बर्फीली गलन बढ़ी तो प्रदर्शनी में कश्मीरी
शॉल, सूट व स्वेटर की डिमांड में आयी तेजी
पन्द्रह दीवसीय
मेले
में
अब
दुकानदारों
की
बिक्री
2.31 करोड़
पहुंची
सुरेश गांधी
वाराणसी। पहाड़ी बर्फबारी के बाद हाड़
कंपाती ठंड के बीच
नस्तर सी चुभती गलन
से मंगलवार को गरम कपड़ों
की खरीदारी में जबरदस्त तेजी
देखने को मिली। उप्र
खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड
द्वारा “मंडलीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी“
में कश्मीरी शॉल, सूट्स व
जैकेट की लोंगों को
जमकर खरीदारी करते देखा गया।
पहलगॉम हैंडलूम वीयर कश्मीरी बाजार
के दुकानदार समीर अहमद ने
बताया कि आज उनके
दुकान पर पशमीना शॉल्स,
सूट्स, क्रैप सूट्स, वूलेन सूट्स, स्टोल, स्वेटर, प्योर सेफ्रान, कनी शॉल आदि
की डिमांड ज्यादा रही।
प्रदर्शनी में खादी के
आधुनिक वस्त्र, खादी के बने
कटिया, मूंगा और सूती वस्त्र,
कुर्ता, पैजामा, शर्ट, गमछा, धोती, रूमाल, लूंगी, रजाई गददे, डिजाईनर
साड़ियाँ, बनारसी साड़ियाँ काटन की साड़ियाँ
और काश्मीरी शाल, सूट स्टाल,
स्वेटर जैकेट एवं उत्तराखण्ड की
ऊनी जैकेट एवं सहारनपुर के
बने कम्बल, नक्काशीदार सोफा, बेड, दिवान झूला
एवं लकडी के बने
आधुनिक सामान, प्रतापगढ एवं वाराणसी के
ऑवला से निर्मितं खाद्य
सामग्री जैसे लडडू, बर्फी,
कैंडी, सिरका एवं अचार जैसे
आम का अचार नीबू
का अचार, लहसून का आचार एवं
अदरक आचार, कानपुर के बने चमडे
के सामान जैसे जूता, चप्पल,
बेल्ट, पर्स एवं आयुर्वेदिक
जड़ी बूटियों से बनी दवायें
एवं चन्दन, चन्दन फेस पैक एवं
रूदाक्ष, अंगूठी और दर्द नाशक
तेल प्रदर्शनी में भारी छूट
के साथ उपलब्ध है।
प्रदर्शनी में आये हुए
सभी लोगो से अनुरोध
है कि स्वदेशी सामान
खरीद कर इस देश
को मजबूत बनाइये। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य
ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमियों को
बाजार उपलब्ध कराना एवं विपणन में
सहायता व बिक्री के
लिये प्रोत्साहित किया जाना है।
परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी ने लोगो से
मेला में पधारने हेतु
अनुरोध किया है।
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