भारत की प्रगति में युवाओं बड़ी भूमिका : डॉ सुरेन्द्र पाल
युवाओं के
बल
पर
भारत
को
विश्वगुरु
बनने
से
कोई
रोक
नहीं
सकता:
सहायक
निदेशक
सूचना
सुरेश गांधी
वाराणसी. नेहरू युवा केंद्र, माय
भारत, युवा कार्यक्रम एवं
खेल मंत्रालय भारत सरकार के
तत्वधान में पांच दिवसीय
अंतर राज्य युवा आदान-प्रदान
कार्यक्रम का समापन. सारनाथ
स्थित धमचक मेडिसिन सेंटर में
संपन्न हो गया ।समापन
समारोह के मुख्य अतिथि
सुरेंद्र नाथ पाल ने
हिमाचल प्रदेश के सोलन, सिरमौर,
शिमला एवं मंडी से
पधारे युवाओं को संबोधित करते
हुए कहा कि भारत
दुनिया की सबसे बड़ी
आबादी वाला देश है।
60 से 65% युवा आबादी सकारात्मक
सोच के साथ सबका
साथ सबका विकास की
धारणा से प्रगति पथ
पर चल दी है,अब भारत को
विश्वगुरु बनने से कोई
रोक नहीं सकता। प्रधानमंत्री
जी का 2047 तक विकसित राष्ट्र
का सपना अवश्य सरकार
होगा। परिपक्व युवा भारत के
भविष्य हैं।
उन्होंने कहा कि बनारस एक अद्भुत शहर है ।बनारस अपने आप में लघु भारत है। यहां पर आदि शंकर, भगवान बुद्ध ,रविदास ,कबीर, स्वामी रामानंद, तुलसी, वल्लभाचार्य मदन मोहन मालवीय ,मुंशी प्रेमचंद आदि अनेक विभूतियां रही।इस 5 दिन में आप सभी वाराणसी के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किए, किंतु वाराणसी को समझने के लिए 5 दिन बहुत ही कम है। उन्होंने प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र में हुए विकास कार्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपनी सोच से भारत को आगे बढ़ाएं। समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए यू पी कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हमारे देश की सभ्यता व संस्कृति की जड़ी काफी गहरी है जिस पर पूरा विश्व टिका हुआ है ।उन्होंने कहा कि वाराणसी का एक नाम काशी भी है जिसका अर्थ उजाला होता है ।जहां आप बैठे हैं महात्मा गौतम बुद्ध ने पांच शिष्यों को चेतन ज्ञान का उपदेश दिया था।जितने महात्मा, साधु, संत,औघड़, सूफी, लेखक, कवि रहे उन सभी का केंद्र बिंदु काशी
ही रहा है ।अनेकता में एकता हिंद की विशेषता है ।वाराणसी को सांस्कृतिक राजधानी
भी कहा जाता है।
प्राचार्य ने कहा कि
5 दिन शिविर में बिताए अनुभव
को जिस संजीदगी के
साथ युवाओं ने अनुभव प्रस्तुत
किए है उससे प्रतीत
होता है कि प्रतिभागियों
ने वाराणसी के बारे में
काफी कुछ जाना समझा
है ।यू पी कॉलेज
के प्रोफेसर डॉक्टर सुधीर कुमार राय ने कहा
कि आपका देवभूमि हिमाचल
की धरती से भगवान
भोले वाराणसी की धरती पर
आगमन होने पर वाराणसी
वासियों की तरफ से
हार्दिक स्वागत करता हूं। आप
अपनी संस्कृति को ना भूले।
संस्कृति जीवन की समग्रता
है। मातृभूमि स्वर्ग से भी सुंदर
होती है । स्वागत गीत
शबनम आंचल व मोनिका
ने प्रस्तुत किया। शिविर का अनुभव रोहित
शर्मा, अनुपम शर्मा, भावना ने प्रस्तुत किया।
शिविर में बेहतर प्रस्तुति
के लिए जनपद सिरमौर
के अनुराग, मंडी से शबनम,
स्वच्छता में सिरमौर के
अमित कुमार, प्रखर वक्ता रोहित शर्मा, अनुपम शर्मा, आंचल ठाकुर प्रश्नोत्तरी
में सिरमौर के प्रकाश को,अखबार प्रकाशन में भावना को
सम्मानित किया गया। सभी
का स्वागत नेहरू युवा केंद्र वाराणसी
के लेखा एवं कार्यक्रम
सहायक सुभाष चंद्र प्रसाद ने किया। वाराणसी के जिला युवा
अधिकारी प्रतीक साहू ने धन्यवाद
ज्ञापन के साथ-साथ शिविर
के अनुभव साझा
किए। राज्य प्रशिक्षक अंगद सिंह यादव
ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने
में राकेश यादव, देवेंद्र ,रिंकेश सुरेश,
आदि ने सहयोग किया।
इसके पूर्व शिविर के आयोजन में
युवाओं को सारनाथ स्थित वृद्ध
आश्रम में भ्रमण कराया
गया ।युवाओं ने आश्रम में
रह रहे बुजुर्गों
से काफी अपनत्व से
बात की। अपनत्व की
भावना से बुजुर्गों की आंखें
भर आई। संस्था
के निदेशक धीरेंद्र कुमार राय ,डॉक्टर एस
के पांडे, डॉ रविंद्र कुमार,
पारसनाथ यादव ,डॉ डी आर
विश्वकर्मा अवकाश प्राप्त जिला युवा जिला
विकास अधिकारी ने विषय विशेषज्ञ
के रूप विचार प्रस्तुत
किए।
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