Friday, 5 December 2025

संवेदनशीलता ही पुलिसिंग की पहचान : पुलिस आयुक्त

संवेदनशीलता ही पुलिसिंग की पहचान : पुलिस आयुक्त 

श्रेष्ठ प्रशिक्षणसशक्त महिला पुलिस. तकनीक, अनुशासन और मानवीय व्यवहार पर विशेष जोर

सुरेश गांधी

वाराणसी। रिज़र्व पुलिस लाइन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं महिला आरक्षियों से शुक्रवार को पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट मोहित अग्रवाल ने संवाद कर उनके प्रशिक्षण की प्रगति और दक्षता की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने प्रशिक्षु आरक्षियों को संबोधित करते हुए कहा आप सभी भविष्य की संवेदनशील, सक्षम और मजबूत पुलिसिंग का चेहरा हैं। श्रेष्ठ प्रशिक्षण, अनुशासन और मानवीय व्यवहार ही आपको जनता की सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की वास्तविक शक्ति बनाएंगे।

आयुक्त ने कहा कि जनता पुलिस को एक आदर्श के रूप में देखती है, इसलिए प्रत्येक पुलिसकर्मी को अपने आचरण, भाषा, व्यवहार और कार्यशैली से ऐसा मानक प्रस्तुत करना चाहिए कि जनता का विश्वास पुलिस पर लगातार मजबूत हो। समाज के गरीब, कमजोर और वंचित वर्ग के प्रति विशेष संवेदनशीलता बरतने पर उन्होंने जोर दिया ताकि हर व्यक्ति स्वयं को सुरक्षित और संरक्षित महसूस कर सके।

आधुनिक दौर की चुनौतियों को रेखांकित करते हुए पुलिस आयुक्त ने कहा कि तकनीकी दक्षता अब पुलिसिंग का अनिवार्य हिस्सा है। कंप्यूटर संचालन, साइबर अपराध की समझ, डिजिटल साक्ष्यों का संरक्षण और विश्लेषण जैसे विषयों को गंभीरता से सीखने की सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि तकनीक आधारित अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए आधुनिक ज्ञान ही आपको प्रभावी और स्मार्ट पुलिसिंग का हिस्सा बनाएगा।

मोहित अग्रवाल ने प्रशिक्षण के दौरान हत्या, मानव वध, सड़क दुर्घटनाओं की कानूनी धारा, बीएनएस/बीएनएसएस के प्रावधान, निरोधात्मक कार्यवाहियां, आत्मरक्षा, संवाद कौशल, अपराध जांच की प्रक्रिया और साइबर अपराध (डिजिटल अरेस्ट एवं इन्वेस्टमेंट फ्रॉड) जैसे विषयों की प्रासंगिकता बताते हुए प्रशिक्षुओं से उनकी जानकारी भी साझा कराई। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण को केवल रटने की बजाय गहन अध्ययन कर समझने की आदत विकसित करनी चाहिए।  

संवाद के दौरान प्रशिक्षुओं ने अपने अनुभव, सामने आने वाली समस्याओं और आवश्यकताओं के बारे में खुलकर बात की। आयुक्त ने उनकी सभी बातें ध्यान से सुनीं और आवश्यक सुधारात्मक निर्देश भी दिए। हॉस्टल में रहनेखाने की व्यवस्था और गुणवत्ता के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली गई। आयुक्त ने आरटीसी के अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रशिक्षु महिला आरक्षियों को वाराणसी के इतिहास, संस्कृति और विशेषताओं की जानकारी कराई जाए और उन्हें शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी कराया जाए, ताकि वे स्थानीय सांस्कृतिक परिवेश को बेहतर समझ सकें।

उन्होंने कहा कि पुलिस की पहचान संवेदनशीलता, त्वरित प्रतिक्रिया और प्रोफेशनल दक्षता से होती है। इसलिए प्रत्येक प्रशिक्षु को धैर्य, शिष्टाचार और मानवीय दृष्टिकोण अपने व्यवहार का हिस्सा बनाना चाहिए। फिटनेस, आत्मसंयम, नेतृत्व क्षमता और टीमवर्क को विकसित करने के लिए भी प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस उपायुक्त लाइन श्रीमती नीतू, अपर पुलिस उपायुक्त लाइन वैभव बांगर, सहायक पुलिस आयुक्त लाइन ईशान सोनी सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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