Sunday, 21 July 2019

प्रदूषण को रोकने के लिए पौधारोपण जरुरी


प्रदूषण को रोकने के लिए पौधारोपण जरुरी
शिल्पी सिंह ने कहा, पौधारोपण से जल शक्ति पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बल
सुरेश गांधी
वाराणसी। बच्चे पेड़ लगाओ-जीवन बचाओ, एक बच्चा-एक पौधा, जन-जन को समझाना है-सबको पेड़ लगाना है आदि नारों के बीच सोमवार को सुधा अमृतम वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में सास्वत केयर हॉस्पिटल अवलेशपुर विश्वनाथ पुरम कॉलोनी में पौधारोपण किया गया। इस मौके पर संस्था की प्रदेश सचिव सरस्वती (शिल्पी सिंह) ने कहा कि उन्होंने कारगिल के शहीदों की याद में पौधारोपण किया है। जब भी हो सके अपनी सुविधानुसार एक पेड़ अवश्य लगाएं। यह समाज के लिए आपकी भागीदारी होगी। यदि पर्यावरण संरक्षित नहीं किया गया तो मानव जाति का जीवन संकट में पड़ जाएगा। पौधारोपण के अभाव में वातावरण में प्रदूषण फैल रहा है जो कई तरह की बीमारियों का कारण बन रहा है।
                शिल्पी सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल बचाओ पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधारोपण जरूरी है। हर व्यक्ति को पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए। जल संचय भी प्रकृति के लिए जरूरी है। जल बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया से आह्वान किया है कि वह जल को बचाएं, उसको व्यर्थ ना जाने दें। स्वच्छ पेयजल को बचाना आज के समय की मांग है, जीवन के लिए पानी जरूरी है। कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जो अभी पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। पौधारोपण से प्रधानमंत्री के जल शक्ति अभियान पर्यावरण सरंक्षण को भी बल मिलेगा। इसलिए जरुरी है कि बरसात की शुरूआत से ही पौधारोपण की शुरूआत किया जाय। पौधारोपण पवित्र कार्य है, सभी को अधिक से अधिक पौधारोपण करके पर्यावरण को बढ़ावा देना चाहिए।
शिल्पी सिंह ने कहा कि पुरानी पीढ़ियों को अगर याद करें तो जिस घर में लड़की का जन्म होता था उस परिवार के सदस्य कीमती फलदार पांच वृक्ष कम से कम उनके नाम से लगाते थे और वही वृक्ष तैयार हो कर उनके शादी समारोह में सहयोग भी करते थे। इससे पर्यावरण को भी लाभ मिलता था और परिवार के लोगों को आर्थिक सहायता भी। आज भी यदि इस फॉर्मूले को तेजी से लोग अमल करें तो पर्यावरण को निश्चित तौर पर दूषित होने पर बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदूषण बढ़ रहा है। वातावरण को दूषित होने से पौधों की अहम भूमिका होती है। परंतु बीते कुछ समय से जिस तरह से पौधों की संख्या कम हुई है। उससे वातावरण दूषित हुआ है। वातावरण को दूषित होने से बचाने के लिए हमें अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए। अधिक वन क्षेत्र होगा तो बरसात भी अधिक होगी। जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पेड़ों से जीवनदायिनी ऑक्सीज़न भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी ज़िन्दा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। पेड़ इंसान की ज़रूरत हैं, उसके जीवन का आधार हैं। पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है। विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। पीपल, विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल कृष्ण का माना जाता है।
इसके अलावा अनेक पौधे ऐसे हैं, जो पूजा-पाठ में काम आते हैं, जिनमें महुआ और सेमल आदि शामिल हैं। वराह पुराण में वृक्षों का महत्व बताते हुए कहा गया है- जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, एक बड़, दस फूल वाले पौधे या बेलें, दो अनार दो नारंगी और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह नरक में नहीं जाएगा। इस मौके पर सेवा भारती गोरक्ष के प्रांत मंत्री मीनाक्षी राय, पूर्वांचल ग्राम विकास अधिकारी देवेंद्र कुमार प्रजापति, सास्वत केयर हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ सुरेश कुमार प्रजापति, सरोज प्रजापति, किरण मौर्य, दिनेश केसरी, मितेश सिंह, संस्था उपाध्यक्ष केशव सिंह, सास्वत सौम्य, प्रमोद प्रजापति सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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