सनातन पर संकट आया तो कोई भी संप्रदाय सुरक्षित नहीं : सीएम योगी
कहा, सनातन
धर्म
एक
विराट
वट
वृक्ष,
इसकी
तुलना
किसी
झाड़
और
झंखाड़
से
नहीं
दुनिया के
अंदर
अन्य
संप्रदाय
और
उपासना
विधि
हो
सकती
है,
लेकिन
धर्म
तो
एक
ही
है
और
वह
है
सनातन
धर्म
महाकुम्भ के
पावन
आयोजन
पर
पूरी
दुनिया
से
आएं
लोगों
को
एक
ही
संदेश
देना
है
और
वो
है
महाकुंभ
का
संदेश,
एकता
से
ही
अखंड
रहेगा
देश
भारत सुरक्षित
है
तो
हर
पंथ,
संप्रदाय
सुरक्षित
है,
अगर
भारत
के
ऊपर
कोई
संकट
आएगा
तो
कोई
भी
पंथ
और
संप्रदाय
सुरक्षित
महसूस
ना
करे
महाकुंभ में
अखिल
भारतवर्षीय
अवधूत
भेष
बारह
पंथ
योगी
महासभा
द्वारा
आयोजित
कार्यक्रम
में
मुख्य
अतिथि
थे
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
सुरेश गांधी
महाकुम्भ नगर,
प्रयागराज।
अगर भारत सुरक्षित रहेगा,
तो भारत में हर
धर्म और संप्रदाय सुरक्षित
रहेगा. अगर भारत पर
संकट आएगा, तो वह संकट
सनातन धर्म पर पड़ेगा
और अगर भारत पर
संकट आएगा, तो भारत में
कोई भी संप्रदाय सुरक्षित
महसूस नहीं करेगा. इसलिए
संकट पैदा नहीं होना
चाहिए. लिहाजा एकता का संदेश
महत्वपूर्ण है. यह बातें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
कही। वे शनिवार को
महाकुंभ प्रयागराज में अखिल भारतवर्षीय
अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा द्वारा
आयोजित कार्यक्रम में साधु-संतों
को संबोधित कर रहे थे।
दुनिया की आंखें खोल रहा महाकुम्भ
सीएम ने कहा,
भारत से सनातन धर्म
की संस्कृति दुनिया के अंदर पहुंची
तो वह तलवार के
बल पर नहीं, बल्कि
अपने सद्भाव के माध्यम से
पहुंची। दक्षिण पूर्वी एशिया के तमाम देशों
में जहां भी सनातन
धर्म पहुंचा है वहां पर
उन्होंने अपने कार्य से,
व्यवहार से भारत के
मूल्य और आदर्श से
वहां के समुदाय को
अपनी ओर आकर्षित किया
है। दुनिया के कई देशों
ने राम की, कृष्ण
की या फिर बुद्ध
की परंपरा को स्वीकार किया
है और बड़े गौरव
के साथ उस परंपरा
से जुड़ने के बाद खुद
को गौरवान्वित महसूस करते हैं। आप
दुनिया के किसी भी
देश में जाइए, किसी
न किसी रूप में
वह भारत के साथ
जुड़ते हुए दिखाई देते
हैं। एक अंधकार का
युग था, जिससे उबर
कर हम लोग आगे
की ओर बढ़ रहे
हैं।
सीएम ने कहा
कि आपने देखा होगा
कि क्या पवित्र भाव
के साथ महाकुंभ का
आयोजन हो रहा है।
कोटि-कोटि श्रद्धालु आ
रहे हैं। आज यहां
पर वर्तमान में दो करोड़
श्रद्धालु मौजूद हैं। सभी सड़कें
चोक हो चुकी हैं।
यह लगातार चलेगा। पिछले 11 दिनों के अंदर महाकुम्भ
के पावन त्रिवेणी संगम
में 10 करोड़ से अधिक
श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं
और अगले 35 दिन के अंदर
यह संख्या 45 करोड़ पहुंचने वाली
है। दुनिया के अंदर कितने
देश हैं जो 45 करोड
लोगों को एक अस्थाई
शहर में आमंत्रित करके
उनको जोड़ने का संदेश देते
हैं। दुनिया के अंदर कौन
सा ऐसा देश है,
जहां पर कोई भूखा
नहीं सो सकता। यहां
किसी भी अखाड़े में
जाएंगे, किसी भी शिविर
में जाएंगे, वहां पर उसको
दो जून की रोटी
मिल जाएगी। वहां आशीर्वाद भी
मिलेगा, दक्षिणा भी मिलेगी और
प्रसाद भी प्राप्त होगा।
यह केवल सनातन धर्म
ही दे सकता है।
लाखों, करोड़ों लोग जो यहां
आ रहे हैं, उन्हें
कोई चिंता नहीं। कहां रहना है,
कहां सोना है, क्या
खाना है, कैसे जाना
है, किसी बात की
कोई चिंता नहीं। बस अपना बैग,
अपनी गठरी उठाई और
चल दिए। यह ताकत
है सनातन धर्म की, यह
ताकत है पूज्य संतों
की। यहां उसकी कोई
जाति नहीं पूछ रहा,
उसका कोई पंथ और
संप्रदाय नहीं पूछ रहा
है, कोई नाम नहीं
पूछता है।
कोई ताकत चुनौती नहीं दे पाएगी
सीएम योगी ने
चेताया कि आज जितना
सकारात्मक माहौल है, उतनी ही
चुनौतियां भी हैं। देश
की एकता को, समाज
की एकता को कहीं
भी खंडित नहीं होने देना
है। कुछ लोग हमें
बांटना चाहते हैं, भाषा के
नाम पर बांटने का
काम कर रहे हैं
उन लोगों के किसी भी
षड्यंत्र में हमारे पूज्य
संतों को नहीं पड़ना
है। कोई ऐसी नकारात्मक
टिप्पणी हम लोग अपने
स्तर पर ना करें।
यह कितना अच्छा अवसर है कि
2025 की शुरुआत में महाकुम्भ का
भव्य आयोजन हो रहा है।
इससे पहले 2024 के जनवरी माह
में 500 वर्षों का इंतजार खत्म
करते हुए श्रीराम जन्मभूमि
में भगवान राम का मंदिर
बना। 2019 में कुम्भ का
भव्य आयोजन यहीं प्रयागराज में
ही हुआ था। तब
यहीं संतों ने अयोध्या में
राम जन्मभूमि पर भगवान राम
का मंदिर बनाने का संकल्प लिया
जो आज साकार हो
चुका है। एकता का
संदेश पूरी दुनिया में
देना है। जन जागरण
के माध्यम से समाज को
जोड़ते जाइए। जितनी मजबूती के साथ आपका
कार्य होगा, उतना मजबूत समाज
बनेगा। समाज मजबूत होगा
तो राष्ट्र की अखंडता को
दुनिया की कोई ताकत
चुनौती नहीं दे पाएगी।
मुख्यमंत्री ने साधु-संतों का हृदय से अभिनंदन किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
विभिन्न तीर्थ स्थलों से आए श्री
महंत, आचार्य और योगेश्वर का
हृदय से सम्मान किया।
उन्होंने जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद
गिरि महाराज, परमात्मानंद महाराज और निर्मलानंद महाराज
को शॉल ओढ़ाकर और
गोरखनाथ जी की प्रतिमा
भेंट कर स्वागत किया।
इनके साथ ही सतुआ
बाबा, सुदर्शनाचार्य महाराज, स्वामी धीरेंद्र और स्वामी जितेंद्रनाथ
का भी सम्मान किया
गया। उन्होंने रामानुजाचार्य, श्रीधराचार्य, शेरनाथ महाराज, उमेशनाथ महाराज, कृष्णनाथ महाराज, समुद्रनाथ महाराज, संख्यनाथ महाराज, रामनाथ महाराज, श्री महंत सोमवरनाथ
महाराज, और मिथिलेशनाथ महाराज
का भी अभिनंदन किया।
महाकुंभ में ध्रुपद, कथक और भजनों की गंगा बही
महाकुंभ नगर.
महाकुंभ नगर में आयोजित
गंगा पंडाल में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों
ने श्रद्धालुओं और दर्शकों को
मंत्रमुग्ध कर दिया। दिन
का आरंभ संगीत नाटक
अकादमी पुरस्कार से सम्मानित और
बिहार कला पुरस्कार विजेता
ध्रुपद कलाकार पंडित प्रेम कुमार मलिक की भावपूर्ण
गायकी से हुआ। राग
भीपलासी और राग शंकरा
में प्रस्तुत उनकी शास्त्रीय गायन
ने दर्शकों को संगीत की
गहराई का अनुभव कराया।
पंडित मलिक ने अपने
विशेष रचनाओं "धन धन गंगे",
"शम्भू हर रे", और
"मन लागो मेरे यार
फकीरी में" से गंगा, महादेव
और कबीर के प्रति
श्रद्धा व्यक्त की। कार्यक्रम के
दौरान उनके ध्रुपद गायन
को दर्शकों ने तालियों की
गूंज से सराहा। दोपहर
के सत्र में, पद्मश्री
शोवना नारायण ने अपनी नृत्य
नाटिका से महाकुंभ की
महिमा को अभिव्यक्त किया।
कथक नृत्य के माध्यम से
उन्होंने प्रयागराज के कुंभ पर्व,
शिव विवाह, रावण द्वारा रचित
'जटाटवी गलज्जल' और भगवान शिव
की महिमा का अद्वितीय प्रदर्शन
किया। शोवना नारायण की प्रस्तुतियों ने
सांस्कृतिक चेतना को एक नई
ऊंचाई प्रदान की। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति
मुंबई के प्रसिद्ध पार्श्वगायक
रवि त्रिपाठी ने दी। उनके
भजनों "नमो नमो", "हर
हर गंगे", "महाकुंभ चलो" और "बम भोले" ने
दर्शकों को जोश और
भक्ति भाव से भर
दिया। उन्होंने अपनी अवधी रचना
'कथरी' से भी श्रोताओं
को भावविभोर किया। एकादशी और साप्ताहिक अवकाश
के कारण श्रद्धालुओं की
भारी भीड़ महाकुंभ नगर
में देखने को मिली। स्नान
के साथ इन सांस्कृतिक
प्रस्तुतियों ने आयोजन को
यादगार बना दिया.
दक्षिण की श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य का आगमन
बढ़ा रहा महाकुम्भ की शोभाः सीएम योगी
महाकुम्भ नगर.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
प्रयागराज दौरे पर शनिवार
को दक्षिण भारत की श्रृंगेरी
पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु
श्रीश्री विधुशेखर भारती जी महाराज से
भी भेंट कर उनका
सम्मान किया। इस अवसर पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि
श्रृंगेरी पीठ के पूज्य
शंकराचार्य के प्रयागराज पधारने
से बहुत आनंद की
अनुभूति हो रही है।
आपके आगमन से महाकुम्भ
को पूर्णता मिल रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का
दक्षिण रीति से स्वागत
किया गया और उन्हें
कुम्भ के स्वरूप के
रूप में नारियल भेंट
किया गया। वहीं, मुख्यमंत्री
ने भी शंकराचार्य को
शॉल ओढ़ाकर और फल भेंटकर
अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि
लंबे अंतराल के बाद दक्षिण
की श्रृंगेरी पीठ का महाकुम्भ
के महाआयोजन में आगमन हो
रहा है। इससे महाकुम्भ
की शोभा और अधिक
बढ़ गई है। यह
आनंद का विषय है
कि इस महाकुम्भ में
श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य
5 दिन का प्रवास करेंगे,
यह हमारे लिए आशीर्वाद की
तरह है।
शंकराचार्य ने भी की सीएम की भूरि भूरि प्रशंसा
श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य
ने मुख्यमंत्री द्वारा महाकुम्भ के विषय में
दी गई जानकारी पर
प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने महाकुम्भ
में की गई व्यवस्थाओं
और सुविधाओं की भूरि भूरि
प्रशंसा की। अपनी सेवा
में लगे लोगों को
भी उन्होंने आशीर्वाद दिया। शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री को
दक्षिण पीठ की परंपरा
के विषय में जानकारी
दी। उन्होंने बताया कि 48 वर्ष पहले गुरु
के गुरु कुम्भ में
अमावस्या के समय एक
दिन का स्नान करने
के लिए यहां आए
थे, लेकिन औपचारिक रूप से दक्षिण
से कोई शंकराचार्य 150 वर्षों
के बाद महाकुम्भ में
सम्मिलित हो रहे हैं।
इस पर मुख्यमंत्री ने
शंकराचार्य से काशी प्रवास
के अवसर पर शास्त्रार्थ
सभा और प्रवचन करने
का भी निवेदन किया।
इस पर शंकराचार्य ने
भी अपनी सहमित दी।
अन्नपूर्णा मंदिर में कार्यक्रम को
लेकर भी शंकराचार्य की
ओर से सहमति प्रदान
की गई।
बाबा कल्याण दास जी महाराज से भी की भेंट
इससे पूर्व मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने सेक्टर 19 स्थित
श्री कल्याण सेवा आश्रम, अमरकंटक
के आश्रम भी पहुंचे और
यहां उन्होंने सद्गुरुदेव बाबा कल्याण दास
जी महाराज से शिष्टाचार भेंट
की और उनके साथ
व्यक्तिगत चर्चा की। इस दौरान
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में
सरकार के द्वारा की
गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं के
विषय में भी उनसे
बातचीत की। करीब 10 मिनट
तक चली इस मुलाकात
के बाद मुख्यमंत्री अपने
अगले कार्यक्रम की ओर बढ़
गए। मध्य प्रदेश के
प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ
स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक में
कल्याण सेवा आश्रम वर्ष
1977 से जन सेवा, समाज
सेवा आध्यात्मिक एवं धार्मिक गतिविधियों
को अपना उद्देश्य बनाकर
निरंतर कार्य कर रहा है।
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