सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ : दिल्ली में क्षात्रतेज का महाआह्वान
भवानी तलवार
का दुर्लभ
दर्शन : शिवकालीन
शस्त्र प्रदर्शनी
आकर्षण का
केंद्र
छत्रपति शिवाजी
की भवानी
तलवार से
लेकर राष्ट्रीय
सुरक्षा पर
मंथन तक,
इंद्रप्रस्थ बनेगा
सनातन जागरण
का केंद्र
आंतरिक सुरक्षा
पर मंडरा
रहा संकट,
महोत्सव बनेगा
जागरण का
मंच
यह केवल
आयोजन नहीं—सनातन पुनर्जागरण का
शंखनाद
सुरेश गांधी
वाराणसी।
देश की आंतरिक
सुरक्षा पर
बढ़ते खतरे, सांस्कृतिक
अतिक्रमण के
बढ़ते स्वरूप और
आतंकवाद के
बदलते चेहरे के
बीच अब दिल्ली
में एक ऐसा
महोत्सव आयोजित
होने जा रहा
है, जो केवल
आयोजन नहीं, बल्कि
शौर्य, संस्कृति और
राष्ट्रीय चेतना
का पुर्नजागरण साबित
होगा। ‘सेव कल्चर
सेव भारत फाउंडेशन’
और सनातन संस्था
द्वारा आयोजित भव्य
‘सनातन राष्ट्र शंखनाद
महोत्सव’ दिसंबर
को इंद्रप्रस्थ स्थित
भारत मंडपम् में
आयोजित होगा। इसकी
जानकारी स्वागत
समिति के सदस्य
सद्गुरु निलेश
सिंगबाळजी ने
पराडकर स्मृति भवन
में आयोजित प्रेसवार्ता
में दी।
वाराणसी व्यापार मंडल
के
अध्यक्ष अजीत
सिंह
बग्गा
ने
बताया
कि
भारत
मंडपम
के
प्रदर्शनी हॉल
में
पहली
बार
छत्रपति शिवाजी
महाराज
की
‘भवानी
तलवार’
का
प्रत्यक्ष दर्शन
कराया
जाएगा।
इसके
साथ
ही
शिवकालीन शस्त्रों, सनातन
कला,
अध्यात्म, भारतीय
युद्धकला और
विविध
सांस्कृतिक प्रदर्शनी भी
लगाई
जाएगी।
पारंपरिक युद्धकला प्रदर्शन, शस्त्रपूजन और
शौर्य
प्रदर्शन महोत्सव की
विशेष
पहचान
होंगे। उन्होंने बताया
कि
उत्तर
प्रदेश
से
से
अधिक
सनातन
राष्ट्र समर्थकों सहित
अनेक
हिंदू
संगठन,
आध्यात्मिक संस्थाएँ, अधिवक्ता, डॉक्टर्स, उद्योगपति और
जनप्रतिनिधि इस
आयोजन
में
शामिल
होंगे।
बग्गा ने बताया कि यह महोत्सव सुरक्षा, संस्कृति और राष्ट्र की एक सामूहिक पुकार है। इंद्रप्रस्थ में होने वाला यह शंखनाद आने वाली पीढ़ियों के लिए नवयुग का उद्घोष भी होगा, जिसमें संस्कृति और सुरक्षा—दोनों का संगम एक राष्ट्रधर्म के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि भारत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी विश्वस्तरीय सुरक्षा क्षमताओं, चौथी वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने और वैज्ञानिक-तकनीकी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, आज आंतरिक सुरक्षा को गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालिया दिल्ली बम धमाके और देशभर में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल यह संकेत देते हैं कि विदेशी शक्तियां, डीप-स्टेट, नक्सलवाद, लव जिहाद, लैंड जिहाद, हलाल जिहाद जैसे तंत्रों के माध्यम से भारत को अस्थिर करने की कोशिशें बढ़ा रही हैं। ऐसे दौर में केवल ‘दिखावटी धर्मनिरपेक्षता’ पर्याप्त नहीं है। राष्ट्र को पुनः श्रीराम, श्रीकृष्ण और छत्रपति शिवाजी का क्षात्रतेज चाहिए।
राष्ट्र, संस्कृति और शौर्य—एक साथ, एक मंच पर
सनातन संस्था
के
संजय
सिंह
ने
बताया
कि
गोवा
में
आयोजित
पहले
‘शंखनाद
महोत्सव’ में
देशों
के
अधिक
भक्तों
की
उपस्थिति रही
थी।
साधु-संतों, गोवा के
मुख्यमंत्री और
केंद्रीय मंत्रियों की
मौजूदगी ने
इसे
ऐतिहासिक बनाया
था।
अब
दिल्ली
का
यह
आयोजन
उससे
भी
अधिक
भव्य
और
राष्ट्रीय महत्व
का
होने
जा
रहा
है।
उन्होंने कहा
कि
सनातन
संस्था
के
संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ.
जयंत
बालाजी
आठवले
ने
‘रामराज्य’ समान
आदर्श
सनातन
राष्ट्र की
स्थापना का
संकल्प
लिया
है।
महाभारत से
पहले
श्रीकृष्ण द्वारा
किए
गए
धर्मयुद्ध के
शंखनाद
की
तर्ज
पर
यह
महोत्सव धर्मनिष्ठ समाज
की
आत्मशक्ति को
जागृत
करेगा
तथा
राष्ट्रसेवा के
लिए
प्रेरित करेगा।
‘सनातन
संस्कृति संवाद’
से ‘राष्ट्रबल
सुदृढ़ीकरण’ तक
30+ सत्र
प्राच्यम के
संस्थापक प्रवीण
चतुर्वेदी ने
कहा
कि
सोशल
मीडिया,
मिशनरी
गतिविधियों और
विचारात्मक अतिक्रमण के
कारण
देश
गहरे
सांस्कृतिक संकट
से
गुजर
रहा
है।
इसका
समाधान
केवल
कानूनों से
नहीं,
बल्कि
आध्यात्मिक और
नैतिक
मूल्यों की
पुनर्स्थापना से
होगा।
महोत्सव में
दो
दिनों
तक
सनातन
संस्कृति संवाद
सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्तन राष्ट्रीय सुरक्षा आतंकरोधी नीति
नक्सलवाद की
पृष्ठभूमि रक्षा
रणनीति राष्ट्रबल सुदृढ़ीकरण जैसे
विषयों
पर
विशेषज्ञ मार्गदर्शन देंगे।
दूसरे
दिन
'विश्वकल्याणकारी सनातन
राष्ट्र' विषय
पर
विशेष
सत्र
भी
आयोजित
होगा।
संतों, महंतों,
मंत्रियों और
राष्ट्रनिर्माताओं का
महाएकत्र
महोत्सव में
देशभर
के
संत-महंत और प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहेंगी। इनमें
श्रीराम जन्मभूमि न्यास
के
कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंददेवगिरी महाराज
मेहंदीपुर बालाजी
मंदिर
के
प.पू. डॉ. नरेशपुरीजी महाराज
हिंदू
जनजागृति समिति
के
मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.)
चारुदत्त पिंगळे
सनातन
संस्था
की
उत्तराधिकारी श्री
सत्शक्ति बिंदा
सिंगबाळ श्रीचित्शक्ति अंजली
गाडगीळ
साथ
ही
केंद्रीय पर्यटन
एवं
संस्कृति मंत्री
गजेंद्र सिंह
शेखावत केंद्रीय रक्षा
राज्य
मंत्री
संजय
सेठ
केंद्रीय ऊर्जा
राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक
दिल्ली
के
संस्कृति मंत्री
कपिल
मिश्रा छत्रपति शिवाजी
महाराज
के
वंशज
सांसद
छत्रपति उदयनराजे भोसले
भारत
के
पूर्व
मुख्य
न्यायाधीश उदय
लळित
पूर्व
रक्षा
सलाहकार ले.
जनरल
विनोद
खंडारे
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
के
सदस्य
प्रियांक कानुनगो पूर्व
सूचना
आयुक्त
उदय
माहूरकर अधिवक्ता विष्णु
शंकर
जैन
सुदर्शन न्यूज
के
एडिटर-इन-चीफ सुरेश
चव्हाणके जैसी
अनेक
निर्णायक हस्तियाँ शामिल
होंगी।

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