प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े मेडिटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर का किया लोकार्पण
अध्यात्म, इतिहास व संस्कृति का जीवंत उदाहरण है स्वर्वेद मंदिर : पीएम मोदी
महायज्ञ की
हर
एक
आहुति
से
और
सशक्त
होगा
विकसित
भारत
का
संकल्प
आजादी के
अमृतकाल
में
महर्षि
सदाफल
देव
के
संकल्पों
को
आगे
बढ़ाना
उनके
हर
अनुयायी
का
दायित्व
सरकार, समाज
व
संतगण
मिलकर
कर
रहे
काशी
का
कायाकल्प
सुरेश गांधी
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे के दूसरे दिन
उमरहा में 180 फीट ऊंचे सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर के प्रथम तल
का रिमोट से बटन दबाकर
उद्घाटन कर श्रद्धालुओं एवं
देशवासियों को समर्पित किया।
यह मंदिर दुनिया का सबसे अनोखा
मंदिर है। स्वर्वेद महामंदिर की संगमरमरी दीवारों
पर स्वर्वेद के चार हजार
दोहे लिखे हैं। 19 साल तक लगातार छह
सौ कारीगर, दो सौ मजदूर
और 15 इंजीनियर की मेहनत आज
महामंदिर के पूर्ण स्वरूप
में साकार हो चुकी है।
इस मंदिर की लागत करीब
35 करोड़ है। इसमें करीब 24 हजार लोगों के बैठने की
क्षमता है.
इस मौके पर
प्रधानमंत्री ने कहा कि
संतों के सानिध्य में
काशी के लोगों ने
मिलकर विकास व नवनिर्माण के
नए कीर्तिमान गढ़े हैं। सरकार, समाज और संत गण
मिलकर काशी के कायाकल्प के
लिए कार्य कर रहे हैं।
आज स्वर्वेद मंदिर बनकर तैयार होना इसी ईश्वरीय प्रेरणा का उदाहरण है।
यह महामंदिर महर्षि सदाफल देव जी की शिक्षाओं,
उपदेशों का प्रतीक है।
इस मंदिर की दिव्यता जितनी
आकर्षित करती है, इसकी भव्यता उतना ही अचंभित भी
करती है। पीएम ने कहा कि
देश में राम सर्किट के विकास के
लिए भी तेजी से
काम हो रहा है
और अगले कुछ सप्ताह में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी
पूरा होने जा रहा है.
मोदी ने कहा कि
काशी में बीता हर क्षण अपने
आप में अद्भुत अनुभूतियों से भरा होता
है। दो वर्ष पहले
अखिल भारतीय विहंगम योग संस्थान के वार्षिकोत्सव में
एकत्र हुए थे और एक
बार फिर शताब्दी समारोह के ऐतिहासिक कार्यक्रम
में आने का अवसर मिला।
महर्षि सदाफल देव जी ने पिछली
सदी में ज्ञान व योग की
दिव्य ज्योति प्रज्ज्वलित की थी। इन
सौ वर्षों की यात्रा में
इस ज्योति ने देश-दुनिया
के लाखों-करोड़ों लोगों के जीवन को
परिवर्तित किया है। इस पुण्य अवसर
पर 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का आयोजन हो
रहा है। इस महायज्ञ की
हर एक आहुति से
विकसित भारत का संकल्प और
सशक्त होगा। यह मंदिर अध्यात्म,
इतिहास व संस्कृति का
जीवंत उदाहरण है। इस मंदिर की
दिव्यता जितना आकर्षित करती है, इसकी भव्यता हमे उतना ही अचंभित भी
करती है। स्वर्वेद मंदिर भारत के सामाजिक और
आध्यात्मिक सामर्थ्य का एक आधुनिक
प्रतीक है। इसकी दीवारों पर स्वर्वेद को
बड़ी सुंदरता के साथ अंकित
किया गया है। वेद, उपनिषद, रामायण, गीता और महाभारत आदि
ग्रन्थों के दिव्य संदेश
भी इसमें चित्रों के जरिये उकेरे
गए हैं। इसलिए ये मंदिर एक
तरह से अध्यात्म, इतिहास
और संस्कृति का जीवंत उदाहरण
है। भारत ने कभी भौतिक
उन्नति को भौगोलिक विस्तार
और शोषण का माध्यम नहीं
बनने दिया। भौतिक प्रगति के लिए भी
हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों
की रचना की।
भारत को कमजोर करने के लिए प्रतीकों को निशाना बनाया गया
पीएम ने कहा कि
जब मैंने स्वर्वेद महामंदिर का दौरा किया
तो मैं मंत्रमुग्ध हो गया३ वेदों,
उपनिषदों, रामायण, गीता और महाभारत की
दिव्य शिक्षाओं को स्वर्वेद महामंदिर
की दीवारों पर चित्रों के
माध्यम से चित्रित किया
गया है..” भारत की आध्यात्मिक संरचनाओं
के आसपास ही हमारी शिल्प
और कला ने अकल्पनीय ऊंचाइयों
को छुआ. यहां से ज्ञान और
अनुसंधान के नए मार्ग
खुले. उद्यमों और उद्योगों से
जुड़ी असीम संभावनाओं का जन्म हुआ.
आस्था के साथ-साथ
योग जैसे विज्ञान फले-फुले, और यहीं से
पूरे विश्व के लिए मानवीय
मूल्यों की अविरल धाराएं
भी बही. गुलामी के कालखंड में
जिन अत्याचारियों ने भारत को
कमजोर करने का प्रयास किया,
उन्होंने सबसे पहले हमारे प्रतीकों को ही निशाना
बनाया. आजादी के बाद इन
सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण आवश्यक
था. प्रधानमंत्री ने कहा कि
भारत ऐसा राष्ट्र है, जो सदियों तक
विश्व के लिए आर्थिक
समृद्धि व भौतिक विकास
का उदाहरण रहा है। हमने प्रगति के प्रतिमान गढ़े
हैं और समृद्धि के
सोपान तय किए हैं।
हमने काशी जैसे जीवंत सांस्कृतिक केंद्रों का आशीर्वाद लिया।
कोणार्क जैसे मंदिर बनाए। सारनाथ व गया में
प्रेरणादायी स्तूपों का निर्माण किया।
तक्षशिला व नालंदा जैसे
विश्वविद्यालयों की स्थापना की
गई। पीएम ने कहा कि
आज तीर्थों का विकास भी
हो रहा है और भारत
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में नए रिकॉर्ड भी
बना रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम की भव्यता भारत
के अविनाशी वैभव की गाथा गा
रही है। महाकाल का महालोक अमरता
का प्रमाण दे रहा है।
केदारनाथ धाम भी विकास की
नई ऊंचाइयों को छू रहा
है। बुद्ध सर्किट का विकास कर
भारत दुनिया को बुद्ध की
तपोभूमि पर फिर आमंत्रित
कर रहा है। अगले कुछ सप्ताह में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी
पूरा होने जा रहा है।
बनारस की झलक दिखा देती है देश में विकास की रफ्तार
पीएम ने कहा कि
देश में विकास की रफ्तार क्या
है, इसकी झलक अकेला बनारस ही दिखा देता
है। काशी विश्वनाथ परिसर धाम के निर्माण को
पिछले सप्ताह दो वर्ष पूरे
हुए। इसके बाद से बनारस में
रोजगार, व्यापार व कारोबार नई
तेजी पकड़ चुका है। पहले एयरपोर्ट पर पहुंचते ही
चिंता होती थी कि शहर
तक कैसे पहुंचेंगे। टूटी सड़कें और हर ओर
अव्यवस्था यही बनारस की पहचान थी,
लेकिन अब बनारस का
मतलब है विकास,
आस्था के साथ आधुनिक
सुविधाएं। अब बनारस का
मतलब है स्वच्छता और
बदलाव। बनारस आज विकास के
अद्वितीय पथ पर अग्रसर
है। वाराणसी में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 9 साल
में अद्वितीय कार्य हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री
अनिल राजभर, आचार्य स्वतंत्र देव जी महराज, संत
प्रवर विज्ञान देव जी महराज आदि
मौजूद रहे।
पीएम ने लोगों से किए नौ आग्रह
’पहला आग्रहः’ पानी की बूंद- बूंद
बचाइए, जल संरक्षण के
लिए अधिक से अधिक लोगों
को जागरूक कीजिए।
’दूसरा आग्रहः’ गांव-गांव जाकर लोगों को डिजिटल लेनदेन
के प्रति जागरूक कीजिए व ऑनलाइन पेमेंट
सिखाइए।
’तीसरा आग्रहः’ अपने गांव-मोहल्ले-शहर को स्वच्छता में
नंबर एक बनाने के
लिए कार्य कीजिए।
’चौथा आग्रहः’ स्थानीय उत्पादों को प्रमोट कीजिए।
मेड इन इंडिया प्रोडक्ट
का प्रयोग कीजिए।
’पांचवां आग्रहः’ जितना हो सके, पहले अपने देश को देखिए। अपने
देश में घूमिए। जब तक पूरा
देश नहीं देख लेते, विदेशों में जाने का मन नहीं
बनाना चाहिए। धन्नासेठों से भी कहता
हूं कि विदेशों में
जाकर शादी क्यों करते हैं। भारत में शादी करो।
’छठवां आग्रहः’ प्राकृतिक खेती के प्रति अधिक
से अधिक किसानों को जागरूक करते
रहिए।
’सातवां आग्रहः’ मिलेट्स (श्रीअन्न) को रोजमर्रा के
खाने में शामिल कीजिए।
’आठवां आग्रहः’ फिटनेस (योग, खेल) को जीवन का
अभिन्न हिस्सा बनाइए।
’नौवां आग्रहः’ कम से कम
एक गरीब परिवार का संबल बनिए।
भारत में गरीबी दूर करने के लिए यह
जरूरी है।
दिव्य संदेश चित्रों के जरिये उकेरे
पीएम मोदी ने कहा कि
स्वर्वेद मंदिर भारत के सामाजिक और
आध्यात्मिक सामर्थ्य का एक आधुनिक
प्रतीक है। इसकी दीवारों पर स्वर्वेद को
बड़ी सुंदरता के साथ अंकित
किया गया है। वेद, उपनिषद, रामायण, गीता और महाभारत आदि
ग्रन्थों के दिव्य संदेश
भी इसमें चित्रों के जरिये उकेरे
गए हैं। इसलिए ये मंदिर एक
तरह से अध्यात्म, इतिहास
और संस्कृति का जीवंत उदाहरण
है।
साधना का अद्भूत संगम है स्वर्वेद महामंदिर : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का
स्वागत किया। उन्होने स्वर्वेद महामंदिर की चर्चा करते
हुए कहा कि जब एक
संत की साधना मुहूर्त
रूप लेता है, तो इस प्रकार
का एक धाम बनकर
तैयार होता है। सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज जिन्होंने
देश की आजादी के
लिए संघर्ष किया था, जिन्होंने उत्तराखंड के गढ़ आश्रम
के शून्य शिखर पर साधनारत होकर
आध्यात्मिक जगत की अनुभूतियों के
माध्यम से भारत की
आध्यात्मिक ज्ञान के परंपरा को
वेद, उपनिषदों के उसे परंपरा
को बहुत ही सरल व
सहज भाषा में अपने अनुयायियों व भक्तों के
लिए सर्व वेद के माध्यम से
प्रस्तुत किया, आज उसका मूर्त
रूप सबको देखने को मिल रहा
है। मुख्यमंत्री ने कहा कि
हम आज नए भारत
की अनुभूति कर रहे हैं।
यह नया भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में
दुनिया का मार्गदर्शन कर
रहा है। आज देश का
हर नागरिक अपनी विरासत पर गौरव की
अनुभूति कर रहा है।
उन्होंने कहा कि काशी में
काशी विश्वनाथ धाम में विगत 1 वर्ष के अंदर 13 करोड़
से अधिक देश-विदेश से श्रद्धालुओं एवं
अनुयायियों का आना, पूरा
देश की ओर भारत
की विरासत पर योग की
परंपरा हो या जिस
कुंभ में 1954 में सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज ने
अपनी भौतिक लीला का विसर्जन करते
हुए आध्यात्मिक जगत में शून्य की शिखर पर
स्वयं प्रवेश किया था। कुंभ की उसे महान
परंपरा को चाहे वह
दुनिया के मूर्त सांस्कृतिक
धरोहर के रूप में
मान्यता देना हो या फिर
उत्तराखंड में केदारपुरी के पुनर्निर्माण का
कार्य हो या महाकाल
की महलोक के निर्माण का
कार्य हो, 500 वर्षों के इंतजार के
बाद अयोध्या में श्री श्रीराम मंदिर के भव्य निर्माण
का कार्य हो, हर भारतवासी का
मन अपनी विरासत पर गौरव की
अनुभूति करता दिखाई देता है।
ये नया भारत, मोदी की गारंटी का देश है : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी का जनसभा में
स्वागत करते हुए कहा कि ये नया
भारत मोदी की गारंटी का
है। देश के अंदर ये
परिवर्तन विश्वास का परिवर्तन है।
ये नया भारत मोदी की गारंटी का
है। उन्होने लोगो से इस विकसित
भारत संकल्प यात्रा को आगे बढ़ाने
की अपील करते हुए कहा कि हम 2047 में
भारत को विकसित भारत
बनाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के नेतृत्व में
देशवासी नए भारत की
अनुभूति कर रहे हैं।
140 करोड़ देशवासियों का विश्वास बढ़ा
है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि
देश में पहली बार गरीब किसी सरकार का एजेंडा बने
हैं। बिना किसी भेदभाव के। यह मोदी की
गारंटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाभार्थियों से सीधा संवाद
करने की चर्चा करते
हुए उन्होंने कहा कि पहली बार
देश का कोई प्रधानमंत्री
समाज के अंतिम पंक्ति
में बैठे लोगों के साथ मिल-बैठकर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन व
उसके प्रगति की जानकारी ले
रहे हैं। इतना ही नहीं लोगों
के हितों के लिए आगे
और क्या किया जा सकता है
उसकी भी चर्चा प्रधानमंत्री
सीधे लोगों से कर रहे
हैं। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन
लोगो के विश्वास का
है। मुख्यमंत्री ने विकसित भारत
संकल्प यात्रा के अंतर्गत मोदी
गारंटी वाली गाड़ी की चर्चा करते
हुए कहा कि यह भी
लोग पहली बार देख रहे हैं कि लाभार्थियों से
सीधा संवाद स्थापित किया जा रहा है।
सरकारी योजनाओं के प्रगति व
उसे प्राप्त करने की बाबत संपूर्ण
जानकारी लाभार्थियों से सीधे प्राप्त
किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोगों ने
पिछले 09 वर्षों में बदलते काशी को देखा है।
देश में पिछले साढ़े 9 साल में जो परिवर्तन देखने
को मिला है वह विश्वास
का परिवर्तन है।
मुख्यमंत्री योगी ने किया काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की सुबह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर व काल भैरव मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इस दौरान उन्होंने बाबा विश्वनाथ का विधिविधान से दर्शन-पूजन व जलाभिषेक किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिवसीय दौरे के क्रम में सीएम योगी काशी में हैं। सोमवार की सुबह केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल के साथ मुख्यमंत्री श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने बाबा का दर्शन-पूजन कर प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की।
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