धर्म संघ में पर्यटन विकास की नई गाथा, सनातन परंपरा को सशक्त करता मुख्यमंत्री का दौरा
धर्म संघ में मुख्यमंत्री ने किया पर्यटन सुविधा केंद्र का निरीक्षण, मंदिर में की पूजा, गौशाला में खिलाया गुड़
यह पर्यटन सुविधा केंद्र काशी में श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी सुविधा बनकर उभरेगा और धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम : योगी
सुरेश गांधी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में एक बार फिर विकास और अध्यात्म का संगम देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ शिक्षा मंडल में निर्माणाधीन पर्यटन सुविधा केंद्र का स्थलीय निरीक्षण किया। यह न केवल एक सरकारी परियोजना का अवलोकन था, बल्कि उस सनातन आस्था का सम्मान भी था, जिसके लिए काशी जानी जाती है।
5.62 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा यह पर्यटन सुविधा केंद्र, श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए एक सशक्त अधोसंरचना साबित होगा, जो न केवल काशी के आध्यात्मिक महत्व को सहेजेगा, बल्कि उसे एक नई ऊंचाई भी देगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ शिक्षा मंडल में निर्माणाधीन पर्यटन सुविधा केंद्र का स्थलीय निरीक्षण किया। यह केंद्र पर्यटन विभाग द्वारा 5 करोड़ 62 लाख रुपये की लागत से बनवाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को
निर्देश दिए कि कार्य
की गति तेज करते
हुए इसे निर्धारित समय
से पूर्व ही पूर्ण किया
जाए। परियोजना का कार्य अक्टूबर
2025 तक पूरा किया जाना
प्रस्तावित है, लेकिन अब
यह इससे पहले ही
पूर्ण हो सकता है।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री
ने धर्म संघ के
मंदिर में जाकर दर्शन-पूजन किया और
फिर गौशाला में जाकर गायों
को गुड़ भी खिलाया।
इस दौरान धर्म संघ के
महंत ने मुख्यमंत्री का
विधिवत स्वागत किया।
मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट
मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री
रविंद्र जायसवाल और डॉ. दयाशंकर
मिश्र ‘दयालु’, विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी,
डॉ. अवधेश सिंह, और सुशील सिंह
भी मौजूद रहे। प्रशासन की ओर से
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी
सत्येंद्र कुमार, पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक
दिनेश कुमार, सहित कई वरिष्ठ
अधिकारी भी उपस्थित रहे।
यह दृश्य अपने आप में
प्रतीकात्मक था — एक ओर
विकास की आधुनिक धारा,
और दूसरी ओर भारत की
रूहानी जड़ों से जुड़ाव। योगी
आदित्यनाथ का यह दौरा
स्पष्ट करता है कि
राज्य सरकार काशी को केवल
धार्मिक केंद्र के रूप में
नहीं, बल्कि एक संस्कृति, पर्यटन
और वैश्विक आध्यात्मिक हब के रूप
में विकसित करने के लिए
संकल्पित है।
आखिर क्या है धर्म संघ की महत्ता?
धर्म संघ शिक्षा
मंडल काशी की उन
संस्थाओं में एक है,
जो वर्षों से अध्यात्म, शिक्षा
और साधना के माध्यम से
जनचेतना का पोषण करती
आई है। वहां पर्यटन
सुविधा केंद्र का निर्माण, केवल
एक भौतिक संरचना नहीं, बल्कि परंपरा को आधुनिकता से
जोड़ने वाला सेतु है।
काशी में धर्म और विकास
अब समानांतर धाराएं नहीं, बल्कि एक ही स्रोत
से फूटती धारा बन चुकी
हैं। योगी सरकार की
यह पहल दिखाती है
कि जब नेतृत्व प्रतिबद्ध
होता है, तो तीर्थ
केवल पूजा स्थलों तक
सीमित नहीं रहते — वे
संस्कृति, अर्थव्यवस्था और पहचान के
मजबूत स्तंभ बन जाते हैं।
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