मां अन्नपूर्णा का खजाना पाकर भक्त हो रहे निहाल, पूरी हो रही मुराद
स्वर्णमयी मां
अन्नपूर्णा
के
दर्शन
के
लिए
दरबार
में
लगी
है
भक्तों
की
लंबी
कतार
प्रसाद के
रूप
में
भक्तों
में
सोना,
चांदी
और
नवरत्नों
का
खजाना
लुटा
रहीं
मां
सुरेश गांधी
वाराणसी। धनतेरस के मौके पर
मां अन्नपूर्णा का खजाना भक्तों
के लिए खोल दिया
गया है. स्वर्णमयी मां
अन्नपूर्णा का दर्शन एवं
सोने-चांदी के सिक्के प्रसाद
के रुप में पाकर
भक्त निहाल हो रहे है.
देर रात से ही
भक्त कतार में लगकर
मां के दर्शन के
लिए उत्सुक दिखाई दे रहे हैं.
जो 2 नवंबर तक जारी रहेगा।
खजाने में सोने-चांदी
के सिक्के, रत्न और 16 कुंतल
लावा बांटे जाते हैं. मान्यता
है कि मां अन्नपूर्णा
का प्रसादलेने से कभी धन-धान्य की कमी नहीं
होती है. महंत शंकरपुरी
ने बताया कि इस बार
लगभग 8 लाख सिक्के बांटे
जाएंगे।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी
पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के गर्भगृह के
कपाट खुल गए। आजादी
से पहले के 16 तालों
में बंद मां की
स्वर्णिम प्रतिमा का पूजन, शृंगार
और आरती के बाद
भोर में पांच बजे
आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन
आरंभ हो गया। काशी
के बारे में कहा
जाता है सात वार
नौ त्यौहार. साल के 365 दिन
यहां कोई ना कोई
त्यौहार का आयोजन होता
है. काशी एक ऐसी
नगरी है जहां पर
दीपावली धनतेरस से भक्तों में
आशीर्वाद के रूप में
खजाने का वितरण होता
है. इसके साथ ही
माता से भिक्षा मांगते
हुए बाबा विश्वनाथ की
रजत प्रतिमा के भी दर्शन
मिलते हैं।
सनातन शास्त्रों में इस बात
का वर्णन है कि सृष्टि
में त्राहि त्राहि मचने पर भगवान
शंकर ने मां अन्नपूर्णा
से भिक्षा मांगी थी. माता अन्नपूर्णा
को संपूर्ण विश्व के पालनहार भरण
पोषण के लिए जाना
जाता है. प्रत्येक वर्ष
धनतेरस के दिन श्री
अन्नपूर्णा मंदिर में स्वर्णमयी माता
अन्नपूर्णा के स्वरूप का
दर्शन होता है. इस
दौरान लावा - सिक्का के रूप में
भक्तों को खजाना रूपी
आशीर्वाद भी प्राप्त होता
है. आज प्रातः काल
से ही मंदिर के
कपाट खुल चुके हैं.
कतार में लगे भक्त
दर्शन करने के लिए
उमड़ रहे हैं.
बांसफाटक से मिल रहा है भक्तों को प्रवेश
देर रात से
ही श्रद्धालु कतार में लगकर
माँ अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन करने
के लिए पहुंच रहे
हैं. श्रद्धालुओं को काशी के
बांसफाटक मार्ग से होते हुए
अन्नपूर्णा मंदिर में प्रवेश कराया
जा रहा है. आज
प्रातः 5ः00 बजे से
रात्रि 11ः00 बजे तक
भक्तों को दर्शन प्राप्त
होंगे. श्रद्धालुओं की सुविधा और
सुरक्षा को ध्यान में
रखते हुए वाराणसी पुलिस
कमिश्नरेट द्वारा 250 से अधिक जवानों
की तैनाती मंदिर मार्ग और मंदिर में
किया गया है. इसके
अलावा सीसीटीवी कैमरे से भी हर
संदिग्ध व्यक्ति वस्तु पर नजर रखी
जा रही है।
काशी में सभी को भोजन देती हैं मां अन्नपूर्णा
अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर
पुरी महाराज ने बताया कि
शिव नगरी काशी का
नाम अन्नपूर्णा- क्षेत्र सर्वत्र प्रसिद्ध है और लोक
में यह भी ख्याति
है कि काशी में
अन्नपूर्णा ही सब किसी
को भोजन पहुंचा देती
हैं, जिससे कोई भूखा नहीं
रहता है। काशी में
भगवान विश्वनाथ गृहस्थ हैं और उनकी
कुटुंबिनी भवानी अन्नपूर्णा हैं। वही समस्त
काशीवासियों को मोक्ष की
भिक्षा देती हैं।
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