Sunday, 28 July 2024

भरणी, गण्ड और वृद्धि योग व कृतिका नक्षत्र में मनेगा दूसरा सोमवार, बरसेगी महादेव की कृपा

भरणी, गण्ड और वृद्धि योग कृतिका नक्षत्र में

मनेगा दूसरा सोमवार, बरसेगी महादेव की कृपा 

बाबा विश्वनाथ धाम में आज बाबा का होगा गौरीशंकर स्वरूप 

आज रखा जायेगा सावन के दूसरे सोमवार का व्रत

भगवान शिव भक्तों की करेंगे सभी अधूरी इच्छाएं

सुरेश गांधी

वाराणसी। सावन माह का दूसरा सोमवार 29 जुलाई को है। इस दिन कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि सुबह से लेकर शाम 555 तक रहेगी। उसके बाद षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी। जबकि ब्रह्म मुहूर्त सुबह 415 से 459 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजीत मुहूर्त की शुरुआत दोपहर 1200 बजे से होगी, जो 1255 तक रहेगा। इस दिन अमृत काल का समय सुबह 617 से सुबह 750 तक है। सावन के दूसरे सोमवार पर भरणी, गण्ड, वृद्धि योग और कृतिका नक्षत्र समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि सावन का दूसरा सोमवार रुद्राभिषेक के लिए सबसे अच्छा समय है।

सावन माह में जो भक्त सच्चे मन से शिव जी और माता पार्वती की पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं, उन्हें सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सावन सोमवार पर राहुकाल में पूजा करना बहुत शुभ होता है। हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत महत्व होता है। यह पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इसका हर दिन बेहद विशेष होता है। भगवान शिव को यह महीना प्रिय होता है। इस कारण भक्त तरह-तरह के कार्य कर, उन्हें प्रसन्न करते हैं। वैसे तो सावन के महीने में कभी भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है, क्योंकि इसके सभी दिन विशेष होते हैं, लेकिन रुद्राभिषेक के लिए शिव वास देखा जाता है। ऐसे में सावन के दूसरे सोमवार पर सुबह से लेकर शाम 05.55 तक शिव वास रहेगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत करने और विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने से मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख समृद्धि प्राप्त होती है। कहा जाता है कि सावन सोमवार पर राहुकाल में पूजा करना बहुत शुभ होता है। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। सावन के दूसरे सोमवार पर राहुकाल का समय सुबह 07.23 से 09.04 तक रहेगा।

विधि  

1. सावन सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.

2. अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और नवग्रहों की शांति के लिए सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक जरूर करना चाहिए.

3. अगर सावन में पूरे माह शिव पूजा नहीं कर सकते हैं, तो सावन सोमवार पर भोलेनाथ का जलाभिषेक जरूर करें.

4. सावन सोमवार के दिन शिव मंत्रों का जाप करें. ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.

5. भगवान शिव कृपा पाने के लिए सावन सोमवार के दिन शिव पुराण जरूर सुनें या पढ़ें.

6- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।

7- घर की साफ-सफाई करें और पूजा स्थल को साफ कर शुद्ध कर लें

8- शहद, दूध, दही, घी और जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।

9- इसके बाद शिवलिंग पर बेल पत्र, धतूरा, और भांग आदि पूजा सामग्री चढ़ाएं।

10- भगवान शिव की पूजा करने के बाद, भगवान गणेश और माता पार्वती की भी पूजा करें।

11- अब शिव चालीसा का पाठ करें और पूजा के बाद आखिर में आरती कर मंत्रों का जाप करें।

12- सावन सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो अन्न का सेवन करें। दिन में एक समय फलाहार करें।

मंत्रों का करें जाप

त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। नमः शिवाय।।

उपाय

सावन सोमवार के दिन सफेद रंग के कपड़े पहनना भी शुभ माना गया है। शिवजी को यह रंग भी प्रिय है। सफेद रंग शांति, शुद्धता और सरलता का प्रतीक माना जाता है। सफेद रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने वातावरण शुद्ध दिव्य बन जाता है। सफेद रंग के कपड़े पहने भोलेनाथ की उपासना करने से मन को शांति मिलती है।

सावन में हरे रंग के कपड़े पहनने से भोलेशंकर प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि हरे रंग को प्रकृति से जोड़ कर देखा गया है और भगवान शिव को प्रकृति से अत्यंत प्रेम है। हरे रंग के कपड़े पहनकर सावन सोमवार की पूजा करने शिवजी के साथ माता पार्वती की भी कृपा मिलती है। हरा रंग जीवन में खुशहाली और सकारात्मकता लाता है।              

सावन सोमवार की पूजा आसमानी रंग के कपड़े पहनकर भी किया जा सकता है। माना जाता है कि आसमानी रंग भी भोले भंडारी को अति प्रिय है। नीला रंग आकाश, समुद्र और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

आसमानी, हरा और सफेद के अलावा पीला, केसरिया और लाल रंग के कपड़े पहनकर भी शिवजी की आराधना करना फलदायी साबित होगा। इन रंगों के कपड़े पहनकर सावन सोमवार की पूजा करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। काला और नीला रंग के कपड़े पहने शिवजी की पूजा नहीं करनी चाहिए। ये रंग शुभ नहीं माना गया है।

सावन सोमवार के दिन शिवलिंग का जल से अभिषेक जरूर करें।

सावन सोमवार व्रत में अन्न का सेवन नहीं करें केवल फलाहार ही करें।

सावन के दूसरे सोमवार के दिन शिवजी को भांग, दही, दूध, शहद, मालपुआ, सफेद बर्फी और पंचामृत का भोग लगाएं।

शिवलिंग पर सिंदूर, हल्दी, तुलसी, केतकी के फूल और टूटे हुए चावल अर्पित करें।

शिवलिंग पर कभी भी शंख से जलाभिषेक करें। शिवजी की पूजा में शंख का इस्तेमाल वर्जित माना गया है।

शिवलिंग पर नारियल का पानी भी भूलकर अर्पित करें। वरना शिवजी आपसे नाराज हो सकते हैं।

शिवलिंग पर कटे-फटे और खंडित बेलपत्र भी नहीं चढ़ाना चाहिए।

बाबा विश्वनाथ धाम में आज बाबा

का होगा गौरीशंकर स्वरूप

श्रावण मास के दूसरे सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के गौरी शंकर स्वरूप का श्रृंगार होगा। महादेव के भक्त बाबा के शंकर पार्वती स्वरूप का दर्शन पाएंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रावण मास के हर सोमवार को विशेश्वर के अलग-अलग स्वरूप का श्रृंगार किया जा रहा है। बता दें, श्रावण मास का कल दूसरा सोमवार है। इस वर्ष सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। बाबा हर सोमवार को अलग-अलग स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। बाबा के भक्त श्री विश्वेश्वर के चौखट तक सरलता और सुगमता से पहुंच कर जलाभिषेक कर सकें, इसके लिए योगी सरकार लगातार व्यवस्थाओं में बढ़ोतरी और सुधार करती जा रही है। इसके तहत सावन के दूसरे सोमवार से दर्शनार्थियों को भीड़ से बचाने के लिए एक लाइन लगाई जाएगी और धाम की क्षमता के अनुसार ही बैरिकेडिंग कर भक्तों को धाम में प्रवेश दिए जाने की व्यवस्था बनाई गई है। श्रावण मास के प्रथम सोमवार को भी बाबा विश्वनाथ के स्वरूप का श्रृंगार हुआ था। शिव भक्त सावन के दूसरे सोमवार को बाबा के विशेष स्वरूप शंकर पार्वती के रूप में दर्शन पाएंगे। श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि श्रावण मास के दूसरे सोमवार को देवाधिदेव महादेव के गौरी शंकर (शंकर पार्वती) स्वरूप का श्रृंगार होगा। श्री विश्वेश्वर के भक्त बाबा के इस विशेष स्वरूप का दर्शन कर पाएंगे।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

सावन के दूसरे सोमवार को सभी प्रवेश मार्गों से कतार व्यवस्था को एकीकृत करते हुए सिंगल लाइन की व्यवस्था रखी गई है, जिससे दर्शनार्थियों को लाइन व्यवस्था में भीड़ का सामना करना पड़े। प्रत्येक 50 मीटर पर लाइन व्यवस्था को नियंत्रित रखने के लिए बैरियर लगाया गया है। धाम में लगे बैरिकेडिंग की क्षमता के अनुसार ही दर्शनार्थियों को छोड़ा जाएगा। सावन के पहले सोमवार की भांति दूसरे सोमवार को भी नंदूफारिया, सिल्को गली, ढुंढिराज गणेश, ललिता घाट, सरस्वती फाटक प्रवेश मार्ग से श्रद्धालु बाबा के चौखट तक पहुंच पाएंगे। सीएम योगी पहले सोमवार को बाबा के दर्शन करने पहुंचे थे। सीएम ने सभी अधिकारियों को आस्था के साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी विशेष जोर देने का निर्देश दिया था।

 

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