छाई होली की रंगत, रंग गुलाल से सजी दुकानें, बरसेंगे 3500 करोड़
शिव के
त्रिशूल-डमरू
वाली
पिचकारी
की
डिमांड,
मोदी
योगी
मुखौटे
का
भी
जबरदस्त
क्रेज
बच्चों को
लुभा
रही
तरह-तरह
की
पिचाकिरियां
इलेक्ट्रानिक्स
गन
और
और
अरारोट
के
कलर्स
की
डिमांड
इसके अलावा
स्प्रे
से
उड़ेगा
गुलाल,
कैप्सूल
बरसायेगा
रंग
सुरेश गांधी
वाराणसी। होली से दो सप्ताह पहले ही रंग-पिचकारी से बाजारों में खूब रौनक नजर आ रही है. हर तरफ रंगों का उल्लास बिखरा हुआ है। फगुआ गीतों की स्वर लहकरियां सबका मन मोह रही है। हर कोई झूमने को विवस है। बाजारों में सजी पिचकरिया रंग बरसने को आतुर है। इसके लिए ग्राहक भी उमड़ रहे हैं तो दुकानदारों के चेहरे खिल रहे हैं. तरह-तरह के रंग-गुलाल-पिचकारियों से लेकर होली में इस्तेमाल किये जाने वाले तमाम सामानों की बाजारों में भरमार है. इस बार भी बाजार में मोदी की फोटोवाली पिचकारी, मुखौटा और टीशर्ट भी मौजूद है। इन्हें काफी पसंद किया जा रहा है।
इस बार लेटेस्ट
ट्रेंड में इलेक्ट्रानिक्स गन
और आरोरोट से बने कलर्स
की अधिक मांग बनी
हुई हैं। महंगी होने
के बाद भी अधिकतर
लोग इनकी डिमांड कर
रहे हैं, जिसके कारण
व्यापारियों ने भी बड़ी
मात्रा में इसके आर्डर
दिए है। इस बार
भी पिट्ठू बंदूक से लेकर डोरेमोन
वाटर टैंक वैरायटी की
पिचकरियां जरुर नजर आ
रही है। बच्चे मास्क,
पिचकारी वाटरमैन, वाटर बैलून की
खरीदारी करते देखे गए।
इस बार बेलन-हथौड़ा
जैसे यूनिक पिचकारी भी लोग खरीद
रहे है। इसके अलावा,
भगवान भोलेनाथ के त्रिशूल, डमरू
और बांसुरी के डिजाइन वाली
पिचकारियों की भी खूब
मांग बढ़ गई है।
वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष
अजीत सिंह बग्गा के
अनुसार होली में रमजान
का भी असर होने
के कारण इस बार
केवल काशी में ही
तकरीबन 3500 करोड़ रुपये से
ज्यादा का कारोबार होने
का अनुमान है। जबकि देशभर
में यह आंकड़ा 5 लाख
करोड़ से ज्यादा हो
सकता है। बता दें,
बनारस रंगों के त्योहार होली
के रंग में पूरा
डूब गया है। शहर
के कोने-कोने में
होली के स्टॉल लग
गये हैं. बच्चों और
बड़ों को लुभाने के
लिए तरह-तरह के
मैजिक गुलाल गन व इंडियन
पिचकारियां बाजार में उपलब्ध हैं.
शहर के विभिन्न क्षेत्रों
में लगे पिचकारियों और
रंग-गुलाल के संस्थानों में
खरीदारों की भीड़ बढ़ती
जा रही है। इसके
साथ ही मिष्ठान भंडारों
में भी उपभोक्ताओं की
रौनक देखी जा सकती
है।
होली बाजार में इस वर्ष खास बात यह है कि चाइना कारोबार पूरी तरह से धड़ाम हो गया है और देशी कंपनियों की ही पिचकारियां और हर्बल रंग-गुलाल उपलब्ध हैं। उपभोक्ता भी इन्हें काफी पसंद कर रहे है। दुकानदार बताते हैं कि पहले पिचकारियां सिर्फ चाइनीज ही आती थीं, वह अब बेहद कम हो गयी हैं. अधिकतर पिचकारियां भारतीय निर्माताओं की बनायी हुई हैं. होली से जुड़ी तमाम चीजें बिल्कुल स्वदेशी हैं. वहीं केमिकल युक्त चीजों से दूर हर्बल रंग और हर्बल-गुलाल बिक रहे हैं. होली की खरीदारी को लेकर लोग अभी से ही काफी उत्साहित हैं. इसका अंदाजा शहर में सजी रंग-गुलाल की दुकानों पर हो रही खरीदारी से लगाया जा सकता है. लोग साधारण और केमिकल-मुक्त गुलाल की जगह पर बिना केमिकल के नेचुरल गुलाल अधिक खरीद रहे हैं. पिचकारियों की बात करें तो दुकानों पर मिल रही कई प्रकार की पिचकारियां बच्चों को खूब लुभा रही हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार होली में काफी जमकर धमाल मचेगा. दालमंडी, हड़हासराय, राजा दरवाजा आदि क्षेत्रों में होलसेल और फुटकर दुकान पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है। लोग नए तरीके के पिचकारी, मुखौटे आदि की डिमांड कर रहे हैं। वहीं शिव के त्रिशूल और डमरू वाले पिचकारी भी लोगों को भा रहे हैं।
बाजार में कार्टून कैरेक्टर वाले मास्क बच्चों की पसंद
बाजार में बच्चों के
लिए कार्टून कैरेक्टर वाले रंग-बिरंगे
मास्क देखे जा सकते
हैं. इसमें छोटा भीम, एवेंजर,
स्पाइडर मैन, हल्क और
घोस्ट, बार्बी डॉल्स, मोनो फिश, आयरन
मैन, बैटमैन, रोबोट, कैप्टन अमेरिका वाले मास्क मुख्य
हैं. होली बाजार में
सेलिब्रिटी वाले विग भी
खूब बिक रहे हैं.
इसकी कीमत 50 रुपये से लेकर 1600 रुपये
तक है. इस बार
बाजार में हर बार
की तरह बहुत कुछ
नया आया है. पिछले
वर्ष टी-शर्ट पर
लिखा हुआ ट्रेंड था.
वहीं इस बार बाजार
में कुर्ती भी उपलब्ध है.
यह लोगों को काफी आकर्षित
कर रहा है. दुकानदारों
का कहना है कि
इस बार त्रिशूल वाली,
रॉकेट लॉन्चर डिजाइन और अनार बम
जैसी अनोखी पिचकारियां भी लोगों को
खूब पसंद आ रही
हैं।
घर-घर बन रही खरीदारी की लिस्ट
अफसर हो या
आमजन हो या अन्य
सभी के घर में
खरीदारी की लिस्ट बन
रही है. बाजार के
व्यवसायियों ने इसकी तैयारी
शुरू कर दी है.
इनमें मुख्य रूप से कपड़ा
दुकान से लेकर इलेक्ट्रिक-इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानदार शामिल हैं. खरीदारी सभी
आयु वर्ग के लोग
करेंगे. खासकर, बच्चों के लिये सबसे
अधिक खरीदारी होगी. साड़ी की भी
खूब बिक्री होगी. लेटेस्ट डिजाइन की साड़िया बाजार
में आयी है.
चिप्स-पापड़ की भी सजी दुकानें
होली पर्व नजदीक
आते ही प्रकृति ने
भी अपने रंग बिखेरने
शुरू कर दिए हैं।
जगह-जगह लाल रंग
के फूलों से लदे सेमल
के पेड़ व अन्य
फूलों ने होली के
आगमन का एहसास एक
पखवारे पूर्व से ही कराने
लगे थे। जगह-जगह
अबीर-गुलाल व चिप्स पापड़
की दुकानें भी सज गई
है। महिलाएं घरों में नमकीन
चिप्स पापड़ व पकवान
तैयार करने के लिए
खोए की भी खरीदारी
करने में लगी हुई
हैं। इसके साथ ही
ठंडई व फलों की
खरीदारी भी लोग जोश
व उमंग के साथ
कर रहे हैं।
हर्बल रंग व गुलाल की मांग ज्यादा
रंगों व गुलाल के
चलते स्कीन की बीमारियों न
बढ़े इसके लिए लोग
बाजारों में व दुकानों
पर हर्बल रंग व गुलाल
की मांग कर रहे
हैं। वहीं बच्चे छोटी-बड़ी पिचकारी खरीद
रहे हैं। इसके साथ
ही ठंडई व फलों
की खरीदारी भी लोग जोश
व उमंग के साथ
कर रहे हैं।
दोनों वर्ग कर रहे खरीदारी : अजीत सिंह बग्गा
वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष
अजीत सिंह बग्गा के
अनुसार होली में रमजान
का भी असर होने
के कारण इस बार
केवल काशी में ही
तकरीबन 3500 करोड़ रुपये से
ज्यादा का कारोबार होने
का अनुमान है। जबकि देशभर
में यह आंकड़ा 5 लाख
करोड़ से ज्यादा हो
सकता है। उनके मुताबिक
इस बार दो त्योहार
एक साथ आ गए
हैं और दोनों वर्ग
के त्योहार में खरीदारी खूब
होती होली के मौके
पर केवल 250 करोड़ रुपये की
पिचकारी और 275 करोड़ रुपये के
रंग का कारोबार होने
का अनुमान है। जबकि कपड़ा
व अन्य सामान को
मिला दें, ये आंकड़ा
3500 करोड़ से ज्यादा को
होगा। इस बार होती
में करीब 250 करोड़ रुपये से
ड्राई फ्रूट्स का कारोबार होने
की संभावना है। कुछ सामान
की अनुपलब्धता शुरू हो गई
है। उनका कहना है
कि कांग्रेस सनातन विरोधी रंग से होली
खेलेगी। भाजपा लोगों के रंग में
रंगी हुई है। 2014 से
2025 तक का सफर जनता
के रंग का है।
बीजेपी इसी रंग में
रंगी रहेगी। कांग्रेस का रंग सनातन
विरोधी का है, कांग्रेस
उसी रंग से होली
खेलेगी, लेकिन जनता इसका जवाब
जरूर देगी।
एक नजर कीमत पर
मोदी-योगी
टैंक
पिचकारी
- 150 से
200 रुपये
मोदी
पाइप
फैंसी
पिचकारी
- 150 से
350 रुपये
मोदी
मुखैटा
- 60 से
80 रुपये
मोदी
भगवा
गुलाल
- 25 से
35 रुपये
एके-47
लुक
पिचकारी
- 120 से
150 रुपये
कलर
फौग
- 100 रुपया
पैकेट
मलिंगा,
मुर्गा,
कैटरीना
व
बाबकाट
बाल
- 100 से
150 रुपये
मोटू-पतलू
व
छोटा
भीम
टैंक
पिचकारी
- 120 से
300 रुपये
कलर
स्प्रे
- 25 से
40 रुपया
मुर्गा
हर्बल
गुलाल
- 30 रुपये
पैकेट
कछुआ
पिचकारी-
45 रुपये
मेंढक
पिचकारी-
70 रुपये
स्पाइडरमैन
पिचकारी-
100 रुपये
एनीमल
पिचकारी-
150 से
300 रुपये
अन्य
टोपी-
10 से
50 रुपये
अन्य
मुखौटा-
20 से
40 रुपये
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