Tuesday, 20 May 2025

बिजलीकर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ किया जोरदार प्रदर्शन, 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान

बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के खिलाफ हल्ला बोल, 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का एलान 

हनुमान मंदिर में सुंदरकांड पाठ कर ऊर्जा प्रबंधन को चेताया

सुरेश गांधी

वाराणसी। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में सोमवार को वाराणसी के बिजली कर्मचारियों ने भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में राज्य विद्युत जूनियर इंजीनियर संगठन ने भी संघर्ष समिति के साथ एकजुट होकर आंदोलन को समर्थन दिया। 

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने हनुमान मंदिर में सुंदरकांड पाठ का आयोजन कर ऊर्जा विभाग कोसही मार्ग पर चलनेका संदेश दिया।

प्रदर्शन होगा और तेज

संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि यह विरोध प्रदर्शन 28 मई तक रोजाना दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। इसके बाद 29 मई से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू किया जाएगा। समिति ने यह भी बताया कि 21 मई से संगठन के केंद्रीय पदाधिकारी पूरे प्रदेश में दौरा करेंगे और कर्मचारियों को आंदोलन के लिए तैयार करेंगे।

आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप

विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और राज्य विद्युत जूनियर इंजीनियर संगठन ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। 

उनका कहना है कि घाटे के आंकड़े जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जा रहे हैं ताकि निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा सके। समिति ने बताया कि चार दिन पहले जहाँ एआरआर में 9206 करोड़ रुपये घाटा दिखाया गया था, उसे संशोधित कर 19600 करोड़ रुपये कर दिया गया। आगरा का उदाहरण देते हुए बताया गया कि वहां निजीकरण के बाद अब भी पावर कारपोरेशन को हर साल करीब 274 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहां 5.55 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर निजी कंपनी को 4.36 रुपये में दी जा रही है। 

शक्ति भवन बना किला

सोमवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान शक्ति भवन पर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। आरोप है कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने भवन के सभी गेट बंद करवा दिए, जिससे कोई बाहर सका और कोई अंदर जा सका। संघर्ष समिति के विरोध के बाद गेट खोले गए।

सभा को इन नेताओं ने किया संबोधित

प्रदर्शन सभा की अध्यक्षता .पी. सिंह ने की, जबकि संचालन अंकुर पांडेय ने किया। सभा को . माया शंकर तिवारी, . नरेंद्र वर्मा, . एस.के. सिंह, . नीरज बिंद, . मनीष राय, . पंकज जायसवाल सहित कई इंजीनियरों और कर्मचारियों ने संबोधित किया। संघर्ष समिति ने चेताया है कि अगर निजीकरण की प्रक्रिया वापस नहीं ली गई, तो पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और पावर कॉरपोरेशन प्रशासन की होगी।

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