Tuesday, 25 February 2025

जिसे दुनिया ने नकारा उसे शिव ने स्वीकारा...

महाशिवरात्रि : इस बार भगवान भोलेनाथ 5 गुना देंगे फल, मंदिर में दर्शन को लगेंगी कतारें

जिसे दुनिया ने नकारा उसे शिव ने स्वीकारा... 

सुबह से देर रात तक होगी भोले की भक्ति, हर हर महादेव का शहर में जयघोष

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन को पहुंचेंगे 14 लाख से भी अधिक भक्त 

अलसुबह 2.30 बजे मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा कपाट, पूरा रात देंगे दर्शन, 28 की रात एक बजे तक होगा झांकी दर्शन, सिर्फ डेढ़ घंटे ही बाबा करेंगे विश्राम

शहर से लेकर देहात तक के शिव मंदिरों में मनाया जा रहा महाशिवरात्रि महोत्सव, हो रहे विभिन्न आयोजन

144 वर्षों बाद बन रहा है शुभ संयोग

विश्वनाथ धाम में सुबह छह से नौ बजे तक अखाड़ों के आचार्य, नागा साधु करेंगे दर्शन

सुरेश गांधी 

वाराणसी। देवों के देव महादेव की नगरी काशी का बच्चा-बच्चा भगवान भोलेनाथ को मनाने में जुटा है। महाशिवरात्रि और महाकुंभ के पलट प्रवाह से काशी में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ है। मंगलवार की सुबह से भक्तों की लंबी कतार काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए लगी रही। शिवालयों में महाशिवरात्रि महोत्सव की धूम है। सभी शिव मंदिर रंग- बिरंगी लाइटों से जगमग हो रहे हैं। महाशिवरात्रि के अवसर काशी में बारात निकालने से लेकर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन तक की खास तैयारियां की गयी हैं। महाशिवरात्रि के दिन सुबह छह से नौ बजे तक अखाड़ों के आचार्य, साधु-संत और नागा साधुओं को श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन कराए जाएंगे। 

दावा है बाबा विश्वनाथ धाम में पिछले साल 10 लाख के सापेक्ष इस बार 14 लाख भक्तों के दर्शन-पूजन के हिसाब से तैयारी की गयी है। ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 144 वर्षों के बाद महाकुंभ के अंतिम अमृत स्नान के साथ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को ज्योतिलिंग के रूप में प्रकट करने वाली महाशिवरात्रि का भी खास संयोग है. यही वजह है कि महाकुंभ की तर्ज पर भारत ही नहीं दुनियाभर में फैले शिवानुरागी शिव भक्त अत्यन्त श्रद्धा-विश्वास के साथ जलाभिषेक-दुग्धाभिषेक-विल्व पत्राभिषेक तथा अन्यान्य विधियों से शिव पूजन की तैयारी की है। देश भर के द्वादश ज्योतिलिंग के साथ-साथ सभी शिव मन्दिरों में विशेष पूजन, अनुष्ठान का कार्य सम्पन्न होंगे।

खास यह है इस वर्ष 2025 में महाशिवरात्रि पर्व के तीन दुर्लभ संयोग बन रहा है. 60 वर्षों बाद त्रिग्रही योग (सूर्य,बुध शनि कुंभ राशि में रहेंगे), 31 वर्षों बाद बुधादित्य योग तथा 7 वर्ष वाद बुधवार का संयोग तथा श्रवण धनिष्ठा नक्षत्र का युग्म संयोग. 26 फरवरी बुधवार त्रयोदशी तिथि दिवा 9 बजकर 19 मिनट तक उपरांत चतुर्दशी तिथि का का शुरूआत होगी.चतुर्दशी तिथि का समापन 27 फरवरी बृहस्पतिवार दिवा 8 बजकर 09 मिनट पर होगी,श्रवण नक्षत्र दिवा 4 बजकर 10 तक उपरांत धनिष्ठा नक्षत्र,शिवयोग रात्रि 12 बजकर 03 मिनट तक उपरांत सिद्ध योग है. चन्द्रमा मकर राशि में रात्रि 3.50 के उपरांत कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन सुबह से लेकर रात्रि जागरण कर शिव पूजा का विधान है.

शास्त्रीय मान्यता एवं परम्परा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था. इसलिए औघड़दानी बाबा भोलेनाथ के भक्त शिवभक्ति में सराबोर होकर शिव बारात निकालकर तथा व्रत रखकर अभिषेक करके मस्ती में आकर शिवरात्रि पर्व मनाते हैं. फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनायी जाती है.शिवभक्तों के लिए शिवरात्रि का व्रत एवं भगवान् शिव की पूजा विशेष फलदायी है. महाशिवरात्रि शिव और शक्ति का मिलन का दिन है. मान्यता है कि इस समय भगवान् शिव का अशं प्रत्येक शिवलिंग में पूरे दिन और रात मौजूद रहता है. महाशिवरात्रि में शिवजी की पूजा और उपासना करने से शिवजी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं तथा भक्तों का हर मनोकामना पूरी करते हैं. स्थाई सुख-समृद्धि, संतान सुख, आयु-आरोग्य की बृद्धि, रोग बाधा से छुटकारा मिलता है. जिन व्यक्तियों की जन्म कुण्डली में कालसर्प दोष, विष योग, शनि की आढैया तथा साढ़ेसाती, साथ ही मंगली दोष व्याप्त है उन्हें शिवरात्रि का व्रत एवं भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा उपासना करना चाहिए. जिन लोगों के घर में कलह, वाद-विवाद, लड़ाई-झगड़े से परेशानी, मामला मुकदमा, आर्थिक हानि, चालू व्यापार बंद हो जाना, भाग्य बाधा, संतान हीनता, विवाह बाधा तथा सुखद दाम्पत्य जीवन के लिए महाशिवरात्रि व्रत से बढ़कर और कोई व्रत नहीं हैं.

चार पहर की पूजा का है विशेष महत्व

महाशिवरात्रि के अवसर पर निर्जला व्रत रखकर रात्रि के चारों पहरों में चार बार पूजा करते हैं उन्हें शिवजी के विशेष कृपा मिलता है.समस्त संकट दूर हो जाता है.मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

रात्रि के प्रथम पहर में पूजा का समय-सायं 6 बजकर 19 मिनट से लेकर रात्रि 9 बजकर 26 मिनट

रात्रि के द्वितीय पहर में पूजा का समय-रात्रि 9 बजकर 26 मिनट से (27 फरवरी) की अर्धरात्रि 12 बजकर 34 मिनट

रात्रि के तृतीय पहर में पूजा के समय-अर्धरात्रि 12 बजकर 34 मिनट से रात्रि 3 बजकर 41 मिनट

रात्रि के चतुर्थ पहर पूजा के समय दृ(27 फरवरी) सुबह 3 बजकर 41 मिनट से प्रातः 6 बजकर 48 मिनट

खास इंतजाम

महाकुंभ पर श्रद्धालुओं के पलट प्रवाह के चलते वाराणसी में देश के विभिन्न प्रांतों से आए दर्शनार्थियों से पूरा शहर अटा पड़ा है। वहीं महाशिवरात्रि के अवसर पर महत्वपूर्ण स्नान तिथि होने के कारण विश्वनाथ धाम में भीड़ काफी बढ़ने की संभावना है। ऐसे में अधिकारियों ने लोगों से अपील किया है कि महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु अन्य शिव मंदिरों घरों में रहकर बाबा विश्वनाथ का डिजिटल दर्शन कर लें।

इन बातों का रखें ध्यान

दूर-दराज के क्षेत्रों से वाराणसी की तरफ आने वाले लोग महाशिवरात्रि के दिन अन्य शिव मंदिरों में दर्शन प्राप्त करें या घर पर रहकर श्री काशी विश्वनाथ का ऑनलाइन दर्शन मंदिर के सोशल मीडिया हैंडल्स, यूट्यूब, टाटा स्काई आदि पर प्राप्त कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि के दिन नागा साधुओं की शोभा यात्रा और उनके दर्शन-पूजन का कार्यक्रम होने के कारण गोदौलिया और मैदागिन से होते हुए गेट नंबर-4 की तरफ आने वाले रूट का डायवर्जन पुलिस द्वारा किया जाना है। अतः दोपहर 1.00 बजे तक सामान्य जनों का श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में गोदौलिया मैदागिन के रास्ते से प्रवेश नहीं होगा।

विभिन्न आखाड़ों से साधु-संतो एवं नागा साधुओं द्वारा शोभायात्रा निकाल कर बाबा का दर्शन किया जाएगा। इसके चलते गेट नंबर-4 (गोदौलिया द्वार) से सामान्य जन का प्रवेश पूरी तरह बाधित रहेगा। तेज धूप और गर्मी में देर तक इंतजार करना बच्चों, महिलाओं, वृद्धजनों आदि के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में महाशिवरात्रि पर मंगलवार से बुधवार तक प्रोटोकॉल दर्शन पूरी तरह बंद रहेगा।

काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों से अपील है कि खाली पेट दर्शन के लिए लाइन में लगें, क्योंकि महाशिवरात्रि पर्व पर दर्शनार्थियों की अधिक भीड़ होने के चलते दर्शन में ज्यादा समय लगने की सम्भावना है। ऐसे में खाली पेट रहने से स्वास्थ्य बिगड़ सकती है।

महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में मोबाइल लॉकर इत्यादि की सुविधा उपलब्ध नहीं रहेगी तथा एकल दिशा मूवमेंट प्लान के कारण किसी दुकान इत्यादि में रखे सामान को लेने के लिए असुविधा होगी। ऐसे में श्रद्धालु मंदिर में प्रतिबंधित सामान जैसे मोबाइल, पर्स, स्मार्ट वॉच, चाभी, इयरफोन, इलेक्ट्रानिक्स धातु आदि सामान अपने घर या होटल में ही छोड़कर आएं।

समूह में आने वाले दर्शनार्थी अपने वापस पहुंचने का स्थल घर या होटल ही तय करके आएं। कतार या मंदिर में अलग हो जाने पर एक-दूसरे की प्रतीक्षा में अनावश्यक रूकें।

किसी प्रकार की स्थिति में भागने या दौड़ने का प्रयास करें। सामान्य तरीके से ही आगे बढ़े। कोई स्वास्थ्य समस्या होने पर निकटतम पुलिस कर्मी, मंदिर कार्मिक या स्वयंसेवी को तत्काल सूचित करें।

अस्पतालों में अलर्ट, शिवमंदिरों के पास खड़ी रहेंगी एंबुलेंस

महाशिवरात्रि पर काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने की संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। मारवाड़ी अस्पताल, मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा सहित अन्य अस्पतालों की इमरजेंसी में डॉक्टरों की टीम को अलर्ट किया गया है। साथ ही यहां किसी भी तरह की आपात स्थिति में जांच, इलाज की मुकम्मल व्यवस्था रखने को कहा गया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से रेलवे स्टेशन, चितरंजन पार्क, घाट, काशी विश्वनाथ धाम समेत जिन जगहों पर हेल्थ बूथ बनाए गए हैं। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि हेल्थ बूथ पर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की टीम की तैनाती करने के साथ ही विश्वनाथ धाम, मार्कंडेय महादेव सहित अन्य प्रमुख शिव मंदिरों के पास एंबुलेंस मुस्तैद रहेगी।

चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे जवान

महाशिवरात्रि के मद्देनजर श्री काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र को छह जोन और 18 सेक्टर में विभाजित कर सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींच लिया गया है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के इर्द-गिर्द नियमित तैनात होने वाली फोर्स के अलावा 10 राजपत्रित अधिकारी, 19 इंस्पेक्टर, 389 सब इंस्पेक्टर और 1371 हेड कांस्टेबल कांस्टेबल तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के कमांडो की दो टीम तैनात रहेगी।

चार प्रहर की आरती

चारों प्रहर की आरती के क्रम में प्रथम प्रहर- रात्रि 930 बजे शंख बजेगा एवं पूजा की तैयारी होगी तथा झांकी दर्शन सतत् चलता रहेगा। रात्रि 1000 बजे से आरती प्रारम्भ होकर रात्रि 1230 बजे समाप्त होगी। द्वितीय प्रहर - रात्रि 0130 बजे से आरती प्रारम्भ होकर रात्रि 0230 बजे समाप्त होगी तथा झांकी दर्शन सतत् चलता रहेगा। तृतीय प्रहर- प्रातः 0330 बजे से आरती प्रारम्भ होकर प्रातः 0430 बजे समाप्त होगी तथा झांकी दर्शन सतत् चलता रहेगा। चतुर्थ प्रहर- प्रातः 0500 बजे से आरती प्रारम्भ होकर प्रातः 0615 बजे समाप्त होगी तथा झाँकी दर्शन सतत् चलता रहेगा। यानी महाशिवरात्रि पर श्रीकाशी विश्वनाथ लगातार 46.30 घंटे तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।

पुष्प वर्षा से होगा नागा संन्यासियों एवं श्रद्धालुओं का स्वागत

श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं का स्वागत पुष्प वर्षा और फूल- माला पहनाकर किया जाएगा। महाशिवरात्रि पर अत्यधिक संख्या में श्रद्धालुओं के साथ ही दशनामी नागा अखाड़ों के नागा संन्यासी भव्य शोभायात्रा के साथ श्री काशी विश्वनाथ महादेव के दरबार में पहुंचेंगे और पूरे उत्साह से भगवान महादेव का दर्शन पूजन करेंगे। मंदिर के सीईओ विश्व भूषण ने बताया कि धाम में आने वाले नागा के संन्यासियों और मंगला आरती के ठीक बाद मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा और फूल-माला से स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नागा संन्यासी दो दल बनाकर मंदिर में दर्शन- पूजन के लिए पहुंचेंगे। पहला दल के सुबह 6 बजे से 9 बजे तक और दूसरे दल के दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक दर्शन पूजन करने की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि संन्यासियों के दर्शन पूजन के दौरान गोदौलिया गेट से आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा जबकि मंदिर के अंदर द्वारों से श्रद्धालु प्रवेश कर दर्शन पूजन कर सकेंगे।

आनलाइन दर्शन भी रहेगा उपलब्ध

श्रद्धालुओं की अब तक की सबसे ज्यादा भीड़ होने की संभावना को देखते हुए मंदिर न्यास ने अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, यूट्यूब और टाटा स्काई के माध्यम से भी श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन की व्यवस्था की है। इस सुविधा का लाभ उठाते हुए बुजुर्ग, बीमार एवं अशक्त श्रद्धालु अपने निवास स्थान से ही इन माध्यमों का प्रयोग कर श्री काशी विश्वनाथ महादेव का दर्शन लाभ प्राप्त करें।

खाली पेट कतार में लगने की अपील

श्रद्धालु अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। खाली पेट कतार में लगे और अपने साथ पानी, ओआरएस, ग्लूकोज साथ रखें जिससे की चक्कर एवं कमजोरी से बचा जा सकें। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई स्थानों पर मेडिकल टीम को तैनात किया गया है। मेडिकल कैंप्स पर ओआरएस एवं अन्य जरूरी दवाओं के साथ चिकित्सक मौजूद हैं और जरूरत अनुसार श्रद्धालुओं को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।

 

 

 

 

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