Tuesday, 6 August 2024

मुठभेड़ में दबोचा गया गोरखपुर का अपराधी, तमंचा व कारतूस बरामद

मुठभेड़ में दबोचा गया गोरखपुर का अपराधी, तमंचा कारतूस बरामद

सात जिलों में दर्ज है 28 मुकदमे, 25वीं बार गया जेल

उसके पास से एक तमंचा-कारतूस, एक चेन, एक कंगन, एक अंगूठी, दो टप्स, एक लॉकेट, एक बाइक, तीन मोबाइल और 1200 रुपये बरामद हुए

सुरेश गांधी

वाराणसी। गोरखपुर के खानीपुर, जैतपुर निवासी सुरेंद्र जायसवाल उर्फ सुरेंद्र तिवारी को कैंट थाने की पुलिस ने अनौला, टकटकपुर में मुठभेड़ में गिरफ्तार किया। पुलिस के असलहे से निकली गोली सुरेंद्र के दाएं पैर में लगी है। उसके खिलाफ संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज, गोरखपुर और वाराणसी जिले में लूट और उचक्कागिरी जैसे 28 मुकदमे दर्ज हैं। गिरफ्तार होने से पहले सुरेंद्र 24 बार जेल जा चुका है। उसके पास से एक तमंचा-कारतूस, एक चेन, एक कंगन, एक अंगूठी, दो टप्स, एक लॉकेट, एक बाइक, तीन मोबाइल और 1200 रुपये बरामद हुए। उसे अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया। 

डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीना ने बताया कि एडीसीपी सरवणन टी के नेतृत्व में एसीपी कैंट विदुष सक्सेना और कैंट थानाध्यक्ष राजू सिंह उनकी टीम के दरोगा सुरेंद्र कुमार शुक्ला, गौरव कुमार मिश्रा आयूष पांडेय अनौला, टकटकपुर क्षेत्र में चेकिंग कर रहे थे। एक बाइक सवार युवक को पुलिस टीम ने रुकने का इशारा किया तो वह तेजी से भागा। पुलिस टीम ने पीछा कर उसे घेर लिया तो उसने फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली बदमाश के दाएं पैर में लगी। बदमाश का उपचार कराने के बाद उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि हाल के दिनों में कैंट और फूलपुर थाना क्षेत्र में वृद्ध महिलाओं के गहने लेकर भागने की घटना को उसी ने अंजाम दिया था।

डीसीपी वरुणा जोन ने बताया कि कार्रवाई के लिए कैंट थानाध्यक्ष उनकी टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है। पुलिस की पूछताछ में सुरेंद्र ने बताया कि वह रोजाना सुबह अपने घर से तैयार होकर बाइक से निकलता है और लगभग 150 किलोमीटर तक चला जाता है। ठीक-ठाक गहने पहने हुए किसी वृद्धा को अकेले देखता है तो अपनी बाइक रोक देता है। वृद्धा के पास जाकर उनसे ऐसे सम्मान के साथ अभिवादन करता है कि जैसे पुराना परिचित हो। फिर हालचाल लेकर वृद्धा को बातचीत में उलझाकर उनके बच्चों के बारे में जानकारी लेता है और किसी एक बेटे का दोस्त बताता है। 

इसके बाद घर तक छोड़ने की बात कहता है। रास्ते में कहता है कि आपके बेटे ने आपके गहने की मरम्मत कराने के लिए कहा था। इसके बाद मोबाइल फोन से नंबर मिलाकर बात करता है कि वृद्धा को विश्वास हो जाए कि उनके बेटे से गहने की मरम्मत के संबंध में कह रहा है। इसके बाद वृद्धा से गहना लेकर उन्हें दुकान में चलने की बात कह कर बाइक खड़ा करने के नाम पर भाग जाता है। सुरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उचक्कागिरी की कई घटनाओं में उसका नाम प्रकाश में ही नहीं आया है। अन्यथा की स्थिति में मुकदमों की संख्या और ज्यादा होती। बताया कि गहनों को बेचने से जो मिलता है वह उसे कपड़े और जूते खरीदने के साथ ही मौज-मस्ती और लड़कियों पर खर्च करता है। अब पुलिस सुरेंद्र के जमानतदारों का सत्यापन कराएगी। इसके साथ ही उससे गहने खरीदने वालों पर भी शिकंजा कसेगी।

 

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