पीएम मोदी ने वाराणसी में किया दुग्ध क्रांति का आगाज : कहा, गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए मां है
विपक्ष की सिलेबस में सिर्फ माफियावाद, कब्जा, परिवारवाद
8 करोड़ परिवारों की
आजीविका
पशुधन
से
चलती
है
2100 करोड़ की परियोजनाओं
का
लोकार्पण
व
शिलान्यास
सुरेश गांधी
वाराणसी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के
बाद 10 दिन के अंदर दूसरी
बार गुरुवार को वाराणसी आएं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशीवासियों को
करोड़ों की सौगात देने
के साथ ही विकास की
रूपरेखा रख विपक्ष को
कई मुद्दों पर कठघरे में
खडा किया। शहर से 25 किमी वाराणसी-जौनपुर मार्ग के करखियांव स्थित
सभास्थल पर मोदी ने
2100 करोड़ रुपये की लागत की
27 परियोजनाओं का शिलान्यास और
लोकार्पण किया। इसमें 870.16 करोड़ से अधिक लागत
वाली 22 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व
225.51 करोड़ की 5 परियोजनाओं की आधारशिला शामिल
है।
इनमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट 475 करोड़ से करखियांव में
बनास डेयरी संकुल है। साथ ही ग्रामीण आवासीय
अधिकार रिकॉर्ड घरौनी का वितरण किया।
एक लाख 70 हजार दुग्ध उत्पादकों को 35.2 करोड़ रुपये बोनस का भी उन्होंने
आनलाइन ट्रांसफर किया। इस दौरान पीएम
मोदी ने जनसभा को
संबोधित करते हुए कहा कि गाय कुछ
लोगों के लिए गुनाह
हो सकती है, लेकिन हमारे लिए माता है, पूज्यनीय है। जबकि उनके सिलेबस में माफियावाद और परिवारवाद है।
कहा, गाय-भैस का मजाक उड़ाने
वाले लोग भूल जाते हैं कि देश के
8 करोड़ लोगों की आजीविका इसी
पशुधन से चलती है
और देश साढ़े आठ लाख करोड़
रुपये का दूध-उत्पादन
करता है। यह राशि गेहूं
और चावल के उत्पादन से
भी ज्यादा है।
बता दें, बनास डेयरी की आधारशिला रखने
से पहले इसके मॉडल का अवलोकन किया
और इसके बारे में अफसरों से जानकारी ली।
प्रस्तावित परियोजना के मॉडल का
अवलोकन कर पीएम मोदी
ने इसकी तारीफ की। जनसभा को संबोधित करते
हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि
हमारे यहां गाय की बात करना,
गोबर धन की बात
करना, कुछ लोगों ने ऐसे हालात
पैदा कर दिए हैं
जैसे हम गुनाह कर
रहे हैं। पीएम ने कहा, आज
वाराणसी समेत पूरा पूर्वांचल फिर से पूरे देश
और पूरे यूपी के गांवों, किसानों,
पशुपालकों के लिए बहुत
बड़े कार्यक्रम का साक्षी बना
है। उन्होंने कहा कि मैं आज
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर
उन्हें नमन करता हूं। इस दिन देश
’किसान दिवस’ मना रहा है।
उन्होंने कहा कि यूपी के
विकास में डबल इंजन की डबल शक्ति
और डबल विकास की बात करता
हूं तो कुछ लोगों
को कष्ट हो जाता है।
ये वो लोग हैं
जिन्होंने यूपी कीराजनीति को जाति, पंथ,
मजहब के चश्मे से
देखा। इन लोगों ने
कभी यूपी के विकास को
नहीं चाहा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास
की परिभाषा भी उनके सिलेबस
में नहीं है। उनके सिलेबस में माफियावाद, परिवारवाद, घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा
है। पहले की सरकारों के
समय यूपी के लोगों को
जो मिला और अब जो
मिल रहा है, उसका फर्क दिख रहा है।
दोबारा प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा
मोदी ने कहा-धरती
मां के कायाकल्प, सुरक्षा
और भावी पीढ़ियों के भविष्य को
सुरक्षित रखने के लिए, हमें
दोबारा प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना
ही होगा। हमारे देश में समय के साथ प्राकृतिक
खेती का दायरा सिमटता
गया। साथ ही उस पर
केमिकल वाली खेती हावी होती गई लेकिन आज
प्राकृतिक खेती की डिमांड है।
डबल इंजन की भाजपा सरकार,
पूरी ईमानदारी व शक्ति से
किसानों तथा पशुपालकों का साथ दे
रही है। पीएम मोदी ने कहा- जो
हमारा पशुधन है, वो बायोगैस, जैविक
खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत
बड़ा आधार है। 10 करोड़ से अधिक पशुपालन
देश के छोटे किसानों
की अतिरिक्त आय का बहुत
बड़ा साधन बन सकता है।
पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान,
उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने
का बहुत बड़ा जरिया है। मेरा अटूट विश्वास है कि देश
का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों
की स्थिति को बदलने में
बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है। हमने पशुओं में विभिन्न बीमारियों के लिए राष्ट्रव्यापी
टीकाकरण अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि एक जमाना
था जब हमारे गांवों
में घर-आंगन में
मवेशियों के झुंड ही
संपन्नता की पहचान थे
और हमारे यहां तो कहा भी
जाता था कि हर
कोई पशुधन कहता है। किसके दरवाजे पर कितने खूंटे
हैं, इसको लेकर स्पर्धा रहती थी। हमारे शास्त्रों में भी कहा गया
है कि गायें मेरे
चारों ओर रहे और
मैं गायों के बीच निवास
करू। ये सेक्टर हमारे
यहां रोजगार का भी हमेशा
से बहुत बड़ा माध्यम रहा है। लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर
को जो समर्थन मिलना
चाहिए था, वो पहले की
सरकारों में मिला नहीं।
किसानों को होगा लाभ
अमूल प्लांट की नींव रखने
से किसानों संग क्षेत्र का विकास तय
हो गया है। इसके साथ ही आनलाइन अन्य
परियोजनाओं का लोकार्पण और
शिलान्यास किया। इसके बाद मंच पर अपने हाथ
से वाराणसी के छह परिवारों
को घरौनी का भी प्रमाण
पत्र किया। इसमें वाराणसी के तीनों तहसील
यानी सदर, पिंडरा व राजातालाब के
दो-दो परिवार शामिल
रहे। इसके बाद उत्तर प्रदेश भर के 20 लाख
परिवारों को आनलाइन घरौनी
यानी खतौनी भी जारी किया।
इसमें 35 हजार परिवार वाराणसी जिले के शामिल रहे।
7 साल में दूध उत्पादन में 45 फीसदी की वृद्धि
प्रधानमंत्री ने संबोधन से
पहले क्षेत्र के लोगन के
प्रणाम करत हईला.। पड़ोस के
जिला जौनपुर के सभी बंधु-भगिनी लोगन के प्रणाम...।
आज वाराणसी और इसके आसपास
का क्षेत्र पूरे देश के किसानों और
पशुपालकों के लिए बहुत
बड़े कार्यक्रम का साक्षी बना।
आज का दिन इसलिए
भी विशेष है क्योंकि आज
देश के पूर्व प्रधानमंत्री
चौधरी चरण सिंह की जयंती है।
उनकी स्मृति में देश किसान दिवस मना रहा है। कहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि
साथियों अब मैदान छोटा
पड़ गया है। अब वहीं पर
आप अपने को संभाल लीजिए।
बनास डेयरी के लाखों दूध
उत्पादकों के खाते में
करोड़ों रुपए ट्रांसफर किया गया है। रामनगर की डेयरी के
लिए बायोगैस प्लांट की स्थापना हुई
है। आज यूपी के
लाखों लोगों को अपने घर
के कानूनी दस्तावेज यानी घरौनी भी सौंपी गई
है। वाराणसी की 1500 करोड़ से ज्यादा की
परियोजनाओं का लोकार्पण और
शिलान्यास हुआ है। कहा, किसानों और पशुपालकों के
लिए अनेकों योजनाओं के साथ ही
पशुओं के घर पर
उपचार और मुफ्त टीका
की व्यवस्था कराई गई है। देश
में इन्हीं प्रयासों का परिणाम है
कि देश में सात साल में दूध उत्पादन 45 प्रतिशत बढ़ा है। आज भारत दुनिया
का 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक
दूध उत्पादक राज्य है और डेयरी
सेक्टर के विस्तार में
भी बहुत आगे है। किसान न केवल दूध
से बल्कि गोबर से भी आमदनी
कर पाएंगे। दूध से भी ज्यादा
पैसा गोबर से किसान प्राप्त
कर सकेंगे। बायो गैस प्लांट से खाद बनेगी
और काफी कम कीमत में
किसानों को वह मिल
सकेगी। आज भारत हर
साल लगभग साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन
करता है। ये राशि जितना
भारत में गेहूं और चावल का
उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं
ज्यादा है। भारत के डेयरी सेक्टर
को मजबूत करना आज हमारी सरकार
की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
इसी कड़ी में आज यहां बनास
काशी संकुल का शिलान्यास किया
गया है।
किसान बनेंगे आत्मनिर्भर
गांवों को और किसानों
को आत्मनिर्भर बनाने से स्वामित्व की
बड़ी भूमिका है। 21 लाख परिवारों को अपने घर
की घरौनी के दस्तावेज दिए
गए हैं। इससे अवैध कब्जे से लोग बचेंगे।
घरौनी के सहारे बैंकों
से लोन लेना भी आसान होगा।
मलइयो, लस्सी, लौंगलता और रसगुल्ला का जिक्र
गोबर से भी होगी कमाई
35 हजार लोगों को मिला प्रमाण पत्र
काशी बन रही स्मार्ट
योगी ने खींचा विकास का खाका
समग्र विकास एवं स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक संसाधनों की ओर जाना ही होगा।
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