आज बहनें भाइयों की कलाई पर बांधेंगी प्यार की राखी
रक्षाबंधन की खरीदारी से खिले बाजार, कारोबार में 50 फीसदी की उछाल
तिरंगा राखी,
वसुधैव
कुटुंबकम
राखी,
भारत
माता
राखी
आदि
की
भी
खूब
डिमांड
बच्चों के
लिए
क्यू
आर
कोड
वाली
राखी
और
युवाओं
के
लिए
नए
फैंसी
डिजाइन
वाली
राखियां
आकर्षण
का
केंद्र
बनी
हुई
हैं
आभूषण दुकानों
में
चांदी
की
राखी
खरीदने
वालों
की
होड़
मची
है.एक
हजार
करोड़
के
कारोबार
होने
के
आसार
मार्केट से
गायब
हुईं
चीन
की
राखियां
सुरेश गांधी
वाराणसी। रक्षाबंधन के चलते बाजारों
में रौनक छायी रही।
अचानक खरीदारी में आया तेजी
से बाजार खिल उठे। कारोबारियों
की मानें तो खरीदारी से
कारोबार में 50 फीसदी तक उछाल आया
है। बाजारों में खरीदार बड़ी
संख्या में उमड़ रहे
हैं। सोमवार को बहनें भाइयों
की कलाई पर स्नेह
का धागा बांधेंगी और
भाई आजीवन उनकी रक्षा का
संकल्प लेंगे। सुबह से ही
राखी खरीदने के लिए महिलाएं
दुकानों पर पहुंच रही
हैं। राखियां, कपड़े, सराफा, कॉस्मैटिक, मिष्ठान की दुकानों पर
बड़े उत्साह के साथ लोग
रक्षाबंधन पर्व की खरीदारी
करते देखे गए। महिलाएं
भाइयों के लिए चांदी
की राखियां खरीद रही हैं।
बाजार में 300 तरह की डिजाइन
की चांदी की राखियां हैं।
इनकी बिक्री भी बढ़ी है।
100 तरह की सोने की
राखियां हैं। हर दुकानों
में राखी खरीदने वालों
के बीच उत्साह दिख
रहा है. खास यह
है कि मार्केट से
चीन में बनी राखियां
गायब हैं. कारोबारियों ने
मेक इन इंडिया को
बढ़ावा देते हुए सिर्फ
देश में बनी राखियों
को ही प्राथमिकता दी
है. लोगों के उत्साह को
देखते हुए उम्मीद जताई
जा रही है कि
रक्षा बंधन पर इस
साल मार्केट में लगभग 1000 करोड़
रुपये का कारोबार हो
सकता है. वाराणसी व्यापार
संघ के अध्यक्ष अजीत
सिंह बग्गा ने कहा कि
वाराणसी पूर्वांचल का सबसे बड़ा
मार्केट है। एक अनुमान
के मुताबिक इस साल रक्षाबंधन
के मौके पर हर
तरह की खरीदारियों में
न सिर्फ 50 फीसदी का उछाल आया
है, बल्कि 1000 करोड़ के कारोबार
होने के आसार है।
कारोबारियों ने बताया की
इस साल देश के
विभिन्न शहरों के मशहूर उत्पादों
से विशेष प्रकार की राखियां भी
बनाई गई हैं. इनमें
नागपुर में बनी खादी
राखी, जयपुर की सांगानेरी कला
राखी, पुणे की बीज
राखी, मध्य प्रदेश के
सतना में ऊनी राखी,
आदिवासी वस्तुओं से बनी बांस
की राखी, असम की चाय
पत्ती राखी, कोलकाता की जूट राखी,
मुंबई की रेशम राखी,
केरल की खजूर राखी,
कानपुर की मोती राखी,
बिहार की मधुबनी और
मैथिली कला राखी, पांडिचेरी
की सॉफ्ट पत्थर की राखी, बैंगलोर
की फूल राखी आदि
शामिल हैं. इसके अलावा
तिरंगा राखी, वसुधैव कुटुंबकम राखी, भारत माता राखी
आदि की भी खूब
डिमांड है. बच्चों के
लिए क्यू आर कोड
वाली राखी और युवाओं
के लिए नए फैंसी
डिजाइन वाली राखियां आकर्षण
का केंद्र बनी हुई हैं।
क्यू आर कोड
स्कैन करते ही भाई-बहन के प्यार
वाला गाना बजने लगेगा।
वहीं फैंसी राखियों की कीमत 50 से
60 रुपये है। श्री कृष्ण,
खाटू श्याम और नजरबट्टू वाली
राखियों की ज्यादा मांग
है। बच्चे कार्टून वाली राखी पसंद
कर रहे हैं। लाइट,
घड़ी और पॉप अप
गेम वाली राखी भी
खूब बिक रही हैं।
इनकी कीमत 40 से 50 रुपये है। दुकानदारों के
मुताबिक इस बार राखियों
की कीमत में 20 प्रतिशत
तक की बढ़ोतरी हुई
है। अधिकांश माल आगरा से
आया है। आभूषण दुकानों
में चांदी की राखी खरीदने
वालों की होड़ मची
है.दुकानदारों ने बताया कि
प्रत्येक दिन कम से
कम 100 से 150 चांदी की राखी की
बिक्री हो रही है.
लोग इसकी काफी डिमांड
कर रहे हैं. उन्होंने
बताया कि डेढ़ सौ
रुपए से लेकर ₹800 तक
चांदी की राखी की
व्यवस्था की गई है.
चांदी की राखी ब्रेसलेट
के तौर पर बनाई
गई है जिसमें तरह-तरह के डिजाइन
की राखी बाजारों में
बिक रही है.
बच्चों के लिए गेम और टॉफी वाली राखी
बाजार में बच्चों के
लिए उनकी मनमाफिक राखी
पैक आयी है. इसमें
राखी के साथ-साथ
मुंह मीठा करने वाला
टॉफी का बंच भी
है. इसमें पजल गेम भी
मिलेगा. बच्चों की टेडी राखी
अलग-अलग रंगों में
जलती-बुझती है, तो मोटू-पतलू, छोटा भीम, डोरेमॉन
जैसी स्टाइल वाली घड़ी रुपी
राखियां भी हैं.
महादेव की राखी आ रही पसंद
इस बार बाजार
में सबसे ज्यादा डिमांड
महादेव के डमरू वाली
राखी की है. इसमें
पूरी राखी चांदी की
बनी हुई है. चांदी
का डमरू और महादेव
भी लिखा अंकित है.
मोती की लड़ी और
रुद्राक्ष वाली राखियां भी
काफी पसंद की जा
रही हैं.
राखी के साथ श्रीमद्भगवत गीता भी
बाजार में इन दिनों
एक खास राखी की
काफी चर्चा है. यह एक
गिफ्ट पैक के रूप
में है. इसमें राखी
के साथ गीताप्रेस की
पॉकेट साइज श्रीमद्भगवत गीता,
रोली, चंदन, चावल व मिस्री
है. इस पैक की
कीमत सौ रुपये है.
मिठाइयों की मांग
रक्षाबंधन पर मिठाई की
मांग बढ़ जाती है।
इस बार भी शहर
में मिठाई की दुकानें सज
गई हैं। मावे, बेसन,
ड्रायफ्रूट और बंगाली मिठाइयां
सबसे ज्यादा बिक्री जा रही है।
रक्षाबंधन के मौके पर
शहर में 4 करोड़ रूपए की
मिठाइयां की बिक्री अनुमानित
है। वहीं भाइयों ने
बहनों को गिफ्ट देने
की तैयारी कर ली है।
शहर में सेलिब्रेशन गिफ्ट
पेक की डिमांड बढ़ी
है। व्यापारियों के अनुसार शहर
में अब सेल्ब्रिशन गिफ्ट
की डिमांड बढ़ी है। कई
कंपनी अपने ब्रांडेड गिफ्ट
पैक बाजार में उतारती हैं।
जिनको लोग खरीदना पसंद
कर रहे हैं।
कपड़ा बाजार में उमड़ी भीड़
त्योहार पर नए कपड़े
पहनने के लिए बाजार
में भीड़ उमड़ रही
है। कपड़ा बाजार में
इस बार रौनक है।
साडियां, कुर्ती, सलवार सूट को खरीदने
के लिए महिलाएं पहुंच
रही हैं। इसके अलावा
त्योहार पर लड़के भी
जींस-शर्ट के अलावा
कुर्ते-पजामे और सेरवानी को
खास पसंद रहे हैं।
कपड़ा व्यापारी की माने तो
पिछले एक सप्ताह से
कपड़ा मार्केट में रौनक है,
बच्चों के कपड़े की
भी विभिन्न वैरायटी मौजूद है। त्योहार पर
शहर के कपड़ा बाजार
में करीब 5 करोड़ का कारोबार
होता है।
आकर्षक राखियों की डिमांड
दुकानदारों के मुताबिक, हर
डिजाइन की राखियां थोक
दरों पर उपलब्ध हैं
और इस बार भइया-भाभी जोड़ी वाली
राखी की भारी मांग
है. दुकानदारों का कहना है
कि इस बार ग्राहक
भारतीय राखी की मांग
ज्यादा कर रहे हैं
जिससे चाइनीज राखी का मार्केट
पूर तरह खत्म होने
के कगार पर आ
गया है। जो कस्टमर
हैं वो सूती की
बनी राखी की मांग
करते हैं और अच्छी
इंडिया वाली राखी मांगते
हैं। चाइनीज राखी की न
कोई मांग है और
न कोई उसे लेता
है।
कार्टून नहीं श्री कृष्ण,गणेश वाली राखियां
बाजार में भीड़ देखते
ही बन रही है।
शहर के सभी प्रमुख
बाजार और चौक-चौराहों
पर सजे राखी बाजार
में खासी चहल-पहल
है। शाम होते ही
आकर्षक लाइट से राखियां
और भी चमकने लगती
है। धार्मिक मान्यता रखने वालों के
लिए बाजार में चंदन और
रुद्राक्ष की राखियां भी
उपलब्ध हैं। इसके साथ
ही रेशम की डोरी,
मोती, जरी, कुंदन, खिलौने
वाली राखियों से बाजार की
रौनक देखते ही बन रही
है। बच्चों में कुछ साल
पहले तक काटूर्न कैरेक्टर
का जादू छाया हुआ
था। इस वजह से
वे अपनी पसंद के
कार्टून कैरेटर वाली राखियां पसंद
करते थे। इसमें छोटा
भीम, मोटू-पतलू, डोरेमान
समेत कई कैरेटर शामिल
थे। लेकिन अब बच्चे श्री
कृष्ण, गणपति सहित देवी-देवताओं
वाली राखियां पसंद करने लगे
हैं। साथ ही म्यूजिकल
राखी और लाइट वाली
राखियां भी आकर्षण का
केंद्र बनी हुई हैं।
बाजार में मेटल की
गोल्डन और सिल्वर आभा
ली हुई आर्टिफिशल राखी
की मांग ज्यादा है।
मोती, स्टोन व कुंदन की राखी
भाई की राखी
के साथ ही भाभियों
के लिए लुंबा राखी
और फूलों वाली राखी उपलब्ध
हैं। कंगन के साथ
और बिना कंगन की
लुबा राखी खास हैं।
इसमें जरदोजी, मोती, स्टोन और कुंदन के
साथ ही फूलों की
सजावट देखते ही बन रही
है। राखी के लिए
विशेष रूप से घेवर
और सेवई की मांग
बनी हुई है। बाजार
में घेवर के साथ
ही सेवई की भी
मांग बनी हुई है।
साथ ही मिठाई के
रूप में गिफ्ट देने
के लिए चाकलेट पैक
भी आ चुका है।
स्वदेशी राखियों की मांग अधिक
इस बार व्यापारियों
ने बेहतर कारोबार होने की उम्मीद
है। राखियों से बाजार गुलजार
हो चुका है। स्वदेशी
राखियों की अधिक मांग
है। स्वदेशी राखियों की कीमत भी
बजट में है। जिसके
चलते लोगों की पहली पसंद
बनी हुई है। समूह
की महिलाओं ने बताया कि
बड़ी मेहनत से राखियां तैयार
की है। गेंहू, धान,
गोबर से भी राखियां
तैयार की गई है।
जिसमें काफी समय लगा
है। इस बार फेंगशुई
राखियों की भी डिमांड
बनी हुई है। इसके
अलावा इको फ्रेंडली राखियों
की भी धूम है।
मोतियों, रूबी और रंग-बिरंगे पत्थरों को रेशमी धागे
में पिरोकर बनाई गई राखियों
की भी खूब बिक्री
हो रही है। चंदन
की लकड़ी से बने
गणेश हों या रूबी
जैसे महंगे पत्थर से बने फूलों
के आकार की राखी....सभी अपने आप
में बेहद खूबसूरत हैं।
बहनें बाजार में जमकर खरीदारी
का आनंद उठा रही
हैं।
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