Thursday, 13 March 2025

काशी के रंग में रंगे देसी-विदेशी सैलानी, हर तरफ छाई मस्ती

काशी के रंग में रंगे देसी-विदेशी सैलानी, हर तरफ छाई मस्ती  

विशेष योग में हर गली-गली मुहल्ले में हुआ होलिका पूजन और दहन

जैतपुरा सहित कई मुहल्लों में निकली गयी होली बरात 

लोगों ने की सुख-समृद्धि की कामना

रंग के साथ संगीत और ठंडाई का लुत्फ उठा रहे लोग, घाटों पर जमकर झूमे लोग

सुरेश गांधी

वाराणसी। धुलेंडी के एक दिन पहले शहर से लेकर देहात तक में होलिका पूजन और उहन का सिलसिला चला। हर गली मुहल्लें में गुरुवार सुह से ही हासेलिका बनाई गयी। शाम तक आकर्षक सजावट और फाग गीतों के बीच महिलाओं ने परिवार सहित होलिका का पूजन किया और आधी रात के बाद भद्रा खत्म होते ही दहन किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धू-धू कर होलिका जली तो चारों तरफ का माहौल हर्षोल्लास से भर गया। उत्साहित श्रद्धालुओं ने गुलाल अबीर-गुलाल उड़ाकर भक्त प्रहलाद और भगवान श्रीकृष्ण से देश और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। होलिका दहन के बाद मौजूद लोगों के बीच एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देने का सिलसिला शुरू हो गया।

शुक्रवार को धुलेंडी पर शहर में होली का रंग चढ़ेगा, लेकिन लोग अभी से होलियाना मूड में दिखने लगे हैं। उड़त गुलाल लाल भए बादर, फगुआ गीतों संग डीजे की धुन पर धमाल मचाते रहे। घर से घाटों तक मस्ती के साथ होली खेलते दिखे लोग। बाबा विश्वनाथ धाम में भक्तों ने खेली पंखुड़ियों की होली। हर तरफ खुशियों की बौछार, जोगिरा ... सारा.. रारा  की गूंज रही थी। होली की मस्ती में हर कोई चूर दिख रहा हैं। जगह जगह होरियारे टोली बनाकर मस्ती में झूमते नजर रहे हैं। क्या बच्चे, क्या बूढ़े सबपर रंगों का नशा चढ़ गया है। कोई डीजे लगाकर तो कोई लोक गीतों पर झूमता नजर रहा है। या यूं कहे शतरंगी रंगों में सराबोर हो उठा था भोले की काशी। जबकि होलिका दहन के दिन कहीं निकला शिव बारात, तो कहीं जोगिरा का आयोजन। सुबह से ही होली पर्व पर शुभकामनाएं संदेश देने का दौर शुरू हो गया था। मोबाइल पर संदेश दिन जारी रहे। फोन करके भी लोगों ने एक दूसरे को शुभकामना दी। 

होलिका दहन से पहले बनारस की फिजां में होली की मस्ती घुल गई। गलियों से लेकर गंगा घाट तक फागुन का उल्लास हर किसी के सिर चढ़कर बोला। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग रंगों की बौझार से सराबोर दिखे। हर तरफ रंग-गुलाल रंगे युवाओं की टोलियां नाचते-गाते चल रही थी। जो रास्ते में आता उस पर रंग-गुलाल उड़ेल कर लाल-पीला कर दिया। हर तरफ मस्ती और उल्लास भरा माहौल था। डीजे की धुन पर मस्ती से सराबोर युवा थिरक रहे थे। महिलाएं भी टोलियों में घूम-घूम कर रंग-गुलाल लगा रहा थी। 

मानो ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे रंगों में प्यार स्नेह और अपनत्व की बरसात हो रही हो। रंग-गुलाल लगाने के बाद एक-दुसरे का मुंह मिठा कराकर और गले मिलकर बधाईयां देते रहे। खास बात यह है कि काशी के उत्सवों में सबसे ज्यादा विदेशी सैलानी इस उत्सव में आएं और देसी-विदेशी सैलानी रंग-बिरंगे रंगों से सराबोर नजर रहे है। देर शाम तक होली का जूनून लोगों पर छाया रहा। शहर से लेकर गांव तक फगुआ गीतों की धुन पर लोगों फगुवा रंग में रंगे नजर रहे है। कहीं होरियारों की टोली तो कहीं डीजे की धून पर लोग थिरकते रहे।

पारंपरिक बारात में खूब थिरके होरीयारे

कई जगहों पर होली बारात निकाली गई। भूत, प्रेत, पिशाच और होलियारों की टोली जब निकली तो होली का माहौल रंगों और गुलाल से सराबोर हो उठा। सामाजिक सौहार्द का संदेश देने वाली यात्रा में हिंन्दू और मुसलमान दोनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसी के साथ होली का हुड़दंग भी शुरू हो गया। बग्घी पर सवार दूल्हा और दुल्हन, भगवान स्वरूप में सजी झांकियों को देखने के लिए भारी संख्या में लोग जमा रहे। बारात के चल रहे जोगीरा भी होली के पारंपरिक गीत गुनगुनाते हुए चल रहे थे। शहर के जैतपुरा मुहल्ले से परंपरागत तरीके से नए रंग-रोगन, साज-सज्जा और पूरे शानो-शौकत के साथ होली बारात निकाली गई। बारात में सभी समुदायों के लोगों ने मिलकर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की। घोड़ा, ऊंट के साथ ढोल-नगाड़े, डीजे बैंड, रोड लाइट की चकाचौंध में कोई ठुमक-ठुमक कर तो कोई नाचते-गाते चल रहा था। बारात शीतला माता मंदिर से उठकर जैतपुरा, डिगिया, औसानगंज, डीएबी कालेज, ईश्वरगंगी लालकुआं, रसूलपुरा होते हुए बड़ी बाजार पहुंचकर समाप्त हो गया। 

इसके पहले अनूठी परंपरा के तहत मंत्रोच्चार के बीच दूल्हे राजा का अजब-गजब श्रृंगार किया गया। इस अनूठे नजारे को जिसने भी देखा सभी हंसते-हंसते लोटपोट हो गए। मूसल नचाए गए और लोढ़ा घुमावन हुआ। दूल्हे की आरती उतारी गई तो सूप लोकावन के साथ राई-मिर्च से नजर भी उतारी गई। कुछ ऐसा ही दुल्हन की डोला भी भव्यता के साथ सजाई गयी। इसके बाद बारात चलना शुरु हुई तो हजारों की संख्या में लोग शामिल हो गए। होली की उल्लास के बीच बारात में फिल्मी गीतों पर बाराती नाचते-गाते चल रहे थे। इससे पूरा माहौल रंगीन हो गया। हर कोई एक ही रंग में रंगे नजर रहे थे।

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