मार्च में ही बनें लू जैसे हालात, थम जाएगा गेहूं का बढ़वार
विशेषज्ञों के अनुसार, समय से पहले फसल पकने के कारण गेहूं का दाना पतला रह जाएगा
खेतों में
अभी
गेहूं
की
फसल
हरी,
दाना
परिपक्व
नहीं
तापमान बढ़ने
पर
समय
से
पहले
पकने
की
आशंका
अप्रैल मई
जून
में
बढ़ेगी
तपन
सुरेश गांधी
वाराणसी। होली से पहले
मौसम की चाल बदलने
लगी है। तेज धूप
खिलने के साथ ही
तापमान में वृद्धि हो
रही है। सर्दियों की
विदाई हो चुकी है,
जिस कारण कोहरा भी
देखने को नहीं मिल
रहा है। तापमान इतनी
तेजी से बढ़ रहा
है कि मार्च में
ही अप्रैल-मई वाली गर्मी
का एहसास होने लगा है।
मौसम विज्ञानियों की मानें तो
मार्च के अंत तक
लू चलने की पूरी
संभावना है। मौसम के
इस परिवर्तन का सबसे ज्यादा
असर गेहूं के फसल पर
पडने वाला है।
आशंका है कि अगर मार्च में ही इतनी गर्मी बढ़ी तो गेहूं की फसल को बड़ा नुकसान हो सकता है। इससे न सिर्फ गेहूं का उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत तक कम हो जाएगा, बल्कि बढ़ती धूप जल्दी पकने के चलते दाना भी पतला हो जायेगा। किसानों का कहना है कि जनवरी में ठीक ठाक ठंड पड़ने के कारण इस बार गेहूं की अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन हरी फसल के दौरान धूप के तीखे तेवर देखकर अरमानों पर पानी फिरता दिख रहा है। इस बार गर्मी आपको सताने के लिए अप्रैल मई का इतंजार नहीं करेगी. यह सिलसिला मार्च से ही शुरू हो गया है.
किसानों का कहना है
कि यह समय दाना
के परिपक्व होने का है।
तापमान बढ़ने के कारण
फसल जल्दी पकने लगेगी। इससे
गेहूं का दाना पतला
रह जाएगा। इससे गेहूं के
उत्पादन में भी 15 से
20 प्रतिशत तक की गिरावट
होने की संभावना है।
इसकी बड़ी वजह इस
सर्दी में रिकॉर्ड तौर
पर कम बारिश का
होने से तापमान में
लगातार वृद्धि हुई। पश्चिमी विक्षोभों
की सक्रियता में कमी के
कारण प्रदेश में सामान्य से
80 प्रतिशत कम बारिश दर्ज
की गई। इसके परिणामस्वरूप
फरवरी का अंत असामान्य
रूप से गर्म रहा
और अब मार्च में
ही लू चलने की
आशंका है।
वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल
में औसत अधिकतम तापमान
30 से 32 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य
से 3.5 डिग्री अधिक था। इस
बीच मौसम विभाग ने
अगले दो दिन तक
प्रदेश में तेज हवाएं
चलने की संभावना जताई
है। मौसम विभाग की
मानें तो मौसम साफ
बना हुआ है। तेज
धूप खिली रहेगी और
दोपहर में लोगों को
तेज चिलचिलाती गर्मी का एहसास होगा।
पूर्वी और पश्चिमी यूपी
में मौसम शुष्क बना
रहेगा। लेकिन शाम होते ही
हवाएं चलनी शुरुआत हो
जाएगी, जिससे लोगों को गर्मी से
कुछ राहत महसूस होगी।
5 मार्च से तेज हवाएं
चलने की संभावना जताई
गई है। 5 और 6 मार्च को
20 से 30 किमी प्रतिघंटा की
रफ्तार से तेज हवाएं
चलेंगी। इस दौरान भी
मौसम शुष्क ही बना रहेगा।
तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चले
जाने के आसार हैं।
मौसम वैज्ञानिकों का दावा
आगामी गर्मियों में तापमान सामान्य
से अधिक रहेगा और
लू (हीट वेव) के
दिनों की संख्या भी
बढ़ेगी। वर्तमान में प्रशांत महासागर
में कमजोर ला-नीना परिस्थितियां
बनी हुई हैं, जो
आने वाले समय में
तटस्थ नीनो में बदल
सकती हैं। इसके अलावा,
हिंद महासागर में तटस्थ द्विध्रुवीय
परिस्थितियों का भी असर
रहेगा। इस मौसमीय बदलाव
के चलते, मार्च से मई के
बीच प्रदेश में तापमान सामान्य
से अधिक रहने की
संभावना है। मार्च में
ही प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों
में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा
सकता है, जिससे लू
के दिनों में 2-4 दिनों की वृद्धि होने
की संभावना है। वर्तमान में
प्रशांत महासागर में प्रचलित कमजोर
लानिना परिस्थितयों के आगामी सीजन
में अधिकतम व न्यूनतम तापमान
सामान्य से अधिक रहेगा।
बरतें सावधानी
रखें सेहत का ख्याल
गर्मी के मौसम में
अक्सर पानी की कमी
होने से डिहाइड्रेशन की
समस्या होने लगती है।
इसकी वजह से व्यक्ति
कई बीमारियों की चपेट में
आ जाता है। ऐसे
में अगर आप भीषण
गर्मी से खुद को
बचाना चाहते हैं, तो जरूरी
है कि खुद को
पूरी तरह से हाइड्रेट
रखें। इसके लिए ज्यादा
से ज्यादा पानी और मौसमी
फलों और सब्जियों का
सेवन करें। इसके अलावा नींबू
पानी, लस्सी जैसी ड्रिंक्स भी
पिएं। जरूरत पड़ने पर ओआरएस
भी लें।
धूप में जाने से बचें
गर्मी के मौसम में
होने वाली बीमारियों से
अपने बचाव के लिए
जरूरी है कि उच्च
प्रोटीन युक्त भोजन को खाने
से बचें। साथ ही दोपहर
12 बजे से लेकर 3 बजे
तक की धूप में
न निकलें। इसके अलावा पतले,
ढीले और हल्के रंग
के सूती कपड़े पहनें।
चाय, कॉफी से करें परहेज
हीटवेव से बचने के
लिए शराब, चाय, कॉफी और
कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स या ज्यादा शक्कर
वाले पेय पदार्थों से
परहेज करें। इसके अलावा उच्च
प्रोटीन वाले भोजन और
बासा खाने से भी
बचें।
मसालेदार भोजन से करें परहेज
हीटवेव से बचने के
लिए मसालेदार भोजन से भी
दूरी बनाए रखें। साथ
ही कोशिश करें कि इस
मौसम में ज्यादा से
ज्यादा प्लांट बेस्ड डायट का सेवन
करें और ताजे फल
और सब्जियों के जूस को
भी अपनी डाइट में
शामिल करें। साथ ही दिन
के समय सूरज की
दिशा वाली खिड़कियों दरवाजों
को भी बंद रखें
और रात में इन्हें
खोल दें ताकि ताजी
हवा आ सके।
मांसाहार भोजन से बनाएं दूरी
गर्मी के मौसम में
सुरक्षित रहने के लिए
नॉन वेजिटेरियन भोजन का सेवन
कम करें। दरअसल, इस तरह के
भोजन को पचने में
काफी समय लगता है,
जिसकी वजह से शरीर
में डिहाइड्रेशन हो सकता है।
खाना देर से पचने
की वजह से शरीर
की गर्मी बढ़ती है, जिससे
डिहाइड्रेशन होता है।
मार्च सबसे गर्म महीना हो सकता है
इस बार ठंड
का ज्यादा एहसास नहीं हुआ. इस
साल जनवरी का तापमान सामान्य
से ज्यादा गर्म था और
फरवरी में तो बिल्कुल
सर्दी महसूस ही नहीं हुई.
दशकों के क्लाइमेक्स डेटा
से यह स्पष्ट होता
है कि तापमान लगातार
बढ़ रहा है. फरवरी
2025 पिछले 125 सालों में भारत का
सबसे गर्म महीना रहा.
एक नई रिसर्च के
अनुसार, तापमाम के 2 डिग्री सेल्सियस
तक बढ़ने पर छह
प्रतिशत भूमि इतनी गर्म
हो जाएगी कि वह रहने
योग्य नहीं रहेगी, और
बुजुर्गों के लिए तो
यह और भी बड़ा
खतरा बनेगा. विशेषज्ञों का कहना है
कि बढ़ते तापमान कई
समस्याओं का कारण बन
रहे हैं, जिनमें शहरी
हीट स्ट्रेस, ऊर्जा की कमी, जल
संकट और जैव विविधता
का नुकसान शामिल है.
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