एक ही मंडप में वैदिक मंत्र व 'कबूल है' की गूँज
मुख्यमंत्री सामूहिक
विवाह
योजना
में
197 जोड़ों
ने
लिए
सात
फेरे,
पढ़ा
निकाह
सुरेश गांधी
वाराणसी। काशी में गुरुवार
का दिन सामाजिक समरसता
और सौहार्द का अद्भुत उदाहरण
बना, जब मुख्यमंत्री सामूहिक
विवाह योजना के अंतर्गत आयोजित
भव्य समारोह में 197 जोड़ों ने एक साथ
जीवन की नई शुरुआत
की।
काशी कृषक इंटर
कॉलेज, हरहुआ के प्रांगण में
आयोजित इस कार्यक्रम में
मंडप गूंज रहे थे
वैदिक मंत्रों से, तो दूसरी
ओर 'कबूल है' की
तीन बार दोहराई जाने
वाली सादगीपूर्ण आवाजें गूंज रही थीं।
यह नज़ारा बना गंगा-जमुनी
तहज़ीब का जीवंत प्रतीक।
विकास खंड चिरईगांव से
65, हरहुआ से 54, चोलापुर से 52, पिंडरा से 16, बड़ागांव से 6 और अराजीलाइन
से 4 जोड़ों ने सामूहिक रूप
से विवाह संपन्न किया। इनमें 4 जोड़े मुस्लिम समुदाय से थे, जिनका
निकाह धार्मिक रीति से संपन्न
कराया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि,
स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन
शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने नवविवाहित जोड़ों
को आशीर्वाद देते हुए कहा,
"अब गरीब बेटियों की
शादी पैसों के अभाव में
नहीं रुकेगी। योगी सरकार हर
जरूरतमंद परिवार की बेटियों को
सम्मानपूर्वक विदा कर रही
है।"
कार्यक्रम में जिला पंचायत
अध्यक्ष पूनम मौर्या, एमएलसी
हंसराज विश्वकर्मा, विधायक त्रिभुवन राम, नील रतन
पटेल 'नीलू', संबंधित विभागों के अधिकारी, खंड
विकास अधिकारी और समाजसेवी बड़ी
संख्या में उपस्थित रहे।
यह आयोजन सिर्फ विवाह नहीं था, बल्कि एक ऐसा मंच बना जहाँ धर्म, समाज और परंपरा ने एक-दूसरे का सम्मान करते हुए एकता का संदेश दिया।
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