा।
लोक गायकों
एवं नृतकों की
टोली ‘मशाने में
खेले होली‘ समेत फिल्मी
गीतों, ढोल और
ताशों के बीच
फाग गाकर आनंद
को दोगुना कर
रही थी। बारात
में रथ पर
दूल्हा-दुल्हन की झांकी
के बीच शिव
तांडव, शंकर पार्वती
व भगवान श्रीकृष्ण
से जुड़े विभिन्न
प्रसंग जीवंत करते कलाकारों
ने दर्शकों पर
ऐसी छाप छोड़ी
कि वह भक्ति
रस में घंटों
गोता लगाते नजर
आएं। होलियारों की
बारात जब बड़ी
बाजार से डीएवी
कालेज की ओर
बढ़ी, तो उसकी
छटा निराली थी।
होली में झूम
रहे सभी लोगों
पर रास्ते में
मुस्लिम धर्म के
लोग गुलाब की
पंखुड़ियां बरसा रहे
थे। कुछ लोग
इत्र डालते नजर
आए। इसके बाद
यह होली बारात
तेलियाना गली पहुंचकर
समाप्त हो गया।
जगह-जगह आयोजित
कवि सम्मेलन और
गीत-संगीत से
लोगों में जोश
भरने वाले इस
आयोजन का समापन
फगुआ गीत से
हुआ। सरस्वती वंदना
हो या फगुआ
गीत, लोग नाल
और झाल की
धुन पर झूमते
रहे। हिंदी और
भोजपुरी गीतों से गायकों
ने समां बांध
दिया। होली गीतों
के साथ-साथ
हिंदी और नागपुरी
गीतों की प्रस्तुति
को भी लोगों
ने खूब पसंद
किया।
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