Saturday, 22 March 2025

विश्व जल दिवस : रन फॉर क्लीन गंगा मैराथन में दौड़ी काशी

विश्व जल दिवस : रन फॉर क्लीन गंगा मैराथन में दौड़ी काशी 

संकट मोचन फाउंडेशन मदर्स फॉर मदर के तत्वावधान में भैंसासुर घाट से तुलसीघाट तक मैराथन में 3,000 एथलिटों काशी के आम नागरिकों सहित युवाओं के साथ विदेशी धावकों ने प्रतिभागिता किया  

महिला पुरुष वर्गों में मिले अलग-अलग पुरस्कार

आयुश मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने मैराथन को हरी झंडी दिखाई और विजेताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया

मकसद : गंगा प्रदूषण मुक्ति निर्मलीकरण

पहली बार आयोजित मैराथन में शामिल महिलाएं, बच्चे और वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी देखकर गंगा निर्मलीकरण की जागरूकता को काफी बल मिला : प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र

पुरुष वर्ग में प्रथम अभिषेक यादव, 16.10 मिनट, द्वितीय संदीप पाल 16.11 मिनट और तृतीय स्थान-संदीप यादव 16.14.5 मिनट को प्राप्त हुआ

महिला वर्ग में प्रथम रेबि पाल (20.20 मिनट), द्वितीय सोनी देवी (20.23 मिनट), तृतीय साक्षी सिंह (20.58 मिनट) रहीं

गंगा में नालों का गिरना शतप्रतिशत बंद हो तो गंगा की निर्मलता के प्रति आज निकाली गई मैराथन दौड़ का संदेश सार्थक हो जाएगा : महंतजी 

सुरेश गांधी

वाराणसी। संकट मोचन फाउंडेशन दर्स फॉर मदर के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को विश्व जल दिवस के मौके पर आयोजित मैराथन में युवाओं ने बढ़ चढ़कर लिया भाग लिया। मकसद : गंगा प्रदूषण मुक्ति निर्मलीकरण। खासकर उत्साह, उमंग जोश से लबरेज युवा धावकों की टोली जब रन फॉर क्लीन गंगा मैराथन के लिए सड़कों पर उतरी तो भैंसासुर घाट (राजघाट) से तुलसीघाट छह किमी तक सड़क के दोनों किनारों पर खड़े काशीवासियों ने दिल खोलकर सिर्फ उत्साहबर्धन किया, बल्कि कार्यक्रम के कर्ताधर्ता संकट मोचन मंदिर के महंत एवं फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र इस तरह के आयोजन के लिए धन्यवाद भी किया। मैराथन में तीन हजार से अधिक एथलिटों, काशी के आम नागरिकों सहित युवाओं के साथ कई विदेशी भी दौड़े। 

पहली बार आयोजित मैराथन में शामिल महिलाएं, बच्चे और वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी देखकर गंगा निर्मलीकरण की जागरूकता को काफी बल मिला।

मैराथन में दो वर्गों में प्रतिभागी दौड़े। पुरुष वर्ग में प्रथम अभिषेक यादव, 16.10 मिनट, द्वितीय संदीप पाल 16.11 मिनट और तृतीय स्थान-संदीप यादव 16.14.5 मिनट को प्राप्त हुआ। इसी क्रम में महिला वर्ग में प्रथम रेबि पाल (20.20 मिनट), द्वितीय सोनी देवी (20.23 मिनट), तृतीय साक्षी सिंह (20.58 मिनट) रहीं। इसके साथ ही दोनों वर्गों में 50-50 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए। मैराथन की सबसे बड़ी विशेषता वरिष्ठ नागरिकों की भागीदारी भी रही। 

उनमें प्रथम गंगा सागर, द्वितीय राजबली, तृतीय वीपी सिंह चौथे प्यारे लाल रहे। इसके पूर्व मैराथन को भैंसा सुर घाट से आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र, अंतरराष्ट्रीय धावक नीलू मिश्र, साई के पूर्व फुटबॉल कोच फरमान हैदर, साई के पूर्व एथलीट कोच दिनेश जायसवाल, प्रो. राम मोहन पाठक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

तुलसीघाट पर आयोजित समापन समारोह में मदर्स फॉर मदर की अध्यक्ष आभा मिश्र ने कहा कि महिलाओं की भूमिका समाज में अहम है। हम गंगा की सफाई के लिए एकजुट हुए हैं। यह कदमों की गति नहीं जन जागरूकता है। फाउंडेशन के निदेशक प्रो. एसएन उपाध्याय ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि गंगा से पूरे भारत के लोग जुड़ें। विदेशी भी दौड़े यह बड़ी बात है। 

प्रदेश के आयुष मंत्री डॉक्टर दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि मां गंगा आज साफ - सुथरी अविरल है। जनजागृति की देन है कि आज काशी में गंगा साफ है। दिल्ली में यमुना के साफ करने की मुहिम चलाई जा रही है। अमृत सरोवर के तहत पूरे देश में तालाबों का निर्माण संरक्षण सरकार दे रही है। ऐसे मैराथन की ज्योति जलती रहे।

श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि 2017 में जब प्रदेश का होमगार्ड मंत्री था तब विभाग को गंगा की निर्मलता की पहल की थी जिसका परिणाम आज दिखाई पड़ रहा है। गंगा प्रदूषण मुक्ति के विविध नारे की परिकल्पना को यह मैराथन दौड़ चरितार्थ कर रही है। विशफ वाराणासी फादर जोसफ ने कहा कि मां गंगा की निर्मलता का यह प्रयास और भी विशाल स्तर पर होना चाहिए, इसके लिए हम लोग एकजुट हों। 

फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा कि 1997 से मानव श्रृंखला असि से वरुणा तक बनाते रहे थे। इस बार नया रूप मैराथन के रूप में सामने लेकर बेटे पुष्करनाथ मिश्र पुत्री अदिति मिश्र मेरे सामने आए। 

इसका परिणाम हुआ कि आज पूरा बनारस दौड़ा जो एक बड़ा सकारात्मक संदेश देता है। 
अब लगता है कि पूरा हिंदुस्तान मां गंगा के लिए दौड़ेगा। गंगा मां के अलावा मानव जीवन की धारा है।

मिश्र ने कहा कि मैराथन यह संदेश दे रहा है कि काशी के तीनों खण्ड विश्वेश्वर, विश्वनाथ केदार इस मैराथन ने कवर किया। विशेष बात यह है कि आरंभिक स्थल संत रविदास मंदिर और समापन संत तुलसीदास की कार्यस्थली पर हुआ है। 

गंगा में नालों का गिरना शतप्रतिशत बंद हो तो गंगा की निर्मलता के प्रति आज निकाली गई मैराथन दौड़ का संदेश सार्थक हो जाएगा। अभ्यागतों का स्वागत पुष्करनाथ मिश्र धन्यवाद ज्ञापन अदिति मिश्र ने किया। जबकि संचालन राजेन्द्र दुबे ने किया। 
इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रो. एनके दुबे, अशोक पांडेय, गोपाल पांडेय, राजेश मिश्र, अनूप मिश्र टीवीएन के प्रधानाचार्य डॉक्टर एसके श्रीवास्तव, विकास इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर अशोक कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

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