मोदी के रोड शो में ‘भगवामय’ हुई काशी
मोदी
मोदी और भारत
माता की जय
के बीच काशी
बोले ’दिल से-मोदी फिर
से’ का नारा
गूंजा
सुरेश गांधी
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने गुरुवार
को वाराणसी में
रोड शो किया।
रोड शो से
पहले उन्होंने काशी
हिंदू विश्वविद्यालय के
बाहर मदन मोहन
मालवीय की प्रतिमा
पर माल्यार्पण किया।
रोड शो से
पहले ही काशी
की सड़कें भगवामय
हो गई। या
यूं कहे मोदी
के स्वागत में
5 किमी तक कार्यकर्ताओं
एवं समर्थकों भीड़़़
कुछ ऐसे उमड़
पड़ी कि काशी
की सड़के, गलियां
सब पट गईं।
जिधर नजर दौड़ाओं
सिर्फ भगवा ही
नजर आया। केसरिया
रंग का कुर्ता
और साफा पहने
मोदी का काफिला
जब शहर के
लंका और अस्सी
इलाकों से गुजरा
तो लोगों का
हुजूम उमड़ पड़ा।
उन्होंने गर्मजोशी से प्रधानमंत्री
का अभिवादन किया।
आलम यह था
कि बीएचयू से
दशाश्वमेध घाट तक
करीब पांच किमी
की दूरी तय
करने में ढाई
घंटे से ज्यादा
का समय लगा।
रास्तेभर भारत माता
की जय के
बीच काशी बोले
’दिल से-मोदी
फिर से’, जैसे नारे
गूंज रहे थे।
पीएम नरेंद्र मोदी
के संसदीय क्षेत्र
में आयोजित इस
मेगा रोड शो
में लघु भारत
की तस्वीर भी
नजर आई और
गंगा-जमुनी तहजीब
की साझा सांस्कृतिक
विरासत भी नुमाया
हो रही है।
सबसे पहले
मोदी ने बीएचयू
गेट स्थित मालवीय
जी की प्रतिमा
पर मार्ल्यापण किया।
इसके बाद पीएम
ने जनता का
अभिवादन किया और
फिर गाड़ी में
बैठ रोड शो
शुरू किया। लंका
से दशाश्वमेध घाट
तक होने वाले
इस रोड शो
में पीएम मोदी
के साथ राष्ट्रीय
जनतांत्रिक गठबंधन, एनडीए के
कई दिग्गज नेता
भी शामिल थे।
इस दौरान खुली
जीप में खड़े
होकर मोदी सड़क
किनारे लोगों का हाथ
हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया।
लंका से लाखों
निगाहों की छाया
से गुजरती हई
विविध रंगों से
सजी उनकी यात्रा
मदनपुरा तक पहुंची
तो काशी अभिभूत
थी। मोदी पर
फिदा थी। मोदी
ने भी काशी
का दिल जीत
लिया। तीन बजे
से उनका रोड
शो प्रस्तावित था
पर, सवा दो
घंटे की देरी
से शुरू हुए
इस मेगा शो
में अब तक
के सारे रिकार्ड
टूट गए। इस
दौरान आस्था के
साथ राष्ट्रवाद भी
नजर आ रहा
था।
रोड शो
के समापन पर
प्रधानमंत्री गंगा आरती
में भी शामिल
हुए और मां
गंगा पूजा भी
की। उनके साथ
भाजपा अध्यक्ष अमित
शाह, मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ कईकेंद्रीय मंत्री और
पार्टी के तमाम
नेता मौजूद थे।
गंगा आरती में
शंखनाद के साथ
ही मोदी ने
अपनी ताकत दिखा
दी और काशी
को भगवामय कर
दिया। सोनारपुरा में
तो अद़भुत मंजर
था। उत्साह का
आलम देखते ही
बन रहा था
पर, मुसलमानों की
बड़ी आबादी वाले
मदनपुरा में गंगा-जमुनी तहजीब जिंदा
हो गई। मोदी
की अगवानी में
मुस्लिम समाज सबसे
आगे था। यह
पिछले पांच वर्षों
के विश्वास का
नतीजा था। यह
समाज मोदी को
फिर पीएम बनाने
के लिए पूरे
उत्साह से आगे
आया। नामांकन से
पूर्व उनके इस
रोड शो ने
संकेत दे दिया
कि केवल वाराणसी
ही नहीं बल्कि
उप्र के अलावा
अन्य राज्यों में
भी भगवा फहराएगा।
मोदी 2014 में चुनाव
लड़ने देश की
धार्मिक-सांस्कृतिक राजधानी काशी
आये तब उन्होंने
कहा था कि
मैं यहां आया
नहीं, मां गंगा
ने बुलाया है।
इस बार वह
गंगा का आशीर्वाद
लेने पहुंचे तो
अतीत की स्मृतियों
के साथ भविष्य
के ख्वाब आंखों
में तैर रहे
थे। पुजारी ने
उन्हें तिलक लगाया
तो बतौर प्रधानमंत्री
अपनी दूसरी पारी
खेलने के लिए
उनकी आंखों की
चमक उभर आयी।
रोड शो
के दौरान सभी
लोग अपने हाथों
में मोबाइल फोन
के माध्यम से
उनकी एक तस्वीर
कैद करने में
जुटी रहे। मोदी
सड़कों के दोनों
ओर खड़े और
छत की मुंडेरों
से झांक रहीं
महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों
से हाथ हिलाकर
अभिवादन करते और
अपने ऊपर बरस
रही गुलाब की
पंखुड़ियों को चेहरे
से हटाते। उनकी
काले रंग की
गाड़ी गुलाबी हो
गई थी। जहां
तक नजर जा
रही थी, बस
सिर ही सिर
नजर आ रहे
थे। कोई केसरिया
टीशर्ट पहने तो
कोई पगड़ी बांधे।
किसी के गले
में भाजपा का
भगवा दुपट़टा तो
कहीं रामायण के
पात्रों के वेश
में रामजी की
सेना। विहंगम दृश्य
था और मोदी
की भावुकता चेहरे
पर झलक रही
थी।
भाजपा नेताओं का
कहना है कि
मोदी के रोड
शो से बनारस
सहित पास पड़ोस
के जिलों को
फायदा मिलेगा। इसके
जरिए पूर्वांचल के
लोकसभा सीट के
लिए पार्टी नेताओं
कार्यकर्त्ताओं में जोश
और उत्साह का
संचार पैदा करने
की कोशिश की।
रास्ते भर 5 किमी
सड़क किनारे लोगों
के साथ भाजपा
कार्यकर्ता मोदी के
आने का इंतजार
करते रहे। इस
दौरान जगह जगह
पर बैंड बाजा
के साथ मोदी
का स्वागत किया
गया और उनपर
पुष्पवर्षा की गई।
दोपहर बाद से
ही सड़क के
दोनों ओर भीड़
जुटनी शुरू हो
गई थी। रोड
शो के दौरान
भाजपा समर्थक मोदी
और पार्टी का
झंडा बैनर लेकर
खड़े थे और
मोदी अमित शाह
ने दावा ठोका
कि मोदी की
लहर अब सुनामी
में तब्दील हो
गई है। इसमें
सपा बीएसपी और
कांग्रेस जैसी पार्टियां
बह जाएंगी।
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