शान-ओ-शौकत से निकली काशी के जैतपुरा की होली बारात
होली
बारात का शुभारंभ
विधायक रवीन्द्र जायसवाल एवं
दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री
दयाशंकर मिश्र ने फीता
काटकर किया
सुरेश गांधी
वाराणसी। देश भर
में रंगों का
त्योहार होली की
धूम है। भगवान
भोलेनाथ की नगरी
काशी से लेकर
भगवान श्रीकृष्ण की
नगरी मथुरा व
वृंदावन सहित पूरे
देश में होलिका
जलने के साथ
होली का उत्सव
शुरू हुआ तो
थमने का नाम
ही नहीं लिया।
लोगों ने अपने-अपने इलाके
में एक-दूसरे
को रंग और
गुलाल लगाया, मिठाइयां
खिलाईं तथा ढोल
नगाड़े के साथ
एक दूसरे को
बधाई दी। खासकर
विदेशियों सैलानियों के लिए
होली आकर्षण का
केंद्र बनी रही।
लोग रंग, गुलाल
से सराबोर रहे।
हैं।
शहर के
जैतपुरा मुहल्ले से परंपरागत
तरीके से नए
रंग-रोगन, साज-सज्जा और पूरे
शानो-शौकत के
साथ निकाली गई।
बारात में सभी
समुदायों के लोगों
ने मिलकर गंगा-जमुनी तहजीब की
मिसाल पेश की।
घोड़ा, ऊंट के
साथ ढोल-नगाड़े,
डीजे बैंड, रोड
लाइट की चकाचैंध
में कोई ठुमक-ठुमक कर
तो कोई नाचते-गाते चल
रहा था। होली
बारात का शुभारंभ
शहर उत्तरी के
भाजपा विधायक रवीन्द्र
जायसवाल एवं दर्जा
प्राप्त राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र
उर्फ दयालू गुरु
ने फीता काटकर
किया।
बारात शीतला माता
मंदिर से उठकर
जैतपुरा, डिगिया, औसानगंज, डीएबी
कालेज, ईश्वरगंगी लालकुआं, रसूलपुरा
होते हुए बड़ी
बाजार पहुंचकर समाप्त
हो गया। इसके
पहले अनूठी परंपरा
के तहत मंत्रोच्चार
के बीच दूल्हे
राजा का अजब-गजब श्रृंगार
किया गया। मूसल
नचाए गए और
लोढ़ा घुमावन हुआ।
दूल्हे की आरती
उतारी गई तो
सूप लोकावन के
साथ राई-मिर्च
से नजर भी
उतारी गई। कुछ
ऐसा ही दुल्हन
की डोला भी
भव्यता के साथ
सजाई गयी। इसके
बाद बारात चलना
शुरु हुई तो
हजारों की संख्या
में लोग शामिल
हो गए।
होली की
उल्लास के बीच
बारात में फिल्मी
गीतों पर बाराती
नाचते-गाते चल
रहे थे। इससे
पूरा माहौल रंगीन
हो गया। हर
कोई एक ही
रंग में रंगे
नजर आ रहे
थे। हर किसी
के सिर पर
केशरिया टोपी था।
यह नजारा यहां
हर साल दिखता
है। लोगों को
बधाई दे रहे
सैकड़ों लोग एक-दूसरे से अनजान
थे। फिर भी
एक साथ त्योहार
मनाने का जज्बा
दिखा। लोक गायकों
एवं नृतकों की
टोली ‘मशाने में
खेले होली‘ समेत फिल्मी
गीतों, ढोल और
ताशों के बीच
फाग गाकर आनंद
को दोगुना कर
रही थी। बारात
में रथ पर
दूल्हा-दुल्हन की झांकी
के बीच शिव
तांडव, शंकर पार्वती
व भगवान श्रीकृष्ण
से जुड़े विभिन्न
प्रसंग जीवंत करते कलाकारों
ने दर्शकों पर
ऐसी छाप छोड़ी
कि वह भक्ति
रस में घंटों
गोता लगाते नजर
आएं। होलियारों की
बारात जब बड़ी
बाजार से डीएवी
कालेज की ओर
बढ़ी, तो उसकी
छटा निराली थी।
रास्तेभर सडक के
दोनों छोरों पर
बड़ी संख्या में
मौजूद दर्शकों ने
अबीर गुलाल एवं
फूलों की पंखुड़ियों
की वर्षा की।
भांग-बुटी चढ़ाएं
मदमस्त बाराती ढोल-नगाड़े
व डीजे की
धून पर खूब
थिरके। बैण्डबाजे के साथ
बग्घी पर दूल्हा-दुल्हन और घोड़े
पर देवी-देवताओं
के स्वरूपों की
झांकियां सजीं थीं।
बारात में शामिल
झांकियां बेटी बचाओ
- बेटी पढ़ाओ, भारतीय सैनिक
के आतंकवाद से
मुकाबले एवं सामाजिक
चेतना पर जीवंत
जागृति प्रस्तृत कर रहे
थे। बारात में प्रमुख
रूप से अमित
जायसवाल, शैलेन्द्र जायसवाल, मनोज
जायसवाल, सुभाष चंद्र जायसवाल,
रमेश कुमार, नरेन्द्र
गुप्ता, पार्षद असलम, मुन्ना
शाह, सरदार निजामुद्दीन
अंसारी, अनिसुर्रहमान अंसारी, रमेश कुमार,
ईश्वर लाल जायसवाल,
कृष्णलाल गुप्ता, राजकुमार गुप्ता,
सुधीर जायसवाल, अनिल
यादव, आनंद जायसवाल,
शरद जायसवाल, विनोद
केसरवनी समेत क्षेत्र
के दोनो संम्प्रदायो
की भारी संख्या
रही।
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