शंकरा आई हास्पिटल प्रति वर्ष 30,000
निःशुल्क नेत्र उपचार होगा
अस्पताल में
30 हजार
सर्जरी
करने
की
क्षमता,
9 ऑपरेशन
थिएटर
और
कई
अन्य
सुविधाएं
मौजूद
2030 तक पूरे भारत
में
सालाना
5 लाख
निःशुल्क
सर्जरी
करना
लक्ष्य
है
सुरेश गांधी
वाराणसी। वाराणसी का आरजे शंकरा
आई अस्पताल देश का 14वां
अस्पताल है। यह अस्पताल
सबसे गरीब रोगियों के
लिए प्रति वर्ष 30,000 निःशुल्क नेत्र शल्य चिकित्सा उपलब्ध
कराएगा। इस अस्पताल की
स्थापना में दक्षिण भारत
(तमिलनाडु) के प्रसिद्ध कांची
कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट, जो शंकरा आई
हॉस्पिटल का समर्थन करता
है, का वाराणसी के
अत्यधिक प्रतिष्ठित, ऐतिहासिक-सांस्कृतिक शहर के साथ
समामेल हो रहा है।
यह विश्व स्तरीय आर झुनझुनवाला शंकरा
सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल, जो
लगभग 110 करोड़ रुपये के
निवेश से तैयार हुआ
है, में 30 हजार सर्जरी करने
की क्षमता, 9 ऑपरेशन थिएटर और कई अन्य
सुविधाएं मौजूद हैं। अपने संचालन
की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के साथ-साथ नेत्र देखभाल
और उपचार में सबसे गरीब
लोगों की मदद करने
के लिए अस्पताल एक
क्रॉस-सब्सिडी मॉडल (75ः25 मॉडल) पर
काम करेगा, जिसके तहत भुगतान करने
वाले रोगियों (हमारे 25 फीसदी लाभार्थी 75 फीसदी लाभार्थियों की निःशुल्क सर्जरी
की लागत में आर्थिक
रूप से सहायता करेंगे)
से प्राप्त आय का इस्तेमाल
जरूरतमंदों की सहायता के
लिए किया जाएगा।
शंकरा आई फाउंडेशन, यूएसए के कार्यकारी अध्यक्ष मुरली कृष्णमूर्ति ने कहाः “शंकरा ने ऐसे समय में वाराणसी में एक बड़ा नेत्र अस्पताल स्थापित किया है जब नेत्र देखभाल की लागत बहुत अधिक है। इस अस्पताल से वाराणसी और आसपास के शहरों और गांवों में रहने वाले और उत्तर प्रदेश तथा अन्य पड़ोसी राज्यों के लोग उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल का लाभ उठाने में सक्षम हो पाएंगे। हम अपनी ओर से सभी आवश्यक सहायता प्रदान करना ज़ारी रखेंगे जिससे शंकरा अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक पहुँच सके।“ शंकरा आई फाउंडेशन के संस्थापक एवं प्रबंध ट्रस्टी डॉ. आर.वी. रमणी ने कहा, “पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा संख्या में अंधे लोग भारत में रहते हैं और इनमें से 80 फीसदी से अधिक मामलों में सफल इलाज संभव है। शंकरा आई हॉस्पिटल की स्थापना सभी को गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल प्रदान करने के लिए की गई थी। हमारा लक्ष्य 2030 तक पूरे भारत में सालाना 5 लाख निःशुल्क सर्जरी करना है। देश भर में स्थित हमारे सभी अस्पतालों की तरह, यह अस्पताल भी अनोखे आर्थिक हाइब्रिड मॉडल पर काम करेगा, जिसके तहत उन लोगों, जो आँखों के इलाज का खर्च उठा सकते हैं, के संसाधनों का उपयोग कर वाराणसी सहित यूपी के 8 जिलों और साथ ही पड़ोसी राज्यों के आस-पास के गाँवों के गरीबों को सब्सिडी वाली सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।“
शंकरा आई हॉस्पिटल ने
उत्तर प्रदेश के लिए कई
बड़ी पहल की योजना
बनाई है-जिसमें दृष्टि
का उपहार - निःशुल्क नेत्र देखभाल सेवाएँ, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों
में नेत्र जांच, रोगियों को बेस अस्पताल
तक पहुंचाना और वापस लाना,
आवास, अन्वेषण, आईओएल के साथ सर्जरी,
भोजन, दवाइयाँ और एक महीने
तक फॉलो-अप-सभी
गरीबों के लिए निःशुल्क
है, रेनबो- स्कूली बच्चों के लिए एक
निवारक नेत्र देखभाल कार्यक्रम; नेत्र यज्ञ, वाराणसी जिले के सभी
स्कूलों के लिए एक
कार्यक्रम शामिल है। अस्पताल चरणबद्ध
तरीके से उत्तर प्रदेश
के गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर, एसआर नगर, प्रयागराज
जिलों और बाद में
झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और
बिहार राज्यों में अपनी सेवाएँ
शुरू करेगा। भारत भर में,
शंकरा ने अब तक
6.7 मिलियन से अधिक रोगियों
का इलाज किया है
और 2.6 मिलियन से अधिक नेत्र
शल्यचिकित्सा की गई हैं।
अस्पताल ने कई प्रमुख
कार्यक्रमों जैसे कि दृष्टि
का उपहार, मैत्री, टेक्नोलॉजी पहल और रेनबो
आदि का संचालन किया
है। शंकरा आई हॉस्पिटल देश
में सुपर स्पेशियलिटी आई
केयर अस्पतालों का प्रबंधन करने
वाले सबसे बड़े और
सबसे तेजी से बढ़ते
सामाजिक उद्यमों में से एक
है, जो तमिलनाडु, आंध्र
प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान
और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों
में स्थित है। यह अस्पताल
सुलभता और सामर्थ्य की
चिंताओं से निपटकर नेत्र
देखभाल के परिदृश्य में
क्रांति लाने के लिए
समर्पित है। विश्व में
मोतियाबिंद के कारण अंधेपन
के मामले बढ़ते जा रहे
हैं इसलिए शंकरा अनावश्यक दृष्टि दोष को मिटाने
के अपने मिशन में
दृढ़ बना हुआ है।
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