‘अमर शहीद अमर रहें’ और ‘कार्पोरेट घरानों, पावर सेक्टर छोड़ो’ के नारे गूंजे
तिरंगा लेकर बिजली निजीकरण के खिलाफ सड़कों पर उतरे कर्मचारी
काकोरी क्रांति
के
शहीदों
को
दी
श्रद्धांजलि,
‘सार्वजनिक
क्षेत्र
में
बिजली
रखने’
की
मांग
15 अगस्त तक चलेगा किसानों
और
उपभोक्ताओं
को
निजीकरण
से
होने
वाले
नुकसान
के
बारे
में
जागरूकता
अभियान
सुरेश गांधी
वाराणसी. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर शुक्रवार को बनारस के बिजलीकर्मियों ने निजीकरण के विरोध में तिरंगा रैली निकाली। काकोरी क्रांति के अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान, ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस दौरान
संघर्ष समिति ने 8 से 15 अगस्त
तक प्रदेशभर में अभियान चलाकर
किसानों और उपभोक्ताओं को
निजीकरण से होने वाले
नुकसान के बारे में
जागरूक करने का निर्णय
लिया.
कर्मचारी विभिन्न कार्यालयों से रैली के रूप में शहीद स्मारक पहुंचे, जहाँ ‘अमर शहीद अमर रहें’ और ‘कार्पोरेट घरानों, पावर सेक्टर छोड़ो’ के नारे गूंजे। सभा में वक्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि विजन डॉक्यूमेंट 2047 में बिजली की सबसे अहम भूमिका है, इसलिए इसे सार्वजनिक क्षेत्र में बनाए रखना जरूरी है। संघर्ष समिति ने बताया कि बीते आठ वर्षों में बिजली कर्मियों के प्रयास से प्रदेश की एटी एंड सी हानियां 41 फीसदी से घटकर राष्ट्रीय मानक 15 फीसदी पर आ गई हैं।
आज यूपी देश का सबसे अधिक उपभोक्ताओं को सर्वाधिक बिजली आपूर्ति करने वाला राज्य बन गया है। यह उपलब्धि सार्वजनिक क्षेत्र के कारण ही संभव हुई है।कर्मचारियों ने कहा कि किसानों, गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली केवल सार्वजनिक क्षेत्र से मिल सकती है। निजीकरण हुआ तो ‘विजन 2047’ के बजाय प्रदेश ‘लालटेन युग’ में चला जाएगा। कार्यक्रम में ई. एस.के. सिंह, ई. नीरज बिंद, राजेंद्र सिंह, अंकुर पांडेय, विवेक, धर्मेंद्र यादव, देवेंद्र सिंह, रामाशीष कुमार, विपिन सिंह, योगेंद्र, के.पी. बैजू, पंकज सिंह, पंकज यादव, जितेंद्र सिंह, रवि कुमार, मोहम्मद हारिश, अरुण कुमार, रमेश सिंह समेत बड़ी संख्या में बिजलीकर्मी शामिल हुए।
बिजलीकर्मियों की मुख्य मांगें
विजन डॉक्यूमेंट 2047 में
बिजली की सबसे बड़ी
भूमिका सुनिश्चित की जाए।
पावर सेक्टर पूरी
तरह सार्वजनिक क्षेत्र में बना रहे।
किसानों, गरीब और मध्यमवर्गीय
उपभोक्ताओं को सस्ती और
भरोसेमंद बिजली मिले।
निजीकरण रोककर प्रदेश को ‘लालटेन युग’
में जाने से बचाया
जाए।
एटी एंड सी
हानियां 41 फीसदी से घटकर 15 फीसदी
(राष्ट्रीय मानक) पर पहुँचीं।
यूपी देश में
सबसे अधिक उपभोक्ताओं को
सर्वाधिक बिजली आपूर्ति करने वाला राज्य
बना।
बिजली आपूर्ति के मामले में
महाराष्ट्र को पीछे छोड़ा।
आपूर्ति व्यवस्था में सतत सुधार,
उपभोक्ता संख्या और भरोसेमंद सेवा
में वृद्धि।
No comments:
Post a Comment