एक घंटे बढ़ाया गया निबंधन कार्यालयों का समय रवीन्द्र जायसवाल
मार्च में
5 बजे
तक
उपलब्ध
होंगे
रजिस्ट्री
स्लॉट,
कार्यालय
में
6 बजे
तक
करेंगे
रजिस्ट्री
का
कार्य
एक मुश्त
समाधान
योजना
की
अंतिम
तारीख
31 मार्च
सीएम योगी
की
जवाबदेह
सरकार
के
संकल्प
को
स्टांप
विभाग
कर
रहा
साकार
सुरेश गांधी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों को बताया कि उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था होने का नतीजा रहा कि प्रदेश में रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या में तीन गुना की बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि आम जनमानस को विलेख पंजीकरण का अधिकाधिक अवसर व सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इसी के दृष्टिगत प्रदेश के समस्त उप-निबन्धक कार्यालय वित्तीय वर्ष के आखिरी महीना मार्च में शाम 6 बजे तक रजिस्ट्री का कार्य करेंगे, इसके साथ ही स्लॉट बुक करने का जो समय 4 बजे तक तथा उसे भी एक घंटा बढ़कर शाम 5 बजे कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि मार्च माह के अंतिम रविवार को भी विलेख पंजीकरण का कार्य सुचारु रूप से सम्पादित किया जायेगा, ताकि उक्त अवकाश के दिन भी आम जनमानस के द्वारा विलेखों का अधिक संख्या में पंजीकरण कराया जा सके और विभाग को निर्धारित राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके।
मंत्री
रविन्द्र जायसवाल ने बताया कि
वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्तीय समापन
एवं माह मार्च में
होली व नवरात्रि के
त्योहार के कारण इस
माह में आम जनमानस
द्वारा अधिक संख्या में
अचल सम्पत्तियों का पंजीकरण कराया
जाना सम्भावित है। माह मार्च
में होली आदि त्योहारों
के सार्वजनिक अवकाश के कारण माह
में उपलब्ध कार्य दिवस अपर्याप्त होने
के दृष्टिगत यह निर्णय लिया
गया है। इसके साथ
ही माह मार्च 2025 के
अन्य अवकाश दिवस अथवा रविवार
को उप निबन्धक कार्यालयों
को निबन्धन कार्य हेतु खोले जाने
के सम्बन्ध में स्थानीय स्तर
पर निर्णय लिये जाने हेतु
निर्देशित किया गया है।
उन्होंने बताया कि एक मुश्त
समाधान योजना के अंतर्गत स्टाम्प
कमी के मुकदमों को
31.03.2025 तक मात्र 100 रु के अर्थदंड
पर समाप्त किए जाने का
निर्णय भी पूर्व मे
लिया गया हैं। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश
के मुखिया योगी आदित्यनाथ की
जनसेवा के संकल्प को
सिद्ध करने के लिए
यह निर्णय लिए गए है।
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