रविदास जंयती पर सीर गोवर्धन मंदिर में रैदासियों ने टेका मत्था
पूर्वांचल सहित
देश-विदेश
के
लाखों
अनुयायियों
ने
लगाए
जयकारे
प्रशासन भी
सुरक्षा
को
लेकर
रही
चौकस
सुरेश गांधी
वाराणसी। संत शिरोमणी रविदास
जंयती के मौके पर
बुधवार को सीर गोवर्धन
मंदिर में लाखों रैदासियों
ने मत्था टेका। काशी व पूर्वांचल
सहित देश-विदेश के
लाखों अनुयायियों मंदिर पहुंचे। इस दौरान पूरे
दिन जयकारे लगते रहे। प्रशासन
भी सुरक्षा को लेकर काफी
सतर्क रही। गुरु चरणों
का रज माथे लगाने
के लिए रैदासियों में
होड़ लगी रही। पूरा
गोवर्धनपुर का पूरा इलाका
गुरुवाणी से गूंज रहा
है। इसके पहले मंदिर
में संत रविदास मंदिर
चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन संत
निरंजन दास महाराज की
अगुवाई में निशान ध्वज
फहराया गया। इसके साथ
ही मेला का शुभारंभ
हो गया। ?
कबीर की जन्मस्थली
लहरतारा में भी संत
रविदास ने तपस्या की
थी। तब यह पूरा
इलाका जंगल था। संत
रविदास जंगल में तपस्या
कर रहे थे, तभी
शिकारी से बचने के
लिए हिरणी उनके पास आकर
छिप गई थी। शिकरी
गुरु के भाव से
नतमस्तक हो गया। संत
रविदास ने राजघाट पर
धर्म परीक्षा दी थी। काशी
के कर्मकांडियों ने संत रविदास
के पूजा करने पर
आपत्ति जताई थी। उन्होंने
रविदास जी को चुनौती
दी थी कि अगर
आप पत्थर में भगवान को
देखते हैं तो इसे
गंगा में तैराकर दिखाए।
उन्होंने राजघाट पर गंगा में
पत्थर तैराकर दिखाया था।
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