पांच क्विंटल रुद्राक्ष से सजा बाबा विश्वनाथ का दरबार
आखिरी सोमवारी पर शिवधुन से गुंजायमान हुई बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी
कपाट बंद
होने
तक
सवा
सात
लाख
श्रद्धालुओं
ने
टेका
मत्था
मंदिर के
ट्रस्टी
सदस्यों,
जनप्रतिनिधियों
एवं
पुलिस
प्रशासनिक
अधिकारियों
द्वारा
भक्तों
पर
बरसाएं
गए
फूल
नेपाल के
पांच
क्विंटल
रुद्राक्ष
से
सजा
बाबा
विश्वनाथ
का
दरबार,
निहारते
रह
गए
श्रद्धालु
कल काशीपुराधिपति
को
काशी
की
जनता
झूला
झुलाएगी
और
बाबा
का
झूला
श्रृंगार
होगा
सुरेश गांधी
वाराणसी। सावन के आखिरी सोमवारी को बोल बम व हर हर महादेव के नारों से बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी गुंजायमान हो गयी। श्रद्धालुओं के रंग से बाबा मंदिर परिसर सराबोर हो गया। अहले सुबह मंगला आरती के बाद अर्घा के माध्यम से जलार्पण शुरु हुआ तो देर रात जारी रहा। समाचार लिखे जाने तक 7 लाख 25 हजार बाबा भक्त दर्शन पूजन कर चुके थे। कतारबद्ध श्रद्धालुओं की खुशी देखते ही बन रही थी।
खास तौर से उनका उत्साह
उस वक्त दुगुना हो गया, जब
श्री विश्वनाथ धाम न्यास मंदिर के ट्रस्टी अध्यक्ष
नागेन्द्र पांडेय, वेंकेट रमन घनपाठी, ब्रजभूषण ओझा, पुजारी श्रीकांत मिश्रा, पूर्वमंत्री एवं विधायक नीलकंठ तिवारी, भाजपा अध्यक्ष विद्या सागर राय, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा व अपर पुलिस
आयुक्त एस चिनप्पा आदि
ने उन पर हर-हर महादेव के
उद्घोष के बीच पुष्पवर्षा
की। भोग आरती के बाद एक
लाख रुद्राक्ष के दानों से
श्रीकाशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग और शिव-पार्वती
की प्रतिमा का अद्भुत स्वरूप
सजा। भक्त बाबा के रुद्राक्ष स्वरूप
का दर्शन-पूजन किया।
सायंकाल श्री काशी विश्वनाथ की झांकी का
श्रृंगार भोग आरती से पहले सर्वाधिक
प्रिय रुद्राक्ष से किया गया।
इससे पहले बाबा के गर्भगृह से
लेकर पूरे मंदिर परिसर को रुद्राक्ष और
फूल-मालाओं से सजाया गया।
सजावट के लिए नेपाल
से पांच क्विंटल रुद्राक्ष आया। हर महादेव का
उद्घोष ऐसा मानो कण-कण शिव
तत्व से आलोकित हो
उठा। काशी विश्वनाथ धाम परिसर में इस अद्भुत सजावट
ने शिव भक्तों का मन मोह
लिया। श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के
बाद पहली बार पूरे मंदिर परिसर की सजावट रुद्राक्ष
से की गई है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो.
नागेंद्र पांडेय ने बताया कि
में सावन के आठ सोमवार
पर भगवान के अलग-अलग
स्वरूप में दर्शन हो रहे हैं
और यह पहला मौका
था। 10 जुलाई को पहले सोमवार
पर बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा
का श्रृंगार, दूसरे सोमवार को गौरी-शंकर
स्वरूप में श्रृंगार, तीसरे सोमवार को अमृत वर्षा
श्रृंगार और चौथे सोमवार
को बाबा का भागीरथी श्रृंगार
हुआ। पांचवें सोमवार को तपस्यारत पार्वती
श्रृंगार, छठवें सोमवार को शंकर-पार्वती
और गणेश श्रृंगारऔर सातवें सोमवार को अर्द्धनारीश्वर स्वरूप
में भगवान शिव ने भक्तों को
दर्शन दिए। 30 अगस्त को काशीपुराधिपति को
काशी की जनता झूला
झुलाएगी और बाबा का
झूला श्रृंगार होगा।
अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा भक्त पहुंचे काशी
भगवान शिव के अतिप्रिय मास
सावन में काशी बम-बम है।
बाबा विश्वनाथ के धाम में
रोजाना भक्तों का रेला आ
रहा है। अंतिम सोमवार के आंकड़ों को
जोड़ लें तो अब तक
डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु
बाबा दरबार में जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक कर
चुके हैं। देश के किसी भी
ज्योतिर्लिंग में यह सबसे ज्यादा
है। 13 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी
ने किया था काशी विश्वनाथ
धाम का लोकार्पण किया
था। इसके बाद काशी में धार्मिक पर्यटन को मानो पंख
लग गए हैं। कभी
मात्र तीन हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल में फैला मंदिर परिसर आज लगभग पांच
लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र
में भव्य आकार ले चुका है।
वैसे तो हर सावन
माह में शिव भक्तों की लंबी कतार
देखने को मिलती रही
है, लेकिन इस बार विश्वनाथ
धाम ने नया रिकॉर्ड
बना डाला है। जो आंकड़ा 2021 से
पहले पूरे साल बीतने के बाद भी
नहीं छु पाता था,
वह आंकड़ा सिर्फ सावन महीने में पूरा हो गया है।
इस बार सावन में श्रद्धालुओं का आंकड़ा डेढ़
करोड़ से ज्यादा हो
गया है। बीते साल सावन में भी एक करोड़
से ज्यादा बाबा भक्तों ने काशी विश्वनाथ
के दरबार में हाजिरी लगाई थी। यह आंकड़ा कोई
अंदाजा नहीं है, बल्कि उनके द्वारा हेड काउंटिंग मशीन के गिने हुए
सटीक आंकड़े हैं, जो कि प्रशासन
ने विश्वनाथ धाम में लगवाया है।
पर्यटन को लगे पंख
आज से तीन-चार साल पहले अक्सर सावन के महीने में
भक्तों का आंकड़ा
64 लाख तक पहुंचता था।
क्योंकि यह मौसम पर्यटन
का नहीं हुआ करता था लेकिन शिव
भक्तों ने इन सारी
बातों पर पानी फेर
दिया है और बाबा
के चरणों में अप्रत्याशित संख्या में आकर इतिहास रच दिया है।
वाराणसी में पर्यटन को नई दिशा
मिली है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालु
पहले
सोमवार- 5.50 लाख
दूसरे
सोमवार -5.50 लाख
तीसरे
सोमवार- 06 लाख
चौथे
सोमवार- 6.50 लाख
पांचवें
सोमवार- 6.60 लाख
छठवें
सोमवार- 6.15 लाख
सातवें
सोमवार- 6.85 लाख
आठवें
सोमवार : 7.25 लाख