हर पौधा
जीवन
का
बीज
है,
जिसे
आज
बोएंगे
तो
कल
पीढ़ियां
फलेंगी
वृक्षारोपण से ही बचेगा भविष्य : सीपी मोहित अग्रवाल
"एक पेड़ माँ
के
नाम
2.0": वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट
ने
पर्यावरण
सुरक्षा
का
उठाया
बीड़ा
पुलिस आयुक्त
ने
किया
पौधारोपण,
6000 से
अधिक
पौधे
लगाए
गए,
पर्यावरण
संरक्षण
का
दिया
संदेश
प्रशिक्षु आरक्षियों
और
आमजन
से
भी
अभियान
में
सहभागिता
की
अपील
पुलिसकर्मियों ने
लिया
संकल्प
: न
केवल
लगाएंगे
पौधे,
बल्कि
करेंगे
उनकी
देखरेख
भी
सुरेश गांधी
वाराणसी. हरियाली का अर्थ केवल
सुंदरता नहीं, जीवन है। इसी
सोच को आगे बढ़ाते
हुए बुधवार को पुलिस कमिश्नरेट
वाराणसी द्वारा पुलिस
लाइन परिसर में "एक पेड़ माँ
के नाम 2.0" अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण
कार्यक्रम का आयोजन किया
गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पुलिस
आयुक्त मोहित अग्रवाल ने स्वयं पौधरोपण
कर किया और उपस्थित
पुलिसकर्मियों, कर्मचारियों एवं कैडेट्स को
पर्यावरण की रक्षा का
संकल्प दिलाया। खास यह है
कि पुलिस आयुक्त ने न केवल
कैम्प कार्यालय और रिज़र्व पुलिस
लाइन में पौधे लगाए,
बल्कि बड़ी संख्या में
पुलिस अधिकारियों, प्रशिक्षु आरक्षियों और आम नागरिकों
से इस अभियान में
भाग लेने का आह्वान
भी किया।
1200 प्रशिक्षु आरक्षियों ने लिया हरियाली का संकल्प
रिजर्व पुलिस लाइन में प्रशिक्षण
प्राप्त कर रहे लगभग
1200 प्रशिक्षु आरक्षियों ने "एक पेड़ माँ
के नाम" अभियान के तहत एक-एक पौधा रोपित
किया। पुलिस आयुक्त ने उन्हें निर्देशित
किया कि इन पौधों
की देखभाल भी उतनी ही
जिम्मेदारी से करें जितनी
सजगता से वे अपने
कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
हर थाना बना पर्यावरण प्रहरी
37 करोड़ पौधों का लक्ष्य, जनसहभागिता पर ज़ोर
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2025 में राज्यभर में 37 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी क्रम में वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने अपनी हिस्सेदारी निभाते हुए पर्यावरण के प्रति सजगता दिखाई है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने आमजन से भी इस अभियान से जुड़ने और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की अपील करते हुए कहा कि "पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है।" “अगर हम इस लक्ष्य को ईमानदारी से प्राप्त करते हैं, तो तापमान में 2 से 3 डिग्री तक गिरावट संभव है। इससे न केवल जलवायु संकट में राहत मिलेगी बल्कि हवा की गुणवत्ता में भी जबरदस्त सुधार आएगा।“ उन्होंने कहा कि वाराणसी जैसे धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन नगरी में वृक्षारोपण का और भी अधिक महत्व है। “यहां हर वर्ष करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में स्वच्छ हवा और संतुलित पर्यावरण हमारी जिम्मेदारी बन जाती है।“
पेड़ों की जड़ें ही बचाव की जड़ें हैं
उन्होंने कहा, “आज का मौसम
और मौसमी बदलाव हमें याद दिलाते
हैं कि हमारे जीवन
का असली आधार पेड़-पौधे हैं। हमें
अपने भविष्य की चिंता करनी
है तो आज ही
वृक्षारोपण को अपनी प्राथमिकता
बनाना होगा।“ उन्होंने कहा, “ऐसे अभियान न
केवल सरकारी स्तर पर, बल्कि
सामाजिक चेतना के स्तर पर
भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।
यदि हर नागरिक एक
वर्ष में कम से
कम एक पौधा लगाए
और उसकी देखभाल करे,
तो आने वाले 5 वर्षों
में भारत फिर से
हरित राष्ट्र बन सकता है।
वृक्षारोपण सिर्फ कर्मकांड नहीं, प्रकृति के प्रति हमारी
जवाबदेही का प्रतीक है।“
पुलिस आयुक्त ने वृक्षारोपण की
वैज्ञानिक महत्ता को रेखांकित करते
हुए कहा “आप सबने
पढ़ा होगा कि बाढ़,
कटाव और भूस्खलन जैसी
प्राकृतिक आपदाओं को रोकने में
पेड़ कितनी बड़ी भूमिका निभाते
हैं। पहाड़ों में ये जड़ें
भूस्खलन रोकती हैं, तो मैदानी
इलाकों में मिट्टी को
बाँधती हैं और उपजाऊ
बनाए रखती हैं।“ उन्होंने
कहा कि “वृक्ष सिर्फ
छाया नहीं देते, बल्कि
जीवन की सांस भी
देते हैं।“ इस अवसर पर
उन्होंने बच्चों, युवाओं और अधिकारियों से
आग्रह किया कि वे
केवल पौधे लगाकर न
रुकें, बल्कि उन्हें संरक्षित करने की जिम्मेदारी
भी निभाएं।
प्रदूषण से लड़ाई का पहला हथियार है वृक्ष
पुलिस आयुक्त ने वर्तमान में
शहरी जीवन में बढ़ती
बीमारियों का जिक्र करते
हुए कहा, “आज लोग सांस
की बीमारियों, एलर्जी, त्वचा विकार और हृदय रोगों
से पीड़ित हैं। इसका सबसे
बड़ा कारण वायु प्रदूषण
है।“ उन्होंने दिल्ली और नोएडा जैसे
शहरों की उदाहरण देते
हुए बताया कि कैसे वायु
गुणवत्ता सूचकांक (।फप्) 400 से ऊपर चला
जाता है और स्कूल-कॉलेज तक बंद करने
की नौबत आ जाती
है। “हमें समझना होगा
कि यह चेतावनी है,
प्रकृति से छेड़छाड़ अब
जीवन पर भारी पड़
रही है।“
हर एक पौधा : एक जीवन रक्षा यंत्र
पुलिस आयुक्त ने कहा कि
वृक्षारोपण केवल पर्यावरण बचाने
का अभियान नहीं है, बल्कि
यह आने वाली पीढ़ियों
के लिए सुरक्षित भविष्य
की नींव है। “आज
जो पौधा हम रोपते
हैं, वह कल सैकड़ों
लोगों को शुद्ध हवा,
जल संरक्षण और जीवन देगा।“
उन्होंने कहा कि “पुलिस
जैसे अनुशासित बल को इस
मुहिम में अग्रणी भूमिका
निभानी चाहिए ताकि आमजन भी
प्रेरित हों।“
वृक्षारोपण एक दिन नहीं, सतत साधना है
कार्यक्रम के अंत में
पुलिस आयुक्त ने सभी अधिकारियों
और जवानों को संदेश देते
हुए कहा कि दृ
“हम जिस धरती पर
रहते हैं, उसका ऋण
वृक्षारोपण से ही चुका
सकते हैं। यह कोई
एक दिन का आयोजन
नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली साधना
है।“ उन्होंने हर पौधे को
अपनाने और उसके बड़े
होने तक उसकी देखरेख
करने की जिम्मेदारी लेने
का आग्रह किया। “हमें प्रकृति का
रक्षक बनना है, उपभोक्ता
नहीं।“
“पेड़ लगाइए, जीवन बचाइए“, एक आह्वान
इस वृक्षारोपण अभियान
में एसपी, एडीसीपी, थाना प्रभारियों समेत
बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, एनसीसी
कैडेट्स और अधिकारी शामिल
हुए। सभी ने अपने-अपने हाथों से
पौधे रोपे और उनकी
सुरक्षा की शपथ ली।
कार्यक्रम की विशेषता यह
रही कि पौधे लगाने
से पहले सभी को
वृक्षों के महत्व पर
एक छोटा पर्यावरणीय ब्रीफिंग
भी दिया गया।
आने वाली पीढ़ी के लिए लगाएं पेड़
मोहित अग्रवाल ने उपस्थित पुलिसकर्मियों
और युवाओं से अपील की
कि वे इस अभियान
को सिर्फ एक औपचारिकता न
समझें, बल्कि इसे अपने जीवन
का संकल्प बनाएं। उन्होंने कहा, “आज जब आप
एक पौधा अपने हाथ
में लेकर उसे धरती
में रोपित करते हैं, तो
आप केवल एक पेड़
नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों
के लिए स्वच्छ वायु,
छाया और जल संरक्षण
की नींव रख रहे
हैं।“
स्वस्थ जीवन की कुंजी : हरित वातावरण
उन्होंने कहा कि आज
एलर्जी, दमा और अन्य
श्वास संबंधी बीमारियाँ बच्चों से लेकर बुजुर्गों
तक को प्रभावित कर
रही हैं। “इन सबका मूल
कारण प्रदूषण है और इसका
समाधान वृक्षारोपण है।“ उन्होंने इस
अभियान को जनांदोलन बनाने
की अपील करते हुए
कहा कि “पेड़ लगाना
केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि हम सबकी सामाजिक
और नैतिक जिम्मेदारी भी है।“ कार्यक्रम
में अनेक वरिष्ठ पुलिस
अधिकारी, प्रशासनिक प्रतिनिधि, जवान और कर्मचारी
उपस्थित रहे। सभी ने
पर्यावरण बचाने के इस पुनीत
कार्य में सहभागिता निभाने
का संकल्प लिया।
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