पीएम के हाथों सम्मानित हो चुके कौशलराज शर्मा बने सीएम योगी के सचिव
बेस्ट सिविल
सर्वेंट
का
अवार्ड,
बेस्ट
इलेक्ट्रोल
रोल
समेत
कई
और
सम्मान
भी
हासिल
कर
चुके
है
कौशलराज
वाराणसी में
साढ़े
पांच
वर्षों
के
कार्यकाल
में
छोड़ी
अमिट
छाप,
पहले
डीएम
और
फिर
मंडलायुक्त
के
तौर
पर
किए
कई
बड़े
कार्य
साढ़े 11 वर्षों
की
फील्ड
पोस्टिंग
के
बाद
अब
शासन
में
मिली
है
महत्वपूर्ण
जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री व
मुख्यमंत्री
कार्यालय
की
सीधी
निगरानी
में
वाराणसी
में
कानून
व्यवस्था
से
लेकर
बड़ी
परियोजनाओं
को
पूरा
करने
में
कौशल
राज
की
रही
बड़ी
भूमिका
अपने कार्यकाल
में
27,250 करोड़ की 320 परियोजनाओं
का
कराया
लोकार्पण,
वर्तमान
में
15340 करोड़
की
101 परियोजनाओं
पर
चल
रहा
काम
कोविड महामारी
में
भी
दिखी
थी
कुशल
प्रशासनिक
क्षमता,
लॉकडाउन
में
कालाबाजारी
रोकने
का
तरीका
बना
माडल
वाराणसी के
कार्यकाल
में
25 पीएम
विजिट,
चार
राष्ट्रपति,
तीन
उपराष्ट्रपति
व
25 से
ज्यादा
बार
राज्यपाल
व
98 बार
मुख्यमंत्री
का
हुआ
आगमन
एसईओ, जी-
20 तथा
अन्य
आयोजनों
में
आए
विदेशी
राजनयिकों
का
किया
शानदार
आतिथ्य
डीएम से
मंडलायुक्त
बनाकर
पीएमओ
का
किया
गया
अभिनव
प्रयोग
सफल
रहा
डीएम रहते
कराया
एमएलसी,
पंचायत
व
विधानसभा
चुनाव-2022
और
मंडलायुक्त
के
तौर
पर
लोकसभा
चुनाव-
2024
श्री काशी
विश्वनाथ
मंदिर
में
श्रद्धालुओं
के
लिए
कराया
उच्च
स्तरीय
सुविधाओं
के
प्रबंध,
महाकुंभ-
2025 की
व्यवस्था
को
श्रद्धालुओं
ने
सराहा
न्यायालय के
आदेश
पर
शांतिपूर्ण
तरीके
से
ज्ञानवापी
परिसर
के
कोर्ट
कमीशन,
एएसआई
सर्वे
की
कार्रवाई
एवं
तहखाने
में
पूजा-
पाठ
कराया
शुरू
आयुक्त न्यायालय के मुकदमों के निस्तारण में लायी
रिकॉर्ड तेजीसुरेश गांधी
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सम्मानित हो चुके कौशलराज शर्मा अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव होंगे। उन्हें पीएम मोदी ने बेस्ट सिविल सर्वेंट का अवार्ड, बेस्ट इलेक्ट्रोल रोल समेत कई और सम्मान से भी सत्तानित किया है। वाराणसी में साढ़े पांच वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने न सिर्फ अमिट छाप छोड़ी है, बल्कि पहले डीएम और फिर मंडलायुक्त के तौर पर किए कई बड़े कार्य कराएं हैं। साढ़े 11 वर्षों की फील्ड पोस्टिंग के बाद उन्हें अब शासन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय की सीधी निगरानी में उन्होंने वाराणसी में कानून व्यवस्था से लेकर बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अपने कार्यकाल में उन्होंने 27,250 करोड़ की 320 परियोजनाओं का न सिर्फ लोकार्पण कराया, बल्कि वर्तमान में 15340 करोड़ की 101 परियोजनाओं पर काम चल रहा हैं। कोविड महामारी में भी उनकी कुशल प्रशासनिक क्षमता देखने को मिली थी। लॉकडाउन में कालाबाजारी रोकने का तरीका पूरे प्रदेश के लिए माडल बन गया था।
प्रधानमंत्री के विजिट के
साथ-साथ कौशल राज
शर्मा अपने कार्यकाल में
चार राष्ट्रपति विजिट, तीन उपराष्ट्रपति विजिट
और 25 से ज्यादा राज्यपाल
विजिट भी कराये। प्रदेश
के मुख्यमंत्री इनके कार्यकाल में
98 बार प्रशासनिक भ्रमण पर वाराणसी आए।
इन सभी विजिट के
दौरान मुख्यमंत्री द्वारा वाराणसी की सभी योजनाओं
व परियोजनाओं की वृहद समीक्षा,
वाराणसी के विकास के
भविष्य की प्लानिंग तथा
परियोजनाओं के स्थलीय निरीक्षण
आदि की पूर्ण जिम्मेदारी
कौशल राज शर्मा द्वारा
बखूबी निभाई गई। कौशल राज
शर्मा और उनकी टीम
ने काशी में विदेशी
मेहमानों की भी उच्च
स्तर की मेहमाननवाजी की।
जिसमें मुख्य रूप से शंघाई
कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के देशों के
डेलिगेट्स के कई कार्यक्रम,
जी-20 के 6 बड़े सम्मेलन,
देव दीपावली आदि पर उच्चायुक्तों
के भ्रमण व श्रीलंका, मॉरिशस,
नेपाल आदि कई राष्ट्राध्यक्षों
के औपचारिक भ्रमण के कार्यक्रम भी
शामिल थे। इस दौरान
वाराणसी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की पहली सांस्कृतिक
राजधानी भी रही। प्रधानमंत्री
कार्यालय ने कौशल राज
शर्मा को जिलाधिकारी वाराणसी
से यहीं मंडलायुक्त वाराणसी
मंडल बनाकर एक निरंतरता की
कड़ी भी जोड़ने का
प्रयोग किया जिसे अब
पुनः दोहराया गया है।
पिछले मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल के
साथ जिलाधिकारी के तौर पर
कौशल राज शर्मा ने
अच्छे टीम मेंबर की
तरह कार्य करते हुए सभी
चीजों को गंभीरता से
सीखा व फिर उन्हें
लागू किया। इनके कार्यकाल के
दौरान 27250 करोड़ रुपए की
320 परियोजनाओं का लोकार्पण हुआ
और वर्तमान में 15340 करोड़ की 101 परियोजनाओं
का शिलान्यास हो चुका है
जिन पर कार्य गतिमान
है। वाराणसी में इंफ्रास्ट्रक्चर का
कोई भी ऐसा सेक्टर
नहीं बचा जिनमें उन्होंने
परियोजनाओं को लागू करने
में कार्य न किया हो।
इंफ्रास्ट्रक्चर में रिंग रोड,
नेशनल हाईवे, राज्य स्तरीय सड़क, सड़क पुल,
एयरपोर्ट का विस्तारीकरण, वॉटरवेज,
क्रूज, रोप वे के
कार्य, शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, सीवरेज लाइन, पेयजल लाइन, शहरी सौंदर्यीकरण, पार्क,
तालाब, पौराणिक गलियों का पुनर्निर्माण कार्य,
वाराणसी के घाटों का
पुनर्निर्माण, स्मार्ट सिटी के शहरी
विकास के कार्य, विद्युत
इंफ्रास्ट्रक्चर तथा शिक्षा स्वास्थ्य,
चैरिटेबल हॉस्पिटल जैसे सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर
साथ कि कृषि विभाग
की परियोजनाएं व स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर
हेतु स्टेडियम निर्माण इसमे मुख्य हैं।
संभवत किसी जनपद व
मंडल स्तर के प्रशासनिक
अधिकारी की सर्विस के
दौरान इतने विस्तृत सेक्टरों
में, इतनी ज्यादा संख्या
में परियोजनाएं और इतनी बड़ी
धनराशि के कार्य के
उदाहरण कम ही पाए
जाते हैं।
ऊपर से स्वयं
प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री की
पैनी निगाहों में इन परियोजनाओं
का इंप्लीमेंटेशन जिस जिम्मेदारी के
साथ इन्होंने किया वह इन्हें
औरों से अलग बनाता
है। कौशल राज शर्मा
के अथक परिश्रम की
वजह से उन्हें 21 अप्रैल-
2022 के सिविल सर्विसेज डे पर स्वयं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्राइम
मिनिस्टर्स अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन- 2021 प्रदान किया गया जो
भारत में किसी भी
सिविल सर्वेंट के लिए उच्चतम
पुरस्कार होता है। इसके
अतिरिक्त राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर बेस्ट
इलेक्ट्रोल रोल के लिए
भी लखनऊ में राज्यपाल
द्वारा पुरस्कृत किया गया। वाराणसी
में तैनाती के दौरान कई
अन्य पुरस्कार और सम्मान भी
प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त
प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए
विभिन्न प्रदेश सरकारों द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में विशेष वक्ता
के रूप में आमंत्रित
किया गया।
कौशल राज शर्मा
ने श्री काशी विश्वनाथ
मंदिर कॉरिडोर (श्री काशी विश्वनाथ
धाम) निर्माण के दौरान सैकड़ों
भवनों के अधिग्रहण में
भी अपनी प्रशासनिक क्षमता
दिखाते हुए आपसी विमर्श
व सद्भावपूर्ण तरीके से बातचीत कर
भवनों का अधिग्रहण कराया।
कॉरिडोर का निर्माण निर्धारित
समय अवधि में पूर्ण
हो इसके लिए इसकी
नियमित मॉनिटरिंग व स्वयं निरीक्षण
कर विभिन्न जटिलताओं को दूर कराया।
इसके साथ ही श्री
काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण
के दौरान मिले प्राचीन मंदिरों
का जीर्णोद्धार तथा कई विग्रहों
की शास्त्र सम्मत तरीके से प्राण- प्रतिष्ठा
कराकर पुनर्स्थापित कर नियमित पूजन-
अर्चन की व्यवस्था कराई।
कारिडोर निर्माण के बाद देश-
दुनिया से बड़ी संख्या
में श्रद्धालुओं का आगमन मंदिर
में होने पर श्री
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सभापति के
तौर पर कौशल राज
शर्मा ने श्रद्धालुओं के
लिए उच्च स्तरीय सुविधा
एवं सुरक्षा की व्यवस्था करने
के लिए निरंतर प्रयास
किए। श्रद्धालुओं को अच्छा दर्शन
अनुभव प्राप्त हो इसके लिए
मंदिर की व्यवस्थाओं की
नियमित मॉनिटरिंग व समुचित इंतजाम
के लिए अभिनव प्रयोग
को क्रियान्वित कराया। महाकुंभ- 2025 के दौरान श्री
काशी विश्वनाथ धाम में तीन
करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं
के आगमन के दौरान
दर्शन-पूजन की उच्च
स्तरीय व्यवस्था व श्रद्धालुओं की
सुरक्षा व सुविधा के
सभी इंतजाम इसी प्रयास का
नतीजा रहे। इतनी बड़ी
संख्या में श्रद्धालुओं के
आगमन के दौरान श्री
काशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था को
सराहा गया।
कौशल राज शर्मा
के मंडलायुक्त रहते ज्ञानवापी मस्जिद
परिसर में जिला न्यायालय
के आदेश पर कोर्ट
कमीशन की कार्रवाई को
सकुशल संपन्न कराया। शहर के सभी
वर्गों के लोगों से
निरंतर संवाद एवं संपर्क स्थापित
कर कानून व्यवस्था बनाएं रखने में जिला
प्रशासन का मार्गदर्शन किया।
इसके पश्चात ज्ञानवापी परिसर की एएसआई सर्वे
की कार्रवाई भी शांतिपूर्ण तरीके
से पूर्ण कराई। वाराणसी की जिला न्यायालय
के आदेश पर 31 जनवरी-
2024 को ज्ञानवापी के तहखाना में
नियमित पूजा पाठ- शुरू
करने के आदेश के
बाद वहां पर शांतिपूर्ण
ढंग से पूजा- पाठ
शुरू कराया। वर्तमान में भी वहां
पूजा- पाठ सुचारू तरीके
से जारी है। कोविड
महामारी के बाद पहली
बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देव
दीपावली पर काशी आए
और उन्होंने भैंसासुर घाट पर दीप
प्रज्जवलित कर देव दीपावली
का शुभारंभ किया था। इस
दौरान प्रधानमंत्री काफी देर तक
क्रूज पर सवार होकर
देव दीपावली के अद्वितीय नजारे
को निहारा था। इस कार्यक्रम
को कौशल राज शर्मा
ने अपने कुशल मार्गदर्शन
में व्यवस्थित कराया साथ ही नवाचार
के तौर पर गंगा
नदी के दोनों तरफ
दीयों से सजावट, महाराजा
चेत सिंह किला पर
लेजर शो और ग्रीन
आतिशबाजी का भी आयोजन
कराया। काशी में देव
दीपावली पर यह नवाचार
वर्ष पर्यंत जारी है और
गंगा के दोनों तरफ
रिकॉर्ड संख्या में दीपों का
प्रज्जवलन जारी है। इसके
अतिरिक्त काशी में कई
धार्मिक सांस्कृतिक नवाचार में मार्गदर्शन किया।
मुजफ्फरनगर से वाराणसी तक साढ़े 11 वर्षों से लगातार फील्ड में कार्य करने का रिकॉर्ड
कौशल राज शर्मा
को अगस्त- 2013 में मुजफ्फरनगर में
शांति व्यवस्था प्रभावित होने के दौरान
उन्हें तत्कालीन सरकार द्वारा जब जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर
बनाया गया था। तब
से वो लगातार प्रयागराज,
कानपुर, लखनऊ और वाराणसी
के जिलाधिकारी और उसके उपरांत
मंडलायुक्त वाराणसी मंडल बनकर अपने
साढ़े ग्यारह वर्ष का बिना
ब्रेक के निरंतर फील्ड
का कार्यकाल पूरा कर अब
फील्ड की पोस्टिंग से
शासन स्तर की पोस्टिंग
के लिए रुखसत होंगे।
यह भी किसी आईएएस
अधिकारी के लिए लगातार
फील्ड वर्क करने का
एक प्रकार का रिकॉर्ड ही
है।
No comments:
Post a Comment