देव दीपावली : काशी के घाटों पर आज आयेंगी देवताओं की टोली
मां गंगा
के
गला
में
सजेगा
स्वर्णिम
दीयों
का
हार
आस्था की
सीढ़ियों
पर
सनातन
की
ज्योति
से
पूरा
विश्व
होगा
दीप्तिमान
नमो घाट
पर
पर्यटकों
को
रिझा
रहा
75 फीट
का
’नमस्ते’,
उपराष्ट्रपति
करेंगे
उद्घाटन
राज्यपाल आनंदीबेन
पटेल,
केन्द्रीय
मंत्री
हरदीप
पूरी
व
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
भी
रहेंगे
मौजूद
सुरेश गांधी
वाराणसी। अर्द्धचंद्राकार में गंगा के
किनारे चमकते-दमकते घाटों की कतारबद्ध श्रृंखलाएं।
घाटों पर विद्युत झालरों
की झिलमिलाहट व असंख्य दीयों
में टिमटिमाती रोशनी की मालाएं, आकर्षक
आतिशबाजी की चकाचौंध। बजते
घंट-घडियालों व शंखों की
गूंज। आस्था एवं विश्वास से
लबरेज देश-विदेश के
लाखों श्रद्धालु। हर हाथ में
दीपकों से थाली और
मन में उमंगों की
उठान। स्वर्णिम किरणों में नहाएं घाटों
पर अविरल मंत्रोंचार। कल-कल बहती
पतित पावनि मां गंगा। ऐसा
विहगंम व मनोरम दृष्य
मानों देवता वास्तव में इस पृथ्वी
पर दीवाली मनाने आ रहे हो।
मानों गंगा के रास्ते
देवताओं की टोली आने
वाली है और उन्हीं
के स्वागत में काशी के
100 से अधिक घाट 17 लाख
से भी अधिक टिमटिमाती
दीयों की रोशनी में
नहाएं से दिखाई देंगे।
यह सब दृश्य 15 नवंबर देव दीपावली को दिखेगा। दावा है कि अयोध्या दीपोत्सव के बाद अब काशी में दिव्य, भव्य च विहंगम देव-दीपावली की होगी। कहते है इस दिन काशी के घाटों पर एक-दो नहीं, बल्कि साक्षात 33 करोड़ देवी-देवता का वास होता है। इस दिन काशीवासी असंख्य दीप प्रज्ज्वलित कर देवताओं के साथ देव दीपावली मनाएंगे। इस दिव्य एवं भव्य उत्सव का शुभारंभ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दीप प्रज्जवलित करेंगे। इस मौके पर वे नमो घाट का उद्घाटन भी करेंगे।
इस
दौरान उनके साथ राज्यपाल
आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी भी रहेंगे।
उनके स्वागत में ख़ास फायर
क्राकर शो नमो घाट
पर होगा। प्रशासन का दावा है
कि इस दिन जनसहभागिता
से काशी के घाटों,
कुंडों, तालाबों और देवालयों में
17 लाख से अधिक दीप
दीप्तिमान होंगे। पुलिस और जल पुलिस
ने भी सुरक्षा के
पूरे पुख्ता इंतज़ाम कर लिए हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से
वाराणसी को नो फ्लाई
जोन में रखा गया
है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्री
काशी विश्वनाथ और बाबा काल
भैरव का दर्शन भी
करेंगे।
जनसहभागिता से प्रज्ज्वलित होंगे 17 लाख दीप
योगी सरकार देव
दीपावली को भव्य बनाने
के लिए 12 लाख दीपों से
घाटों को रोशन कर
रही है। जन सहभागिता
से इन दीपों की
संख्या 17 लाख के पार
हो जाएगी। 3 लाख से अधिक
दीप गाय के गोबर
से बने हैं। इस
अलौकिक, अप्रतिम और दिव्य दृश्य
को देखने के लिए देशी
और विदेशी पर्यटक बड़े तादाद में
काशी पहुंच रहे हैं। देव
दीपावली पर 10 लाख से अधिक
पर्यटकों के आने की
संभावना है। योगी सरकार
काशी के चेत सिंह
घाट पर 3डी प्रोजेक्शन
मैपिंग लेजर शो आयोजित
करा रही है। घाटों
के किनारे सदियों से खड़ी धर्म,
अध्यात्म, संस्कृत और काशी के
पौराणिक इतिहास की गवाह इमारतों
पर सनातन की शाश्वत कहानी
जीवंत होती दिखेगी। काशी
का धार्मिक इतिहास दिखाया जाएगा। पर्यटक गंगा पार रेत
पर शिव के भजनों के
साथ ग्रीन क्रैकर्स लेज़र शो भी
आनंद ले सकेंगे।
सुरक्षा के किये गए पुख़्ता इंतज़ाम
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी को नो फ्लाई जोन घोषित करते हुए काशी के घाटों पर ड्रोन, पतंग, गुब्बारे, रिमोट संचालित माइक्रो लाइट्स एयरक्राफ्ट ,पैराग्लाइडर आदि बिना अनुमति के उड़ाना प्रतिबंधित है। घाटों पर वाच टावर से निगरानी रखी जाएगी। पर्यटकों की बड़ी तादाद देखते हुए चिकित्सकों की टीम को अलर्ट रखा गया है। गंगा में फ्लोटिंग डिवाइडर से लेन बनाया गया है। नाविकों को निर्धारित पर्यटकों को बैठाने व लाइफ जैकेट पहनने की हिदायत दी गई है।
प्रशासन ने
नाविकों को हिदायत दी
है सभी पर्यटकों को
लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य है। नाव पर
व्यक्तियों की क्षमता लिखी
होनी चाहिए। नाविकों को पर्यटकों से
अच्छा व्यवहार करने की नसीहत
भी दी गई है।
एनडीआरएफ की टीम बचाव
उपकरणों, मेडिकल टीम वाटर एम्बुलेंस
के साथ विभिन्न घाटों
पर श्रद्धालुओं के निःशुल्क उपचार
हेतु मौजूद रहेगी। फायर ब्रिगेड के
जवान भी मुस्तैद रहेंगे।
जल पुलिस के जवान गंगा
में तैनात रहेंगे। श्रद्धालुओ व पर्यटकों की
भारी भीड़ के अनुमान
से ट्रैफिक डाइवर्जन व पार्किन सुनिश्चित
कर दिया गया है।
दशाश्वमेध घाट पर होगी महाआरती
दशाश्वमेध घाट पर नियमित
होने वाली माँ गंगा
की आरती को देव
दीपावली पर भव्य स्वरूप
दिया जा रहा है।
धर्म के साथ राष्ट्रीयता
और सामाजिकता का सन्देश देने
वाली ये महाआरती कारगिल
युद्ध के शहीदों को
समर्पित रहती है। इस
वर्ष शौर्य की रजत जयंती
के रूप में मनाई
जा रही है। भारत
के अमर वीर योद्धाओं
को ‘‘भगीरथ शौर्य सम्मान‘‘ से सम्मानित भी
किया जाएगा है। 21 अर्चक व 42 देव कन्याएं
ऋद्धि-सिद्धि के रूप में
दशाश्वमेध घाट पर महाआरती
करेंगी। शंख नाद और
डमरुओं की निनाद से
घाट गूंजेंगे। गंगा के निर्मलीकरण
और स्वच्छता का संदेश-संकल्प
भी दिलाया जाएगा।
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