Tuesday, 5 November 2024

नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व शुरू, बाजारों में खूब हो रही खरीदारी

नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व शुरू,

बाजारों में खूब हो रही खरीदारी


पूजन प्रक्रिया के बाद से ही फिजां में घुल गया भक्ति का रंग

बुधवार को खरना, गुरुवार अस्ताचलगामी (डूबते सूर्य को अर्घ्य) तथा शुक्रवार को उदीयमान (उगते सूर्य को अर्घ्य) देने के पश्चात महापर्व का समापन किया जाएगा

सुरेश गांधी

वाराणसी। इस बार छठ महापर्व को लेकर काशी में धूम हैं. मंगलवार को लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो गया. व्रतियों ने स्नान-ध्यान कर महाप्रसाद के रूप में चावल, अरहर की दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण की. नहाय-खाय की पूजन प्रक्रिया के बाद से ही फिजां में भक्ति का रंग घुल गया है. इससे पहले छठव्रतियों ने अपने घरों की पूरी साफ- सफाई की ताकि हर तरफ पवित्रता नजर आए. इसके लिए जहां पवित्रता के साथ सारे काम हो रहे हैं वहीं अन्य पूजन सामग्रियां भी जुटायी जा रही हैं. बाजारों में छठ सामाग्रियों की भी खरीदारी की जा रही है। नहाय-खाय के साथ तमाम व्रती गेहूं सुखाने के अभियान में जुट गई हैं.

व्रतियों ने सर्वप्रथम खुद स्नानादि से निपटकर छत की शुद्धता बनायी गेहूं को धोकर शुद्ध कपड़े पर रखकर उसे छत पर सुखाया. परिवार के सदस्य पूरी तन्मयता से बारी-बारी पशु-पक्षी से बचाये रखने के लिए टकटकी लगाये देखते रहे. बुधवार की सुबह इसे पीसवाकर तैयार किया जाएगा. कहते हैं, खरना में गुड़ के साथ बनी खीर का का काफी महत्व है जिसे मिट्टी के चूल्हे पर शुद्ध वर्तन में पकाने की परम्परा रही है. इसमें शुद्धता और नियमों का ख्याल पूरी निष्ठा के साथ रखा जाता है.

बुधवार को खरना, गुरुवार अस्ताचलगामी (डूबते सूर्य को अर्घ्य) तथा शुक्रवार को उदीयमान (उगते सूर्य को अर्घ्य) देने के पश्चात महापर्व का समापन किया जाएगा. पर्व को लेकर पूजा समितियों द्वारा छठ घाट की सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. जिला प्रशासन ने भी सभी छठ घाटों पर पुलिस बलों की तैनाती कर दी है. लाल बहादर शास्त्री घाट, कचहरी पर आकर्षक विद्युत झालरों के साथ तोरण द्वार सजाएं गए है।

खास यह है कि इस बार छठ महापर्व की शुरुआत और समापन दोनों ही खास योग से हो रहे हैं. छठ की शुरुआत चार साल बाद आए जयद् योग से हो रही है. इससे अटके काम पूरे होने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं समापन सर्वार्थ सिद्धि योग से होगा. ऐसा कहा जाता है कि इस योग में सब कुछ देने की ताकत है. 4 दिनों तक चलने वाली छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को होती है. छठ पर्व में मुख्य रूप से भगवान भास्कर यानी सूर्य की उपासना की जाती है. मान्यताओं के अनुसार छठी मैया सूर्यदेव की बहन है. छठ महापर्व में सूर्य की उपासना करने से छठ माता प्रसन्न होकर परिवार में सुख, शांति और धन-धान्य से परिपूर्ण करती है.

उधर, विभिन्न पूजा समितियों द्वारा सभी घाटों पर सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. सभी घाटों पर साफ सफाई, लाइटिंग, चेंजिंग रूम तथा खतरनाक घाटों पर बांस बल्ली लगाकर बैरिकेडिंग किया गया है। प्रशासन द्वारा खतरनाक घाटों को सबसे पहले चिन्हित किया गया है और वहां बैरिकेडिंग किया जा रहा है. इतना ही नहीं जहां-जहां खतरनाक घाट है अन्य घाटों पर बड़े पैमाने पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गयी है. खासकर बच्चों पर विशेष ध्यान रखने की पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित भी किया है.

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