Saturday, 9 August 2025

श्रावण पूर्णिमा पर काशी में गूंजे वैदिक मंत्र कोडी तीर्थं जल से बाबा विश्वेश्वर का अभिषेक

श्रावण पूर्णिमा पर काशी में गूंजे वैदिक मंत्र कोडी

तीर्थं जल से बाबा विश्वेश्वर का अभिषेक 

रामेश्वरम से काशी तक आस्था का प्रवाह, दो ज्योतिर्लिंगों को जोड़ेगा यह ऐतिहासिक जल आदान-प्रदान

रामेश्वरम-काशी तीर्थ जल आदान-प्रदान परंपरा से सजीव हुई उत्तर-दक्षिण की आध्यात्मिक एकता

सुरेश गांधी 

वाराणसी। सावन की पूर्णिमा का पावन प्रभात, वैदिक मंत्रों की गूंज और आस्था से भरा श्री काशी विश्वनाथ धाम। 

शुक्रवार को बाबा विश्वेश्वर का जलाभिषेक रामेश्वरम के पवित्र कोडी तीर्थं के जल से संपन्न हुआ। यह जल 8 अगस्त को श्री रामनाथ स्वामी मंदिर, रामेश्वरम से काशी भेजा गया था, जिसे विशेष अनुष्ठान और मंत्रोच्चार के बीच महादेव को अर्पित किया गया। 

यह ऐतिहासिक परंपरा 28 जुलाई को शुरू हुई थी, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पावन संगम जल रामेश्वरम ट्रस्ट के प्रतिनिधियोंश्री सी.आर.एम. अरुणाचलम और पूज्य कोविलूर स्वामीको ससम्मान सौंपा था। इसके उपरांत 4 अगस्त को रामेश्वरम में उस जल पवित्र रज से विशेष पूजन कर कोडी तीर्थं का पावन जल काशी भेजा गया।

अभिषेक समारोह में रामेश्वरम से पधारे संत, मंदिर कार्यपालक समिति अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, मंदिर के पुजारीगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। अभिषेक के उपरांत दक्षिण भारत से आए तीर्थयात्रियों को बाबा के दर्शन का विशेष अवसर मिला।

श्रद्धालुओं का मानना है कि यह अनूठी पहल केवल दो ज्योतिर्लिंगों को आध्यात्मिक सूत्र में बांधती है, बल्कि सनातन संस्कृति की अखंडता और भारतीय परंपरा की विशालता का जीवंत प्रमाण है। सावन की पूर्णिमा पर यह दृश्य, उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक धारा के संगम जैसा अविस्मरणीय क्षण बन गया।

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