21 को दिखेगा सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण, नफा-नुकसान के बीच रहेगा अलग-अलग राशियों पर असर

सुरेश गांधी
चंद्र ग्रहण के दौरान चांद की रोशनी 30 प्रतिशत
ज्यादा तेज हो जाएगी और चांद 15 प्रतिशत बड़ा दिखेगा। इस ग्रहण की कुल अवधि साढ़े तीन
घंटे की होगी। चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में
आ जाती है, तो यह चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को रोकती है। उसमें अपनी छाया
बनाती है तब चंद्रग्रहण होता है। चंद्रग्रहण सदैव पूर्णिमा को ही होता है। इस समय में
वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित होती है। पूर्ण चंद्र ग्रहण की घटना तभी घटती
है जब पूर्ण चंद्र होता है। इस दौरान सूर्य एक तरफ, चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच
में होती है। पृथ्वी के बीच में आने से सूर्य की सीधी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है।
बल्कि, सूर्य की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल के किनारे से होकर चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे
चंद्रमा लाल रंग में दिखाई देता है। चंद्रमा के लाल रंग के कारण इसे ब्लड मून कहा जाता
है। इस बार चंद्रग्रहण समूचे उत्तर और दक्षिण अमेरिका में, ग्रीनलैंड, पश्चिमी यूरोप
में, पश्चिमी अफ्रीका और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
अगले तीन पूर्णिमा तक सुपर चन्द्र की श्रृंख ला
में यह पहला सुपर मून होगा। दरअसल, ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल रंग का हो जाएगा। इस
दौरान चंद्रमा धरती के बेहद करीब होगा। वैसे भी सोमवार को पौष पूर्णिमा है, यानि अशुभ
पौष मास खत्म हो जाएगा। चंद्रमा अपनी कर्क राशि में होगा। साथ में राहु बैठा होगा।
चन्द्र को ग्रहण राहु लगाएगा, जो अपने शत्रु राशि में बैठा है। इस तरह चंद्र ग्रहण
का ये संयोग कष्ट भी दे सकता है। राजनितिक उथल पुथल होने की संभवना है। महंगाई बढ़ सकती
है। मौसम में बदलाव आ सकते हैं। ग्रहण मोक्ष के बाद पर्वकाल 3.30 घंटे तक पूजा पाठ,
जाप अनुष्ठान दान करना हितकर होगा। जब चन्द्र उदय होगा, तब तक ग्रहण खत्म हो चुका होगा।
इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटा 30 मिनट की होगी। इससे पहले 27 और 28 जुलाई 2018 की रात
को सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण देखने को मिला था। वैज्ञानिकों के मुताबिक 9 जून
2123 को ही ऐसा चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा। जनवरी से मार्च में पड़ने वाली पूर्णमासी
को चंद्रमा पृथ्वी के बहुत ही करीब होगा, इससे वो समान्य रूप से बड़ा दिखाई देगा। इस
साल 21 जनवरी 2019, 2 जुलाई 2019, 16 जुलाई 2019, दिसंबर 2019 को भी सूर्य ग्रहण होगा।

चंद्रग्रहण के समय क्या करें?
चंद्र देव की आराधना करना चाहिए। चंद्र मंत्र
’ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात’ का जप करें। चंद्रग्रहण
समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। स्नान के बाद भगवान
की मूर्तियों को स्नान कराएं और उनकी पूजा करें। चंद्रग्रहण के बाद जरूरतमंद व्यक्ति
और ब्राह्मणों को अनाज का दान करें।
चंद्रग्रहण में क्या न करें
गर्भवती स्त्रियां ग्रहण में घर से बाहर न निकलें।
दरअसल माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
इसलिए उन्हें घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। ग्रहण में नाखून, बाल या सब्जी
ना काटें। भगवान की मूर्ति स्पर्श या पूजा ना करें, बल्कि मंदिर को चादर से ढक दें।
खाना पीना ना करें, झूठ ना बोलें, तेल ना लगाएं। गर्भवती महिलाएं ग्रहण ना देखें। किसी
भी प्रकार के शुभ कार्य ग्रहण के दिन न करें। अपने मन में दुर्विचारों को न पनपने दें।
ग्रहण के बाद पहले से बना हुआ भोजन न करें। ताजा बनाएं और उसका इस्तेमाल करें।
यह लोग करें खास उपाय
जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है, वे
इसके निवारण के लिए चंद्रग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करें तो इसके सकारात्मक परिणाम
मिलेंगें। जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढईया का प्रभाव चल रहा है,
वे शनि मंत्र का जाप करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें। ग्रहों का अशुभ
फल समाप्त करने और विशेष मंत्र सिद्धि के लिए इस दिन नवग्रह, गायत्री एवं महामृत्युंजय
आदि शुभ मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता,
गजेंद्र मोक्ष आदि का पाठ भी कर सकते हैं।
अच्छा प्रभाव
वृश्चिक
राशि- धन, बुद्धि एवं विद्या वृद्धि, वाणी में तीव्रता, पराक्रम में वृद्धि, भाग्य
वृद्धि। कार्यक्षेत्र में अनुकूलता रहेगी, सबका सहयोग समर्थन मिलेगा। स्वास्थ्य की
अनदेखी से बचें।
कुम्भ
राशि - आय में वृद्धि, सम्मान में वृद्धि, विद्याध्ययन में अवरोध, वाणी तीव्र, रोग
एवं शत्रु का समन। पेशेवर बेहतर बने रहेंगे। जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएंगे।
सिंह
राशि - गृह एवं वाहन सुख वृद्धि,बुद्धि एवं धन वृद्धि, वाणी में तीव्रता, पैर में चोट
या दर्द। अचानक सेहत प्रभावित हो सकती है। जिद और जल्दबाजी न दिखाएं।
मिलाजुला प्रभाव
मेष
राशि - भाग्य वृद्धि, पराक्रम, वृद्धि, खर्च वृद्धि, पेशाब की समस्या, वाहन की क्षति।
हृदय रोगों एवं ज्वारादि में सावधानी रखें।
वृष
राशि - पेट की समस्या, परिश्रम में अवरोध, पराक्रम व धन वृद्धि, भाई से कष्ट। अनावश्यक
जोखिम से बचें। सुनी सुनाई बातों की अनदेखी करें।
तुला
राशि- धन, पराक्रम और सीने की तकलीफ में वृद्धि, शत्रु विजय परिश्रम में अवरोध। समय
अनुकूल है। सहज गति से आगे बढ़ते रहें। बड़ों से बनाकर चलें।
बुरा प्रभाव
मिथुन
राशि- वाणी में तीव्रता, आन्तरिक शत्रु एवं रोग, सीने की तकलीफ, दाम्पत्य से कष्ट।
जीवनचर्या संतुलित रखें। देर रात तक न जागें। शुभ कार्यों से जुड़ने के अवसर बढ़ेंगे।
कर्क
राशि -कन्धे एवं कमर का दर्द, विद्या वृद्धि, मनोबल कमजोर भाग्य वृद्धि, मन अशांत।
साझा प्रयासों में सावधानी बढ़ाएं।
कन्या
राशि :- सीने की तकलीफ, आंतरिक डर, अध्ययन में अवरोध, दाम्पत्य में तनाव, आय में वृद्धि।
कार्यक्षेत्र में अतिरिक्त सावधानी रखें। ठगे जाने की संभावना है।
धनु
राशि- दाम्पत्य में तनाव या अवरोध, पेट व पैर की समस्या, क्रोध में वृद्धि, मानसिक
पीड़ा, आंतरिक शत्रुओं में वृद्धि। अपरिचितों से सतर्क रहें। लोभ व प्रलोभन में आने
से बचें। स्वास्थ के प्रति सजग रहें।
मकर
राशि- दाम्पत्य में तनाव, खर्च वृद्धि, मन अशान्त, पैर में कष्ट, कन्धे या कमर के दर्द।
जीवनसाथी की सहजता का ध्यान रखें। साहस पराक्राम को बल मिलेगा।
मीन
राशि- क्रोध में वृद्धि, सम्मान एवं परिश्रम में अवरोध, आय में वृद्धि, मन अशांत। प्रेम
संबंधों में सावधानी रखें। अतिउत्साह में बात प्रभावित हो सकती है।
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