Saturday, 1 March 2025

महाकुंभ के 45 दिनों में काशी विश्वनाथ धाम में 2.67 करोड़ श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

महाकुंभ के 45 दिनों में काशी विश्वनाथ धाम में 2.67 करोड़ श्रद्धालुओं ने किए दर्शन 

महाशिवरात्रि पर मंगला आरती से रात्रि शयन आरती तक 18 लाख 85 हजार 862 दर्शनार्थियों ने दर्शन किए 

औसतन हर रोज साढ़े छह लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं 

सुरेश गांधी

वाराणसी। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज ही नहीं काशी में भी सनातनियों का जमघट रहा। महाकुंभ के 45 दिनों में 66.30 करोड़ आस्थावानों ने डुबकी लगाई तो काशी विश्वनाथ धाम में 2 करोड़ 67 लाख, 13 हजार, 004 श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया। जबकि महाकुम्भ माहों के दौरान 01 जनवरी से 28 फ़रवरी तक धाम में हाजिरी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 2 करोड़ ,87 लाख, 11 हजार, 233 रही। औसतन हर रोज साढ़े छह लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र के मुताबिक मंदिर के इतिहास में श्रद्धालुओं की यह संख्या सबसे ज्यादा है। सावन से ज्यादा माघ और फाल्गुन में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार महाशिवरात्रि और मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई। 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक करोड़ो श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त किया।

विशिष्ट स्नान तिथियों पर धाम में पधारे कुल दर्शनार्थियों की संख्या

पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को कुल 3,42,646 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

तिथि से पूर्व 12 जनवरी को 3,19,381 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

मकर संक्रांति 14 जनवरी को 3,61,275 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

15 जनवरी को 4,53,161 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

मौनी अमावस्या 29 जनवरी को 4,73,119 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

28 जनवरी को 5,83,251 दर्शनार्थियों मत्था टेका

30 जनवरी को 7,29,578 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

बसंत पंचमी 3 फरवरी को 5,84,224 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

02 फ़रवरी को 4,61,759 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

04 फ़रवरी को 5,09,133 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

माघी पूर्णिमा 12 फरवरी को 7,78,697 श्रद्धालुओं मत्था टेका

11 फ़रवरी को 7,19,225 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

13 फ़रवरी को 8,26,194 दर्शनार्थियों ने मत्था टेका

महाशिवरात्रि की चार प्रहर की आरती 

महाशिवरात्रि 26 फरवरी को प्रातः कालीन मंगला आरती से चार प्रहर की चौथी आरती समाप्त होने तक कुल 11,69,553 श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। जबकि तिथि से पूर्व 25 फ़रवरी को यह संख्या 6,77,297 थी। तिथि के अगले दिन 27 फ़रवरी को 7,16,309 दर्शनार्थियों ने दर्शन किए। या यूं कहे महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा विश्वनाथ के कपाट लगातार 46 घंटे खुले रहने के दौरान कुल 14,58,227 दर्शनार्थियों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। इस तरह महाशिवरात्रि 26 फरवरी की मंगला आरती से 27 फरवरी की रात्रि शयन आरती तक कुल 18,85,862 दर्शनार्थियों ने श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। महाशिवरात्रि की चार प्रहर की आरती के दौरान सूर्य अस्त होने के उपरांत सायं 0600 बजे से लेकर अगली सुबह सूर्योदय से पूर्व 0600 बजे तक कुल 5,56,526 श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त किया। बता दें, इस दौरान बाबा विश्वनाथ की विशेष पूजा-अर्चना और 04 प्रहर की आरती का आयोजन होता है, जिससे भक्तों के दर्शन हेतु लगातार कपाट खुले रहते है। इस महापर्व पर विभिन्न अखाड़ो के नागा सन्यासियों ने भी शोभायात्रा निकाल कर श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के क्रम में महापर्व पर धाम में हेलीकाप्टर द्वारा श्रद्धालुओं के ऊपर पुष्प वर्षा भी की गई।

माह जनवरी में श्रद्धालुओं की सर्वाधिक संख्या वाली तिथियां 

30 जनवरी को 7,29,578 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया

31 जनवरी को 7,53,151 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया

माह फ़रवरी में श्रद्धालुओं की सर्वाधिक संख्या वाली तिथियां

12 फरवरी को 7,78,697 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया

13 फरवरी को 8,26,194 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया

26 फरवरी को 11,69,553 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया

1270.36 क्विंटल महाप्रसाद बिका 

अक्टूबर 2024 माह से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा शास्त्रोक्त सनातन पद्धति से निर्मित तंदुल महाप्रसाद विक्रय काउंटर का शुभारंभ किया गया था। यह काउंटर भक्तों को शास्त्रों के अनुसार तैयार किए गए तंदुल महाप्रसाद की सुविधा प्रदान करता है, जो धार्मिक आस्था और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए विक्रय किया जाता है। महाकुंभ माह (जनवरी-फरवरी) के दौरान, इस विक्रय काउंटर के माध्यम से कुल 1270.36 क्विंटल तंदुल महाप्रसाद का विक्रय हुआ। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि भक्तों ने इस शुद्ध और पारंपरिक प्रसाद को अत्यधिक श्रद्धा और विश्वास के साथ प्राप्त किया। महाकुंभ जैसे पवित्र अवसर पर, इस महाप्रसाद ने श्रद्धालुओं को केवल भक्ति का अनुभव कराया, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीक भी बन गया, जो श्रद्धा और परंपरा की निरंतरता को बनाए रखता है। यह पहल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा धार्मिक आस्था और श्रद्धा के संगत रूप में समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास है, जिससे भक्तों को विशिष्ट और शास्त्रों के अनुरूप प्रसाद प्राप्त हो सके।

पहली बार 2022 में पार हुई थी एक करोड़ की संख्या

2024 में सावन के महीने में 53.84 लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया था। 2023 में श्रद्धालुओं की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया था। चार जुलाई से शुरू सावन में 60 दिनों में 1.63 करोड़ 17 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। 2022 में सावन के महीने में एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया।

45 दिन में 953 वीआईपी आए

महाकुंभ के दौरान 13 जनवरी से 26 फरवरी तक रोजाना 21 से ज्यादा वीआईपी काशी आए हैं। 45 दिनों में 953 वीआईपी वीवीआईपी ने बाबा विश्वनाथ धाम में हाजिरी लगाई। इनमें सात सीएम, सात राज्यपाल, 190 न्यायमूर्ति और 161 मंत्री-नेता शामिल रहे। कमिश्नरेट की पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 13 जनवरी से 26 फरवरी तक रोजाना 21 से ज्यादा वीआईपी काशी आए हैं। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल सहित सात राज्यपाल काशी आए और विश्वनाथ धाम जाकर दर्शन-पूजन किया। इसी तरह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सहित सात सीएम भी काशी आए। यूपी सहित कई राज्यों के डिप्टी सीएम ने भी काशी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। दो राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष भी आए। सुप्रीम कोर्ट और अलग-अलग प्रदेशों के हाईकोर्ट के 190 न्यायमूर्ति ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर सहित केंद्र और अलग-अलग राज्यों के 145 मंत्रियों ने विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया है। तीन अलग-अलग समूहों में 213 विदेशी डेलीगेट्स भी काशी आए। फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन, उनकी बेटी अभिनेत्री राशा थडानी, प्रीति जिंटा, परिणिति चोपड़ा, फिल्म विजय देवरकोंडा ने भी बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं। क्रिकेटर आरपी सिंह ने भी दर्शन पूजन किया। इसी तरह ब्यूरोक्रेसी, उद्योग जगत और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से 389 विशिष्ट शख्सियतों का भी काशी आगमन हुआ।

महाकुंभ सनातन का अनूठा पर्व : विश्वभूषण मिश्र

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि महाकुम्भ, सनातन सभ्यता का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। सनातन धर्म का यह ऐतिहासिक और अनूठा महापर्व के दौरान, पूरे भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज संगम तीर्थ पर अमृत स्नान हेतु पहुंचे। जबकि महाकुम्भ के इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए भी पधारे। महाकुम्भ के पलट प्रवाह के रूप में श्री काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शनार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि अंकित की गई। इस अवधि में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, व्यवस्थित और सहज अनुभव सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्थाएं भी की गईं।

विशेष व्यवस्था 

महाकुंभ के दौरान, मंदिर और पुलिस प्रशासन के सहयोग से विशेष रूप से वृद्धजनों, दिव्यांगजनों, आशक्त व्यक्तियों और नवजात शिशुओं के परिजनों के लिए एक समर्पित दर्शन व्यवस्था लागू की गई। इस व्यवस्था के तहत, इन श्रेणियों के लोगों को सामान्य दर्शन की कतार से अलग किया गया और उन्हें शीघ्र दर्शन की सुविधा प्रदान की गई, ताकि वे बिना किसी कठिनाई के अपने इष्ट के दर्शन प्राप्त कर सकें। प्रत्येक दिन लगभग 400 से 500 दिव्यांगजन, 300 से 350 वृद्धजन और 20 से 25 नवजात शिशुओं के परिजनों को इस विशेष दर्शन व्यवस्था का लाभ प्राप्त हुआ। यह व्यवस्था महाकुंभ के दौरान एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें प्रशासन ने मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रदर्शन करते हुए जरूरतमंद व्यक्तियों को विशेष प्राथमिकता दी। इस प्रकार की विशेष सुविधाओं से यह सुनिश्चित हुआ कि धार्मिक यात्रा में कोई भी व्यक्ति किसी कारणवश वंचित रहे और सभी को समान अवसर मिले।

स्वच्छता और जल आपूर्ति

श्री काशी विश्वनाथ धाम में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया। दर्शनार्थियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी। जल वितरण के लिए अस्थायी पेयजल काउंटर स्थापित किए गए थे, जहां श्रद्धालुओं को गुड़ के साथ पेयजल उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा सफाई कर्मियों द्वारा पूरे दिन सतत सफाई कार्य किया गया। सफाई कार्य की सघन निगरानी भी की गई, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा हो।

चिकित्सकीय सुविधा

किसी भी आपातकालीन स्थिति से बचाव हेतु श्री काशी विश्वनाथ धाम में 24 घंटे चिकित्सकीय टीम की व्यवस्था की गई थी। टीम में चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल थे, जो श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार प्रदान करते थे। इसके अलावा, .आर.एस. घोल के पैकेट्स और अन्य आवश्यक चिकित्सा सामग्री भी उपलब्ध कराई गई।

नवाचार

अचानक बढ़ी गर्मी के कारण मौसम में हुए बदलाव के दृष्टिगत श्रद्धालुओं को .आर.एस. घोल वितरित किया गया। पंक्तिबद्ध श्रद्धालुओं में छोटे बच्चों की परेशानी देखते हुए मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री विश्व भूषण की पहल पर बच्चों के लिए चॉकलेट और बिस्कुट का वितरण भी प्रारंभ किया गया। इसके लिए न्यास कर्मियों तथा अधिकारियों ने पंक्तिबद्ध श्रद्धालुओं के पास जा जा कर बच्चों को चॉकलेट भेंट करते हुए हर हर महादेव का घोष कराया और बच्चों को बताया कि यह भेंट भगवान शंकर ने बच्चों को भेजी है। उदार नगरवासियों से समन्वय कर पर्याप्त बिस्किट चॉकलेट इत्यादि की व्यवस्था न्यास में कार्यरत ओएसडी संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश प्रताप सिंह ने उपलब्ध कराई।

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