काशी में की गई थी मेरी मृत्यु की कामना : पीएम मोदी
लेकिन विपक्ष
को
जानना
चाहिए
भोले
के
त्रिशूल
के
आगे
कोई
नहीं
टिक
सकता
बूथ विजय
सम्मेलन
में
मोदी
ने
कहा,
भाजपा
की
पहचान
हैं
उसके
कार्यकर्ता
बाबा विश्वनाथ
मंदिर
में
टेका
मत्था
सुरेश गांधी
वाराणसी।
यूपी में पांच चरणों का रण खत्म
हो चुका है। अब बारी छठे
चरण की है। छठे
व 7वें चरण ककी सीटों पर जीत हासिल
करने के लिए राजनीतिक
दल एड़ी चोटी का जोर लगा
रहे हैं। जबकि यूपी में एक बार फिर
कमल खिलाने के लिए योगी
तो योगी खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी अपनी
ताकत झोंक दी। बीजेपी की नैया पार
लगाने के लिए रविवार
को पीएम अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में थे, जहां उन्होंने बूथ विजय सम्मेलन में विपक्ष के खिलाफ जोरदार
हुंकार भरी। साथ ही यूक्रेन में
फंसे भारतीयों का भी जिक्र
किया। इस दौरान पीएम
ने नाम लिए बगैर विपक्ष पर हमला बोलते
हुए भावुक अंदाज में कहा कि कुछ लोग
इतना नीचे गिर गए थे कि
विश्वनाथ धाम लोकार्पण के समय हमारी
मृत्यु की कामना की
थी। लेकिन उनके मृत्यु की कामना पर
भी मुझे बहुत आनंद आया। मेरी मृत्यु तक न काशी
मुझे छोड़ेगी न काशी के
लोग। अगर भक्तों की सेवा करते
चला जाऊं तो उससे बढ़िया
क्या होगा। लेकिन उन्हें नहीं मालूम ये जिंदा शहर
बनारस है। परिवारवादी लोग इसे नहीं समझ सकते कि यहां से
मुक्ति का मार्ग खुलता
है।
इसके पूर्व पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ
धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में
वाराणसी के आठो विधानसभा
क्षेत्रों से आएं बूथ
कार्यकर्ताओं के बीच जाकर
रु-ब-रु हुए।
संबोधन के दौरान उन्होंने
बनारस से आत्मीय रिश्ता
जोड़ा। बाबा भोलेनाथ का स्मरण करने
के बाद भोजपुरी में भाषण की शुरुआत की।
उन्होंने कहा, साथियों सबसे पहले संगठन के प्रमुखों का
धन्यवाद करता हूं। पीएम मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं
को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी
कहा कि त्रिशूल के
आगे कोई माफिया, कोई आतंकी कभी टिक सकता है क्या? आज
सब अपने ठिकाने पर है और
कालजली काशी देश को दिशा दिखा
रही है। कुछ दिन पहले मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा भी
बनारस को आशीर्वाद देने
फिर से स्थापित हो
गई हैं। पहले काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट
होते थे। आतंकवादी बेखौफ थे, क्योंकि तब की समाजवादी
सरकार उनके साथ थी। उन्होंने कहा, सरकार आतंकियों से खुलेआम मुकदमे
वापस ले रही थी।
लेकिन, काशी कोतवाल बाबा कालभैरव के आगे इनकी
चलने वाली थी क्या? उन
घोर परिवारवादियों को मालूम नहीं
है कि ये जिंदा
शहर बनारस है! ये शहर मुक्ति
के रास्ते खोलता है। और अब बनारस,
विकास के जिस रास्ते
पर चल पड़ा है,
वो देश के लिए गरीबी
से मुक्ति के रास्ते खोलेगा,
अपराध से मुक्ति के
रास्ते खोलेगा।
काशी के प्रति अपने
अनुराग इजहार करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ’मुझे
लगा कि मेरे घोर
विरोधी भी ये देख
रहे हैं कि काशी के
लोगों का मुझ पर
कितना स्नेह है। उन लोगों ने
तो मेरे मन की मुराद
पूरी कर दी। इसका
मतलब ये कि मेरी
मृत्यु तक ना काशी
के लोग मुझे छोड़ेंगे और ना ही
काशी मुझे छोड़ेगी। मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना
करना पसंद नहीं करता और ना ही
किसी की आलोचना करना
चाहता हूं। लेकिन जब सार्वजनिक रूप
से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की
गई, तो वाकई मुझे
बहुत आनंद आया, मेरे मन को बहुत
सुकून मिला। पीएम मोदी ने कहा, ’काशी
तो अविनाशी कही जाती है और काशी
के लोग जब विश्वनाथ धाम
परियोजना को लेकर गर्व
का अनुभव कर रहे थे,
तो उस समय हमने
एक और अनुभव किया।
हम सभी ने देखा कि
भारत की राजनीति में
कुछ लोग किस हद तक नीचे
गिर गए हैं। मैंने
इस बार लाल किले से कहा है
कि 100 फीसदी लाभार्थियों तक जन कल्याणकारी
योजनाओं का लाभ पहुंचना
चाहिए। जब ऐसा होगा
तो न तुष्टिकरण की
कोई संभावना होगी, न किसी भेदभाव
की। इस काम में
भाजपा कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी
भूमिका है।
भाजपा की पहचान हैं उसके कार्यकर्ता
पीएम ंने कहा, हम सेवा करने
के लिए ही राजनीति में
आए हैं। ये एक-दो
दिन की रिहर्सल नहीं,
एक दो साल का
कोर्स नहीं है, बल्कि सेवा एक माहयज्ञ है,
जो जीवन की आखिरी सांस
तक अनवरत चलते रहना चाहिए। भाजपा की पहचान उनका
कार्यकर्ता है। भाजपा कार्यकर्ता की पहचान उसकी
सेवा है। कोरोना काल इसका ताजा उदाहरण है। कोरोना काल के दौर में
पार्टी ने ’सेवा ही संगठन’ अभियान
चलाया। मैं जानता हूं कि किस तरह
भाजपा का हर एक
कार्यकर्ता जन सामान्य की
सेवा के लिए लगा
रहा। हमारे कार्यकर्ताओं ने लोगों तक
राशन पहुंचाया, घर-घर दवाईयां
पहुंचाई, मास्क बांटे। सपा पर निशाना साधते
हुए उन्होंने कहा, ’पहले जिन घोर परिवारवादियों ने सरकार चलाई
उनकी पार्टी की पहचान के
साथ गुंडागर्दी और माफियावाद जुड़ा
हुआ है। जब ये घोर
परिवारवादी सरकार में थे, तो यूपी के
विकास के लिए, गरीबों
के लिए हम जो भी
काम लेकर आते थे, उसमें ये अड़ंगा लगा
देते थे। लेकिन बीते पांच साल में डबल इंजन की सरकार ने
यूपी के विकास की
पूरी ईमानदारी से कोशिश की
है।
पिछली सरकारों ने बनारस की उपेक्षा की
प्रधानमंत्री ने कहा, काशी
भारत की संस्कृति की
प्राचीन राजधानी रही है। लेकिन, पिछली सरकारों ने बनारस को
विकास से वंचित रखकर
यहां के लोगों को
परेशानियों के गर्त में
धकेलने की कोशिश की।
अभी शिवरात्रि आने वाली है। पूरे देश से लोग काशी
आएंगे। बाबा भोलेनाथ के दर्शन के
लिए लोग घंटों तक लाइन में
लगते हैं। काशी में आए बाबा के
भक्त बाबा के ही रूप
होते हैं। हमें इसी भाव के साथ हर
श्रद्धालु की सेवा करनी
है।
हम चुनाव के साथ जीतते हैं लोगों का दिल
पीएम मोदी ने कहा, भाजपा
कार्यकर्ता देश के लिए काम
करते हैं, अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर,
इदं न मम् के
भाव से काम करते
हैं। हम सभी के
लिए हमेशा से ‘व्यक्ति से ऊपर दल,
और दल से ऊपर
देश रहा है। हम चुनाव जीतते
हैं लेकिन साथ ही लोगों का
दिल भी जीतते हैं।
उन्होंने कहा, हमारा संगठन एक जीवंत इकाई
है। हम कार्यकर्ताओं को
परिवार मानने वाले लोग हैं। अपनी पार्टी को अपनी निजी
प्रापर्टी मानने वाले ये घोर परिवारवादी
लोग हमारा मुकाबला नहीं कर सकते हैं।
मुझ जैसे कार्यकर्ता को पार्टी ने
बनारस भेजा और मुझे बनारस
मिल गया। मैं बनारस का ही होकर
रह गया। काशी की सेवा का,
महादेव और मां गंगा
के चरणों पर बैठने का
जो पुण्य लाभ मुझे मिला है, ये मुझे पार्टी
ने ही दिया है।
चुनाव में जीत के मंत्र दिए
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मुझे
काशी के स्वर्गीय डोमराजा
जगदीश चौधरी जी की कमी
भी महसूस हो रही है।
वो मुझ पर इतना स्नेह
दिखाते थे, कि मैं अभीभूत
हो जाता था। जिस पार्टी के पास आप
जैसे कर्मठ कार्यकर्ताओं की ताकत हो,
उसकी जीत तो सुनिश्चित है
ही। बूथ विजय सम्मेलन में आपका ये जोश, आत्मविश्वास
दिखता है कि हम
हर बूथ भी जीतेंगे. साथ
ही पूरे क्षेत्र में फुल स्कोर भी करेंगे।
सम्मेलन में जोड़ा आत्मीय रिश्ता
पीएम बोले, यहां दो बातें मेरे दिल को छू गईं। एक इस सम्मेलन का नाम आपने बूथ विजय सम्मेलन रखा है। दूसरा मुझे मेरे प्राण प्रिय कार्यकर्ताओं के दर्शन का मौका दिया। जैसे आप लोगों ने 2014, 2017 और 2019 में साथ दिया वैसे ही 2022 में आप सबसे सहयोग की कामना है। पीएम ने कहा कि आज काशी विश्वनाथ धाम, काशी और देश की गरिमा के अनुरूप हमारी पहचान की भव्य झांकी बनकर खड़ा है। कितने समय बाद, बाबा का धाम और मां गंगा फिर से एक बार जुड़े हैं।
एक-एक घर जाकर मेरा प्रणाम पहुंचाइए
पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से
कहा कि मैं हर
घर तक नहीं पहुंच
सकता। ऐसे में आप लोग मतदान
के लिए जागरण चलाएं। कोई ऐसा दरवाजा न हो जिसे
हम न खटखटाएं। हमें
खुद के साथ ही
अन्य लोगों को भी संकल्प
दिलाना है कि पहले
मतदान और फिर जलपान।
आप लोग काशी के एक-एक
घर जाकर मेरा प्रणाम पहुंचाइए। उन सबको कहिए
कि मोदी जी तो नहीं
आ पाए, लेकिन उनका प्रणाम पहुंचाने आया हूं। जैसे आप लोगों ने
2014, 2017 और 2019 में साथ दिया वैसे ही 2022 में भी आप सबके
सहयोग की कामना है।
इसके पूर्व बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधन के
पूर्व मंच पर केशव प्रसाद
मौर्य ने सबसे पहले
संबोधन शुरू किया और पीएम का
स्वागत करते हुए सभी का आभार भी
जताया। इस दौरान पार्टी
स्तर पर बूथ कार्यकर्ताओं
का भी उन्होंने उत्साह
बढ़ाया। सभा में संगठन मंत्री सुनील बंशल, सूबे के स्टांप शुल्क
पंजीयन राज्य मंत्री रवीन्द्र जायसवाल, नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, डा अवधेश सिह
सहित आठों विधानसभा प्रत्याशी मंच पर मौजूद थे।
हेलीकाप्टर से पहुंचे वाराणसी
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