Monday, 11 August 2025

257वें दिन गरजा बिजली मोर्चा : “निजीकरण से जनता पिसी, निगम कंगाल”

257वें दिन गरजा बिजली मोर्चा : “निजीकरण 

से जनता पिसी, निगम कंगाल” 

सांसद - विधायकों को पत्र भेजकर ग्रेटर नोएडा और आगरा की बिजली व्यवस्था सरकारी क्षेत्र में लौटाने की मांग 

सुरेश गांधी

वाराणसी. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले निजीकरण के विरोध में चल रहा आंदोलन मंगलवार को 257वें दिन भी तेज़ रहा। बनारस के सभी बिजली कार्यालयों पर कर्मचारियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन कर अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति ने प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों को पत्र भेजकर कहा है कि निजीकरण का विफल प्रयोग उत्तर प्रदेश की गरीब जनता पर थोपा जाए। साथ ही ग्रेटर नोएडा और आगरा की बिजली वितरण व्यवस्था को तत्काल पावर कारपोरेशन के अधीन लेने की मांग की गई है।

आगरा का घाटे का मॉडल

समिति ने आरोप लगाया कि वर्ष 2010 से 2024 तक पावर कारपोरेशन ने महंगी दर से बिजली खरीदकर टोरेंट पावर को सस्ती दर पर दी, जिससे 2,434 करोड़ का सीधा नुकसान हुआ। सिर्फ 2023दृ24 में ही निगम को 274 करोड़ का घाटा हुआ, जबकि टोरेंट पावर ने करीब 800 करोड़ का मुनाफा कमाया। इतना ही नहीं, 2010 में आगरा में बिजली राजस्व का 2,200 करोड़ रुपये बकाया था, जिसे समझौते के तहत टोरेंट पावर को वसूलकर पावर कारपोरेशन को देना था। 15 साल में एक पैसा भी नहीं लौटाया गया।

ग्रेटर नोएडा की स्थिति

ग्रेटर नोएडा में निजी कंपनी एनपीसीएल घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को तय शेड्यूल के अनुसार बिजली नहीं देती। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में वितरण लाइसेंस रद्द कराने के लिए मुकदमा लड़ रही है।

देशभर में विफल प्रयोग

समिति ने उदाहरण देते हुए बताया कि उड़ीसा में तीसरी बार निजीकरण असफल हुआ है और 15 अगस्त के बाद वहां टाटा पावर के खिलाफ जनसुनवाई होनी है। उज्जैन, सागर, ग्वालियर, रांची, जमशेदपुर, औरंगाबाद, नागपुर, जलगांव, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया में भी अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी समाप्त करनी पड़ी।

मांग

समिति ने सांसदों और विधायकों से अपील की कि वे अपने पद का सदुपयोग करते हुए पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय निरस्त कराने की पहल करें। सभा को . मायाशंकर तिवारी, अंकुर पांडेय, . एस.के. सिंह, . नीरज बिंद, . विकास कुशवाहा, . अमर पटेल, मदन श्रीवास्तव, मनीष यादव, देवेंद्र सिंह, रंजीत कुमार, एस.के. भूषण, रंजीत पटेल, संदीप कुमार, जितेंद्र कुमार, शिवनारायण सिंह और राहुल कुमार ने संबोधित किया।  

आंकड़ों में निजीकरण का घाटा

आगरा मॉडल

2010 से 2024 : पावर कारपोरेशन को ₹2,434 करोड़ का नुकसान

2023 से 24 : ₹274 करोड़ घाटा, टोरेंट पावर का मुनाफा ₹800 करोड़

बकाया वसूली : ₹2,200 करोड़ की राशि 15 साल में भी नहीं लौटाई

ग्रेटर नोएडा

निजी कंपनी एनपीसीएल घरेलू किसान उपभोक्ताओं को तय शेड्यूल पर बिजली नहीं देती

यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट में वितरण लाइसेंस रद्द कराने की लड़ाई लड़ रही

देशभर में विफल प्रयोग

उड़ीसा : तीसरी बार निजीकरण असफल, 15 अगस्त के बाद टाटा पावर पर जनसुनवाई

अन्य शहरः उज्जैन, सागर, ग्वालियर, रांची, जमशेदपुर, औरंगाबाद, नागपुर, जलगांव, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया में योजना समाप्त

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