मातृशक्ति की शक्ति प्रदर्शन : आपरेशन सिन्दूर के बाद काशी में जोरदार गौरव यात्रा
एक स्वर
में
कहा
कि
सिंदूर
का
अर्थ
अब
सिर्फ
श्रृंगार
नहीं,
ये
भारत
की
सुरक्षा
का
पहचान
है
भारत माता एवं अहिल्याबाई की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही
सुरेश गांधी
वाराणसी. आपरेशन सिन्दूर देश के दुश्मनों के लिए एक संदेश सिद्ध हुआ। आतंकिस्तान के साथ पाकिस्तान को भी हिला कर रख देने वाला भारतीय सेना का यह मिशन भारत की शक्ति को पुनः स्थापित किया।
भारत में बेटियों को शक्ति का रूप माना गया है और इस मिशन में भारतीय सेना का नेतृत्व कर रही दो बेटियों ने बता दिया कि सिन्दूर की ओर आंख उठाने का परिणाम क्या होगा। आपरेशन सिन्दूर के बाद देश भर में हर्ष का माहौल है। इसी क्रम में बुधवार को वाराणसी में भी मातृशक्तियों ने भारतीय मातृशक्ति गौरव समिति, काशी द्वारा आयोजित विशाल गौरव यात्रा निकालकर भारत की सैन्य शक्ति का सम्मान किया है। सीमा पर युद्ध में वीरगति को प्राप्त भारत माता के बलिदानी वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी है।
सिगरा नगर निगम स्थित शहीद उद्यान से निकली इस यात्रा में हजारों की संख्या में उपस्थित मातृशक्ति ने गगनभेदी उद्घोष से भारत की तरफ आंख उठाने वालों को सन्देश दिया कि सेना के साथ हम भी डटे हैं। यात्रा का नेतृत्व भारत माता एवं देवी अहिल्याबाई की झांकी से किया गया। देवी अहिल्या के नौ रूपों में शिवलिंग लेकर आयी बालिकाओं ने भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्राचीन नारीशक्ति से परिचित कराया, जिसका संयोजन डॉ.शिप्राधर ने किया। देवी अहिल्याबाई श्रीकाशी विश्वनाथ की अनन्य भक्त रहीं। यह झांकी लोगों में आकर्षण का केन्द्र रही। मातृशक्तियों ने एक स्वर में कहा कि सिंदूर का अर्थ अब सिर्फ श्रृंगार नहीं, ये भारत की सुरक्षा की पहचान है। इसी के साथ वन्देमातरम और भारत माता की जय के उद्घोष महानगर गुंजायमान होता रहा। यह यात्रा अपने विश्राम स्थल भारत माता मन्दिर पहुंची।
मन्दिर परिसर में उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता एन.सी.सी. बीएचयू की सीनियर गर्ल्स कैडेट श्रुति श्रीवास्तव ने कहा कि आपरेशन सिन्दूर से हमारी सेना ने बता दिया कि हम शान्ति चाहते है, किन्तु अगर कोई युद्ध थोपेगा तो विजय हम ही लिखेंगे। उन्होंने कहा कि आज का दिन मात्र एक आयोजन नहीं, गौरव का उत्सव है।
बलिदानियों के बलिदान का
प्रणाम करने का संकल्प
है, और भारत माता
के प्रति अपनी निष्ठा को
दोहराने का अवसर है।
इसके पूर्व मन्दिर परिसर में भारत माता
की प्रतिमूर्ति बालिका का माल्यार्पण किया
गया। दीप प्रज्जवलित कर
कार्यक्रम का शुभारम्भ किया
गया।
विषय प्रस्तावना सह
संयोजिका प्रो0 अमिता सिंह ने किया।
अतिथि परिचय एवं धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम संयोजिका प्रो0 मंजू द्विवेदी एवं
संचालन डॉ.शिप्राधर व
सीए जमुना शुक्ला ने किया। इस
अवसर पर डॉ.आनन्द
प्रभा, डॉ.रंजना श्रीवास्तव,
प्रो0 भावना, डॉ.रूचि, गूंजन
नन्दा, सीमा तिवारी ने
अपने महत्वपूर्ण योगदान से कार्यक्रम को
सफल बनाया।
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