Monday, 23 September 2024

कुपोषण खत्मा के लिए कम उम्र में बच्चियों की शादी को रोकना होगा : आनंदीबन

कुपोषण खत्मा के लिए कम उम्र में बच्चियों की शादी को रोकना होगा : आनंदीबन 

टेक्नोलॉजी का प्रयोग अच्छे कार्यों में होना चाहिये : राज्यपाल

स्मार्ट क्लास के संचालन के दौरान अध्यापक की मौजूदगी सुनिश्चित हो

सीएसआर के तहत 80 करोड़ से अधिक कार्यों का एमओयू हस्तांतरण   अब तक हो चुके 125 करोड़ के सीएसआर कार्यों हेतु धन्यवाद के लिए काशी सीएसआर कानक्लेव संपंन

सुरेश गांधी

वाराणसी। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कुपोषण के खात्मा के लिए उसके जड़ तक जाना होगा। यह तभी संभव हो पायेगा जब हम उम्र में हो रही बच्चियों की शादी को रोक सकेंगे। सरकार गर्भवती माताओं को प्रथम द्वितीय संतान हेतु पैसे भी दे रही है, लेकिन उसका सही सदुपयोग नहीं हो रहा है। राज्यपाल महोदया सोमवार को कमिश्नरी सभागार में विभिन्न कंपनियों के सीएसआर के तहत 80 करोड़ से अधिक कार्यों हेतु एमओयू हस्तांतरण अब तक हो चुके 125 करोड़ के सीएसआर कार्यों हेतु आयोजित धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। 

इस दौरान राज्यपाल द्वारा पांच आंगनवाड़ी को किट वितरण के उपरांत कुपोषण के विरुद्ध उत्कृष्ट कार्य करने वाली 9 आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सुपरवाइजर को प्रमाण पत्र भी वितरित किया। इसके अलावा बाल सेवा योजना के अंतर्गत पांच लाभार्थियों को लैपटॉप, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों एवं राजकीय बालगृह को आईएसओ प्रमाणपत्र वितरित किया गया। इस दौरान मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान के सहयोग से आयोजित प्रोजेक्ट ईशा के तहत शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर महिलाओं तथा बच्चियों में जागरूकता हेतु सर्वाइकल तथा ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया गया। राज्यपाल ने एसबीआई द्वारा अनुदानितबृद्धमित्र वैनको हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

राज्यपाल ने छोटे बच्चों हेतु चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट की जरूरतों पर बल देते हुए कहा कि मां के गर्भ में पल रहे शिशु पर घर के पूरे वातावरण का फर्क़ पड़ता है। इसलिए उस दौरान अच्छे वातावरण तथा खानपान की व्यवस्था होनी चाहिये। उन्होंने प्रधानमन्त्री द्वारा शुरू किये गये आयुष्मान भारत योजना का लाभ लड़कियों को नहीं मिलने पर अभिभावकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा 20 साल से पहले बच्चियों की शादी नहीं करें। उन्होंने समाज में लड़का-लड़की भेदभाव पर चिंता जताते हुए इससे बाहर आने को कहा। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कहा 2030 तक 50 प्रतिशत बच्चों को उच्च शिक्षा में प्रवेश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये लगातार नीचे से प्रयास करने चाहिए।

उन्होंने प्रदेश के आठ एकांक्षी जिलों में सुधार हेतु लगातार प्रयास करने की जरुरत पर बल देते हए कहा कि स्मार्ट क्लास के संचालन के दौरान वहां अध्यापक जरूर मौजूद रहे। टेक्नोलॉजी का प्रयोग अच्छे कार्यों में होना चाहिये। उन्होंने कक्षाओं की लगातार रैंडम चेकिंग करने को भी निर्देशित किया। बच्चों की नींव जितना मजबूत होगी देश का उतना ही उच्च विकास होगा। साथ ही विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त होगा। भिक्षा मांगने वाले बच्चों को शिक्षा के तरफ जोड़ा जाए। अंत में उन्होंने टीबी उन्मूलन तथा सर्वाइकल कैंसर रोकथाम हेतु किये जा रहे सभी प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त की। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि स्वास्थ्य तथा कुपोषण मुक्ति के लिए उनके प्रयास जारी है। वर्तमान में जिले का अति कुपोषण स्तर जो लगभग 7 प्रतिशत था वर्तमान में घटकर लगभग 2 प्रतिशत तक गया है।

मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने कहा कि काशी समृद्धि अभियान के तहत 25 साल से कम की सभी बालिकाओ-महिलाओं की जांच करायी गयी जिसमें 67150 महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त मिलीं जिनको फोलिक एसिड तथा आयरन की गोलियां तथा देखभाल करके उनमे 58000 को एनीमिया से बाहर निकालने में मदद मिली। बच्चों को श्रीअन्न लगातार कुपोषण से मुक्ति को दिया जा रहा है। आज सात एमओयू शामिल किये गये हैं जिनमें ओएनजीसी द्वारा 27.5 करोड़, पावर ग्रिड द्वारा 12 करोड़, आरईसी द्वारा 20 करोड़ ग्राम्य विकास के क्षेत्र में, हंस फाउंडेशन द्वारा 10 करोड़ सीडब्ल्यूसी द्वारा 3.5 करोड़ स्वास्थ्य क्षेत्र में, गेल इंडिया द्वारा आईसीडीएस हेतु 1.4 करोड़, एनसीएल द्वारा बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में 90 लाख रुपये के एमओयू हुए। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पूनम मौर्य, महापौर अशोक तिवारी, विधायक नीलकंठ तिवारी, सदस्य विधान परिषद हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र सिंह समेत ओएनजीसी, पावर ग्रिड, आरईसी, हंस फाउंडेशन, गेल इंडिया, एनसीएल तथा सीडब्ल्यूसी, रिलायंस फाउंडेशन, वेदांता फाउंडेशन, फीडिंग इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई के प्रतिनिधि शामिल रहे।

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